पिछले कुछ दिनों में, आपस में हज़ारों मील की दूरी पर दो अलग- अलग टेस्ट सीरीज में लगभग एक से फैसले लिए गए :
- विराट कोहली ने केपटाउन टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन में उमेश यादव को वरीयता दी- इशांत शर्मा बाहर। वैसे तो ये दोनों ही टीम की पहली जरूरत नहीं थे पर चोटिल मोहम्मद सिराज ने एक जगह बना दी थी। आम तौर पर टॉस-अप में ज्यादा वोट,100 से ज्यादा टेस्ट खेलने के अनुभव वाले, इशांत के लिए थे पर कोहली ने उमेश को चुना।
- जिमी एंडरसन को इंग्लैंड ने होबार्ट टेस्ट में नहीं खिलाया- इंग्लैंड वाले 169 टेस्ट के अनुभव वाले इस क्रिकेटर न खिलने को भले ही इज्जत के साथ ‘रोटेशन पॉलिसी’ का नाम देते रहें- पर सच ये है कि टीम उनके ‘बिना’ खेलना चाहती थी- हार और जीत की चिंता किए बिना।
इन दो दिग्गज क्रिकेटरों को करियर और उम्र के इस मुकाम पर टीम से बाहर रखना, महज एक टेस्ट के लिए टीम स्कीम नहीं कह सकते। प्लेइंग इलेवन में जगह न मिलने ने उनके टेस्ट करियर पर सवालिया निशान लगा दिया है।
इशांत शर्मा : 105 टेस्ट में 311 विकेट और भारत की कई जीत में खास भूमिका पर आखिरकार शेल्फ लाइफ भी तो कोई चीज है। सुनील गावस्कर और महेंद्र सिंह धोनी जैसे ‘एक्सपायरी डेट’ से भी पहले फील्ड से हट जाते है तो युवराज और हरभजन जैसे टीम से बाहर होने के बाद, जब कुछ नहीं बचता तो रिटायर होते है लेकिन शिकायत करते रहते हैं। किसे किस ग्रुप में फिट होना है- ये अपना फैसला है। ये कैसे भूल जाएं :
- इशांत शर्मा की उम्र 33+ है और हर पेसर जिमी एंडरसन नहीं हो सकता।
- पिछली 3 टेस्ट पारी में 44 ओवर में 148 रन देकर एक भी विकेट नहीं मिला।
- 2020 के न्यूजीलैंड टूर के बाद से 8 टेस्ट में 14 विकेट 32+ औसत और 72.14 स्ट्राइक रेट से- इस दौर में 8 पेसर में सिर्फ नवदीप सैनी और टी नटराजन की औसत उनसे ख़राब, सिर्फ नटराजन का स्ट्राइक रेट उनसे ख़राब, एक बार भी 4 विकेट नहीं लिए और एक पारी में सबसे बेहतर गेंदबाज़ी के रिकॉर्ड में सिर्फ सैनी और नटराजन से बेहतर।
क्या बेंच स्ट्रेंथ से किसी और को नियमित खिलने का वक्त नहीं आ गया। एक-दो टेस्ट और खिला भी दोगे तो उससे क्या हासिल होगा? अगर इशांत टॉप 5 पेसर में भी नहीं तो यह सोचने की बात है कि उनका क्रिकेट भविष्य क्या है?
जिमी एंडरसन : भारत में इशांत शर्मा के बारे में कोई भी साफ-साफ़ नहीं बोलता पर इंग्लैंड में ऐसा नहीं है। एशेज में इंग्लैंड की चाहे जो दुर्दशा हुई- माइकल वॉन ने इंग्लैंड को सलाह दी है कि बिना देरी, अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज, जिमी एंडरसन को टीम से बाहर कर दो ताकि नया अटैक बनाने की फुर्सत मिले। वे मानते हैं कि हो सकता है ये सीमर अभी भी और एक- दो साल के लिए टॉप प्रदर्शन करे पर इससे भी आगे को देखना है। टेस्ट इतिहास में तीसरे, सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के बारे में ऐसा लिखना आसान नहीं। वह भी तब जबकि इस बार की एशेज में-
- 3 टेस्ट में 8 विकेट 23.37 औसत, 1.72 इकॉनमी रेट और 78 स्ट्राइक रेट से।
- औसत में इंग्लैंड के सबसे कामयाब गेंदबाज, अकेले जिसका इकॉनमी रेट 2 से भी कम लेकिन स्ट्राइक रेट में सातवें नंबर पर।
तब भी ओली स्टोन और साकिब महमूद को नियमित खिलाने की बात हो रही है। वार्न और ग्लेन मैकग्रा तब रिटायर हुए जब, चाहते तो एक- दो साल और खेल सकते थे। सिर्फ इसलिए कि अभी भी तसल्ली वाला प्रदर्शन कर सकते हैं- इसका मतलब ये नहीं कि खेलते रहो और टीम की आगे की तैयारी रोक दो। ऑस्ट्रेलिया में अगली सीरीज खेलने से पहले इंग्लैंड करीब 60 टेस्ट और खेल चुका होगा- जिनके साथ अगली एशेज को वहां जीतना है उन्हें सिर्फ 5-10 टेस्ट नहीं, ज्यादा खेलने दो।
क्या ये सब बातें इशांत शर्मा पर भी लागू नहीं होतीं? दोनों ने अपनी -अपनी टीम के लिए जो किया उसका शुक्रिया। समय बदलता है और उसे पहचानना एक आर्ट है।
- चरनपाल सिंह सोबती