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एक तरफ इंग्लैंड के सेलेक्टर्स टेलेंट की कमी की शिकायत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ काउंटी चैंपियनशिप 2022 सीजन में एक प्रदर्शन ऐसा हुआ- जिसकी पूरी क्रिकेट की दुनिया में चर्चा हुई। जो क्रिकेट खेली, वह तो अद्भुत है ही- क्रिकेटर का नाम भी ध्यान देने वाला है। मैच कैंटरबरी में लेंकशायर- केंट। जब चौथे और आख़िरी दिन का खेल शुरु हुआ तो लगा था कि लेंकशायर को 1-2 घंटे में जीत मिल जाएगी।   
केंट की ‘टेल’ का बहरहाल इरादा कुछ और था। निचले बल्लेबाजों ने अपने इन-फॉर्म ओपनर बेन कॉम्पटन का पूरा साथ दिया। कॉम्पटन- पहली पारी में 104*  जिसमें पारी शुरू कर आखिर तक आउट न होने का रिकॉर्ड और दूसरी पारी में भी वह आखिर तक पिच पर थे और अपनी टीम के लिए एक ऐतिहासिक ड्रा हासिल करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे थे।
हालांकि, आखिर में लेंकशायर ने आख़िरी सैशन में मैच 10 विकेट से जीत लिया पर कॉम्पटन के दूसरी पारी के 115 रन, तब भी एक अनोखा रिकॉर्ड थे और उनकी इस कोशिश की चर्चा हमेशा होगी। इस सीज़न में नॉटिंघमशायर (उनके लिए : 10 प्रथम श्रेणी मैच में 44.38 औसत) से केंट आए कॉम्पटन का सबसे बड़ा रिकॉर्ड- केंट के लिए अपनी पहली तीन पारियों में तीन शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर।  
जिस मैच का ऊपर जिक्र है- उससे पहले, एसेक्स के विरुद्ध ड्रा मैच में, बेन कॉम्पटन ने 289 गेंदों पर 129 रन बनाए थे। इस तरह- 3 पारी में 3 शतक। उनके इन्हीं 129 की बदौलत, केंट ने पहली पारी में 581 का स्कोर बनाया था।  
लेंकशायर के विरुद्ध मैच में 856 मिनट एक चट्टान की तरह बल्लेबाजी और 219 रन जुटाए। दूसरी पारी की कोशिश तो इसलिए और भी ख़ास कि केंट का स्कोर एक समय में 82/7 था।फिर भी, कॉम्पटन और निचले बल्लेबाजों ने 73.5 ओवर और बल्लेबाजी की और लेंकशायर को  जीत के लिए बल्लेबाजी पर मजबूर करने के लिए 198 रन जोड़े। कुछ ख़ास बातें नोट कीजिए : *  3 पारी में कॉम्पटन ने 20 घंटे 35 मिनट तक बल्लेबाजी की, 918 गेंदों पर 345 रन बनाए। *  115 के स्कोर वाली पारी में जब 99 पर थे तो दबाव ऐसा कि टॉम बेली की 24 डॉट गेंद खेलीं और 37 मिनट के उस दौर में दो पार्टनर खो दिए।  *  विरुद्ध लेंकशायर :   पहली पारी में 289 गेंद पर 104*- पारी शुरू कर आखिर तक आउट नहीं    दूसरी पारी 340 गेंद पर 115 रन- ओपनिंग की और आखिर में आउट।
*  कुल 629 गेंद- क्रीज पर 220.4 ओवर तक।
*  उनके सामने दूसरे छोर पर 19 विकेट गिरे। *  प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सिर्फ 6 बल्लेबाज ने मैच की दोनों पारी में ओपनिंग की और आखिर तक आउट नहीं हुए : हैरी जुप्प, सेप्टिमस किनेयर, सेसिल वुड, विजय मर्चेंट, जिमी कुक और सुधाकर रेड्डी। इस लिस्ट में बेन का नाम आते -आते रह गया।  
*  काउंटी चैम्पियनशिप मैच में सबसे ज्यादा मिनट बल्लेबाजी: 856-  बीजी कॉम्पटन 104* और 115 केंट-लेंक, कैंटरबरी 2022
824- एच हमीद 111 और 114* नॉट्स-वूरस्टर 2021*  एक काउंटी चैम्पियनशिप मैच की दोनों पारियों में शतक और पूरी पारी में बल्लेबाजी: सीजेबी वुड 107* और 117* लेसेस- यॉर्क्स, ब्रैडफोर्ड 1911 एफएस ली 109* और 107 वूरस-समर, वूरस्टर 1938 एसजे कुक 120* और 131* समर-नॉट्स, नॉटिंघम 1989 बीजी कॉम्पटन 104* और 115 केंट- लैंक्स, कैंटरबरी 2022
*  प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सिर्फ दो खिलाड़ियों ने दोनों पारी में शतक बनाया और आखिर तक आउट नहीं हुए :सीजेबी वुड 107* और 117* लेसेस-यॉर्क्स, ब्रैडफोर्ड 1911 एसजे कुक 120* और 131* समर-नॉट्स, नॉटिंघम 1989
* भारत के संदर्भ के लिए- विजय मर्चेंट ने 135* और 77* बनाए थे इंडियन इलेवन-लेंकशायर मैच में एगबर्थ, लिवरपूल में 1936 में और डी सुधाकर रेड्डी ने 91* और 30* बनाए थे आंध्र-केरल मैच में मेडिकल कॉलेज ग्राउंड, कोझीकोड में 1991/92 में। 
ऐसा नहीं है कि इस 28 साल के बल्लेबाज ने अचानक इतने रन बनाना शुरू कर दिया। इस साल जनवरी-फरवरी में माउंटेनियर्स के लिए जिम्बाब्वे घरेलू क्रिकेट सीजन से अपनी फॉर्म को जारी रखा है- वहां स्कोर 79, 41*, 42, 109*, 102, 13*, 0 और 33* थे। काउंटी चैम्पियनशिप में, बेहतर गेंदबाजी आक्रमण के सामने अपने खेल को और बेहतर स्तर पर ले गए। अभी तो सीजन शुरू ही हुआ है..।   

बेन कॉम्पटन ने खुद किसी भी रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचा था- अपना रोल निभाया। लेंकशायर के विरुद्ध मैच के बाद जब हर रिपोर्टर उनसे कोई बाईट चाह रहा था तो बेन माफी मांग रहे थे- ‘मैं बुरी तरह से थक गया हूं।’ उनकी ये बात गलत नहीं थी- केंट की 10 विकेट की हार के हर मिनट वे ग्राउंड पर थे। मैच में 856 मिनट तक बल्लेबाजी काउंटी चैम्पियनशिप रिकॉर्ड है और 629 गेंदों का सामना किया।
क्या आपने नाम पर ध्यान दिया- कॉम्पटन नाम क्रिकेट में बल्लेबाजी की महान परंपरा की पहचान है- बेन बेटे हैं पैट्रिक कॉम्पटन के, पोते हैं डेनिस कॉम्पटन के पर उन पर दादा की तुलना में, चचेरे भाई निक का प्रभाव ज्यादा है। डेनिस का निधन हुआ तो वे लगभग चार साल के थे- जबकि निक की क्रिकेट को ज्यादा नजदीक से देखा। 
यह उन दुर्लभ मैच में से एक रहा जिसमें व्यक्तिगत उपलब्धि को मैच के नतीजे के साथ रैंक किया जा सकता है- सिर्फ रिकॉर्ड के लिए बल्लेबाजी नहीं की। कॉम्पटन को प्रथम श्रेणी मैच की दोनों पारियों में ओपनिंग के बाद आखिर तक आउट न होने वाले सिर्फ सातवें बल्लेबाज बनने से रोक दिया पर इस सीजन में उनके तीन शतकों के आंकड़े आज भी दिमाग को चकरा देते हैं : 11 दिनों में 345 रन, 918 गेंद खेलीं और 20 घंटे 35 मिनट तक बल्लेबाजी की। ये ऐसी पारी रही हैं जिन पर उनके दादा को भी गर्व होता।
–  चरनपाल सिंह सोबती 

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