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कुछ दिन पहले ही कोई नहीं कह रहा था कि दीपक हुड्डा इस साल ऑस्ट्रेलिया में टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह के हकदार हैं। मौक़ा मिलने पर अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर को सही दिशा में कैसे ऊपर उठाना है- इसकी सबसे नई मिसाल दीपक हुड्डा हैं। आयरलैंड टूर पर, रुतुराज गायकवाड़ का चोटिल होने के कारण न खेलना- हुड्डा के लिए मौका लाया।  
टीम में जगह ओपनर के तौर पर बनी उनके लिए और चीफ कोच राहुल द्रविड़ का दीपक में विश्वास काम आया। द्रविड़ करीब ही एजबेस्टन में हैं पर साथ ही, आयरलैंड में जो हो रहा है, उससे जुड़े हुए हैं।

इस तरह हुड्डा ने करियर में पहली बार ओपनिंग की। इसके बाद दीपक हुड्डा की अपनी मेहनत- पहले टी 20 इंटरनेशनल में 12 ओवर के मैच में  47 रन के बाद डबलिन के द विलेज में आयरलैंड के विरुद्ध दूसरे और आख़िरी टी 20 इंटरनेशनल में शानदार शतक (57 गेंदों में 104 रन- 9 चौके और 6 छक्के)। इसी से भारत 225/7 बना सका और आखिर में 4 रन से जीते।  
  सिर्फ 5 टी 20 इंटरनेशनल का करियर जिसमें शतक भी जमाया- भारत के चौथे बल्लेबाज जिनके नाम टी 20 इंटरनेशनल शतक (उनसे पहले : रोहित शर्मा, केएल राहुल और सुरेश रैना)। इनमें से रोहित के नाम चार शतक- राहुल 2 और हुड्डा और रैना 1-1 शतक।  आयरलैंड में इंटरनेशनल शतक बनाने वाले पहले भारतीय-  इससे पहले : 2007 में (दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध) सचिन तेंदुलकर के 99 सबसे बड़ा स्कोर था।  हुड्डा के 104 रन अब इनमें पांचवां सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर। इससे बड़े स्कोर : रोहित 118,111, 106 और राहुल 110 रन।  
  दूसरे विकेट के लिए संजू सैमसन के साथ 176 रन जोड़े- टी 20 इंटरनेशनल में भारत के लिए किसी भी विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी (इसके बाद : इंदौर 2017 में श्रीलंका के विरुद्ध राहुल- रोहित के 165 रन, शिखर धवन-रोहित के 2018 में आयरलैंड के विरुद्ध विरुद्ध 160 रन और दिल्ली 2017 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध रोहित और धवन के बीच 158 रन की साझेदारी।  केप टाउन 2020 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध जोस बटलर- डेविड मालन के बीच 167* किसी भी टीम के लिए टी 20 इंटरनेशनल में दूसरे विकेट की साझेदारी का पिछला रिकॉर्ड था – ये भी टूटा।
*  हुड्डा के 104 रन- आयरलैंड में भारत के किसी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर (पिछला रिकॉर्ड : 2018 में रोहित शर्मा के 97 रन)। 
इनके साथ जिस एक रिकॉर्ड पर किसी ने ध्यान नहीं दिया- इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक बनाने वाले भारत के 100 वें क्रिकेटर बन गए। ये लिस्ट 1933 में लाला अमरनाथ के साथ शुरू हुई थी और इसमें 1992 में 50 वें खिलाड़ी बने थे डब्ल्यूवी रमन।  

और भी कई रिकॉर्ड बनाए हुड्डा ने पर सबसे ख़ास बात करियर के ग्राफ का सही तरफ बढ़ना। लगभग 14 महीने पहले ही तो लगा था कि हुड्डा ने अपने क्रिकेट करियर को ही खत्म कर लिया है- बड़ौदा क्रिकेट के अंदरूनी कलह में  विलेन बन गिने गए थे और नतीजा ये रहा कि घरेलू क्रिकेट के लिए भी उनके पास कोई टीम नहीं थी। इस हालत से न सिर्फ टीम इंडिया में आए, ऑस्ट्रेलिया जाने वाली फ्लाइट में उनके लिए टिकट की वकालत करने वालों की गिनती बढ़ रही है।  हुड्डा वास्तव एक ऑलराउंड पैकेज हैं- टीम की ऑलराउंडर की जरूरत का जवाब। आयरलैंड में हुड्डा ओपनर के तौर पर पहली पसंद नहीं थे। रुतुराज गायकवाड़ चोटिल हुए तो जगह बनी और नंबर 3 हुड्डा, ओपनर बन गए। इस पर मोहर लगाई राहुल द्रविड़ ने। हुड्डा ने इस मौके को बेकार नहीं किया।    
बड़ौदा टीम में क्या हुआ – वे इसे याद नहीं रखना चाहते। राजस्थान ने खेलने का मौका दिया और ‘वापसी’ का सफर शुरू हुआ। 2022 सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 6 मैच में  294 रन।  नई आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेलने का मौका मिला तो आईपीएल 2022 में 451 रन। इससे टीम इंडिया के सेलेक्टर प्रभावित और संयोग ये रहा कि एक साथ, दो टीम बनाने के चक्कर में जगह निकल आई। बहुत कम ऐसा होता है कि एक खिलाड़ी के लिए अचानक ही सब सही होने लगे।  

 निकनेम ‘हरिकेन’। अंडर-19 क्रिकेट से चमके क्रिकेटर। अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत में शतक बनाने वाले बड़ौदा के सिर्फ दूसरे खिलाड़ी। ऐसा नहीं कि इससे पहले नाम कभी चमका नहीं था- 2015 में राजस्थान रॉयल्स के लिए अपने पहले आईपीएल सीज़न में 14 मैचों में 158.94 स्ट्राइक-रेट से  रन बनाए। इसीलिए 2016 आईपीएल नीलामी में, हुड्डा पर सनराइजर्स हैदराबाद ने 4.2 करोड़ रुपये खर्च कर दिए- उनकी बेस कीमत 10 लाख रुपये का 42 गुना ।

खेल रगों में हैं – पिता जगबीर हुड्डा, एयर फोर्स जवान तो साथ में कबड्डी खिलाड़ी भी। जड़ें हरियाणा में हैं, लेकिन एयर फ़ोर्स में पिता की नौकरी के कारण दिल्ली और बड़ौदा में पले-बढ़े। चाहते तो घरेलू क्रिकेट के लिए सर्विसेज का विकल्प चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने बड़ौदा को चुना।  
 हुड्डा को ओपनर बनाने का टीम मैनेजमेंट का प्रयोग कामयाब रहा। अब तक 5 टी 20 इंटरनेशनल में 172 रन – 168+ के स्ट्राइक रेट से। भारत के लिए टी 20 इंटरनेशनल खेले खिलाड़ियों में अपने पहले 5 मैच में हुड्डा के 172 से ज्यादा रन सिर्फ केएल राहुल (179) ने बनाए- जबकि, कम से कम 100 रन बनाने वालों में उनसे बेहतर स्ट्राइक रेट सिर्फ युवराज सिंह (235+) का है। हर पारी का पैटर्न एक ही – शुरू में धीरे और एक बार जम गए तो तेज।  
अभी तो गेंद के साथ हुड्डा का पूरा उपयोग नहीं किया है और 5 मैच में सिर्फ 3 ओवर फेंके पर राहुल द्रविड़ भी मानते है कि आगे से टीम चुनते हुए ही ये ध्यान रखना होगा कि वे 4 ओवर फेंक सकते हैं और टीम का संतुलन उसी तरह बनाया जा सकता है। टी 20 वर्ल्ड कप टीम में अगर वास्तव में खेले तो ये भारत के लिए यह बोनस रहेगा।  
अब ये दीपक हुड्डा पर निर्भर है कि इस बेहतर शुरुआत के बाद अपने करियर को किस तरह से आगे बढ़ाते हैं? – चरनपाल सिंह सोबती

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