29 अप्रैल तक आईपीएल 2022 में :
– चेन्नई सुपर किंग्स का रिकॉर्ड : 8 मैच में 2 जीत और पॉइंट तालिका में सिर्फ मुंबई इंडियंस से ऊपर। – रवींद्र जडेजा का रिकॉर्ड : 8 पारी में 112 रन 22.40 औसत और 121 + स्ट्राइक रेट से तथा 5 विकेट 8.19 इकॉनमी रेट से। इस प्रदर्शन में ख़ास बात : सर्वोच्च स्कोर- 28 गेंदों में 26* रन। मुंबई इंडियंस के विरुद्ध आखिरी गेंद पर जीत में, 4 ओवर में 30 रन दिए बिना विकेट, दो आसान कैच गिराए।
क्या ये उस ऑलराउंडर का रिकॉर्ड लगता है जो न सिर्फ टीम इंडिया के लिए खेलता है- आज की क्रिकेट में जिसे विश्व के टॉप ऑलराउंडर में गिनते हैं। कोई भी ये रिकॉर्ड देखकर पूछ सकता है- रवींद्र जडेजा को क्या हो गया है? चेन्नई सुपर किंग्स के इस सीजन के खराब रिकॉर्ड के लिए अकेले रवींद्र जडेजा जिम्मेदार नहीं पर रवींद्र जडेजा की इस साधारण क्रिकेट के लिए चेन्नई सुपर किंग्स की मुश्किलों और ऐसे सीजन में उनकी कप्तानी के दबाव को किसी हद तक जिम्मेदार ठहराने वालों की गिनती बहुत ज्यादा है।
इस समय तक का रिकॉर्ड किसी फ्रिंज खिलाड़ी के लिए तो सहन किया जा सकता है- उस टॉप ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के लिए नहीं, जिसे भारत में सब जानते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स ने जडेजा को रिटेन करने पर सबसे ज्यादा 16 करोड़ रुपये खर्च किए, कप्तान बनाया- इस उम्मीद से कि वह कप्तान के तौर पर उसी सफलता को हासिल करेंगे जो एमएस धोनी को मिली- हाल-फिलहाल तो इसके कोई आसार नजर नहीं आ रहे। वे तो कहीं से भी टीम के लिए मिसाल नहीं दिख रहे।
अगर जडेजा का आईपीएल करियर ग्राफ देखें तो एक बड़ी ख़ास बात सामने आती है। ऐसा नहीं है कि जडेजा का फॉर्म ग्राफ हाल ही में खराब हुआ- वे आईपीएल में टॉप प्रदर्शन के लिए आम-तौर पर जूझते ही रहे हैं। मजेदार संयोग ये कि वे पहली बार अपने आईपीएल प्रदर्शन की बदौलत ही चर्चा में आए पर आईपीएल करियर ग्राफ कतई ऐसा नहीं कि उसे ‘ग्रेट’ कह दें : 208 मैच में 2498 रन 127.77 के स्ट्राइक रेट से और इसमें सिर्फ दो फिफ्टी और 7.64 की इकॉनमी से 132 विकेट 23.96 स्ट्राइक रेट से।
* कम से कम 100 आईपीएल विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से सिर्फ रविचंद्रन अश्विन (24.27) का स्ट्राइक रेट उनसे खराब।* कम से कम 2000 रन बनाने वाले सभी बल्लेबाजों में, जडेजा के नाम सबसे कम फिफ्टी। यहां तक कि उनसे अगला नाम ऋद्धिमान साहा का है और उनके नाम 8 फिफ्टी। * पिछले 14 सीजन में सिर्फ तीन बार जडेजा ने 140+ का स्ट्राइक रेट दर्ज किया है। * सिर्फ एक बार (2019) 15 या ज्यादा विकेट लिए हैं और 7 से कम की इकॉनमी दर्ज की (रिकॉर्ड : 15 विकेट, इकॉनमी रेट 6.35, स्ट्राइक रेट 21.6 और औसत 22.86)।
ये रिकॉर्ड किसी को भी बौखला देगा। कहां तो आईपीएल रिकॉर्ड की बदौलत सीधे टीम इंडिया के लिए खेलने के दावेदार सामने आ रहे हैं और कहां टीम इंडिया के टॉप ऑलराउंडर का आईपीएल रिकॉर्ड इतना साधारण है। इसके बावजूद चेन्नई ने उन पर, धोनी से ज्यादा, 16 करोड़ रुपये खर्च किए।
इसका मतलब तो ये निकला कि टी 20 के मुकाबले, जडेजा अन्य प्रारूपों में ज्यादा प्रभावी ऑलराउंडर हैं। रिकॉर्ड का इशारा तो यही है। टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड 2 शतक, 17 फिफ्टी और औसत 35.76; 60 के स्ट्राइक रेट से 242 विकेट- ये एक बेहतर टेस्ट ऑलराउंडर की पहचान बताता है। इसी तरह से वन डे इंटरनेशनल में रिकॉर्ड 13 फिफ्टी और औसत 32.58; 45.5 के स्ट्राइक रेट से 188 विकेट- ये एक बेहतर वन डे ऑलराउंडर की पहचान बताता है।
हैरानी होती है कि क्यों वे आईपीएल में बेहतर रिकॉर्ड दर्ज नहीं कर पाए? क्या उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी गेंद की स्पिन टी 20 क्रिकेट की जरूरत को पूरा नहीं करती? तब भी जडेजा 200 से ज्यादा आईपीएल मैच खेलने वाले एकमात्र ऑलराउंडर हैं, लेकिन बैट और गेंद दोनों के साथ रिकॉर्ड साधारण से कुछ बेहतर नहीं। इसका मतलब ये हुआ कि जो नाम टेस्ट या वन डे में कमाया, उसी की बदौलत टी 20 में काम चल रहा है। इस बार कप्तानी का दबाव उस साधारण रिकॉर्ड को भी और ख़राब कर रहा है। मुंबई इंडियंस के विरुद्ध मैच इसकी मिसाल है- कोई विकेट नहीं, कैच छोड़े और 8 गेंदों पर सिर्फ तीन रन बनाए। क्या आईपीएल टीम में जगह इतनी सस्ती हो गई है- उस पर ये तो कप्तान का रिकॉर्ड है।
आईपीएल 2021 में जो नाम कमाया वह 2022 सीजन में काम आया और सीएसके के लिए सबसे बड़ी पेमेंट वाले रिटेंशन थे- 16 करोड़ रुपये में ।आईपीएल 2018 प्लेयर ऑक्शन से पहले भी सीएसके ने रिटेन किया था। रवींद्र जडेजा हमेशा एमएस धोनी के गो-टू-मैन रहे- जब पार्टनरशिप तोड़ने की जरूरत थी तो उसे तोड़ा और कई बार नाजुक मौके पर रन बनाए। धोनी ने उन्हें हमेशा एक अतिरिक्त बल्लेबाज गिना- जिस वजह से उनके रिकॉर्ड का सही आंकलन हुआ ही नहीं। आईपीएल 2008 में उनके प्रदर्शन ने राजस्थान रॉयल्स को जीत दिलाने में मदद की और कप्तान शेन वार्न ने “रॉकस्टार” का नाम दिया। 2012 के आईपीएल नीलाम में, जडेजा को चेन्नई सुपर किंग्स ने 9.8 करोड़ रुपये में खरीदकर उस साल की नीलामी का सबसे महंगा खिलाड़ी बना दिया था। दो सीजन के लिए गुजरात लायंस गए पर धोनी की तरह लीग के 11 वें सीजन के लिए सीएसके वापस आ गए थे। तब से इसी टीम की पहचान हैं।
– चरनपाल सिंह सोबती