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इस इंग्लिश क्रिकेट सीजन में यूं तो इंग्लैंड की टीम कई टेस्ट खेल रही है पर जिसका सबसे बेसब्री से इंतजार है/सीजन का सबसे ख़ास टेस्ट वह एजबेस्टन, बर्मिंघम में खेला जाने वाला है। वैसे भी जब एक टीम भारत हो to टेस्ट का रोमांच अपने आप बन जाता है। तो टेस्ट है 1 से  5 जुलाई तक। अगर नतीजे की बात करें तो भी ये ख़ास है क्योंकि 2021 से शुरू, अधूरी सीरीज का दारोमदार इसी टेस्ट पर है। 2021 में ही खेलते तो टेस्ट खेलते ओल्ड ट्रैफर्ड में। जिनके पास 2021 वाले, न खेले गए टेस्ट के टिकट अभी हैं (यानि कि रिफंड नहीं लिया) वे उसी से इस एजबेस्टन टेस्ट को देख सकते हैं।  
एजबेस्टन स्टेडियम, वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब का होम ग्राउंड है और नियमित टेस्ट, वन डे और टी 20 इंटरनेशनल खेले जाते हैं यहां। स्टेडियम को विश्व स्तर पर क्रिकेट में सबसे अच्छे माहौल के लिए बड़ी तारीफ मिलती है। इंग्लैंड टीम का ये फेवरिट ग्राउंड है। अभी चूंकि टेस्ट खेल रहे हैं इसलिए टेस्ट क्रिकेट को ही, ख़ास तौर पर, चर्चा में लेंगे।  
यहां इंग्लैंड का रिकॉर्ड, अन्य किसी भी किसी भी घरेलू मैदान से बेहतर है। 1902 में यहां पहली बार टेस्ट खेले और अब तक- 26 जीत, 15 ड्रॉ और सिर्फ 8 हार। इंग्लैंड की टीम 2001 के बाद से बर्मिंघम में सिर्फ एक टेस्ट हारी है। भारत की बात करें तो यहां, इससे पहले के, 7 में से 6 टेस्ट हारे हैं और इनमें से भी 3 तो पारी के अंतर से हारे। इसलिए इस रिकॉर्ड की बदौलत पहला राउंड तो इंग्लैंड के नाम ही है।  
एजबेस्टन में क्रिकेट के लिए माहौल गजब का है। स्टेडियम का इतिहास, बेहतरीन कारनामों से भरा है। यहीं, ब्रायन लारा ने 1994 में डरहम के विरुद्ध वारविकशायर के लिए  501* का विश्व रिकॉर्ड बनाया। 1973 में, इसी ग्राउंड से पहले महिला विश्व कप फाइनल की शुरुआत हुई। स्टेडियम ने कई टी 20 फाइनल की मेजबानी की है। यहां के दो सबसे मशहूर इंटरनेशनल मैच- 1999 में, शायद इतिहास के सबसे महान वन डे मैच में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने अपना विश्व कप सेमीफाइनल टाई किया और 2005 में, इंग्लैंड ने दूसरा एशेज टेस्ट दो रन से जीतकर सीरीज को बराबर किया।  
कई साल तक, एजबेस्टन इंग्लैंड के 6 नियमित टेस्ट सेंटर में से सबसे ‘नया’  था- अब ये रिकॉर्ड (मई 2003 से) चेस्टर-ले-स्ट्रीट के नाम है। आज ये देश के सबसे बेहतरीन ग्राउंड में से एक है- कभी ये जमीन उबड़-खाबड़ चरागाह थी। 19वीं शताब्दी के आख़िरी सालों में वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब ने इसे अपना तीसरा होम ग्राउंड बनाया। अपने पहले 27 सालों में सिर्फ चार टेस्ट की मेजबानी की। 1957 में सर्किट में फिर वापस लौटे तो इसे, 1950 में बने थ्वाइट मेमोरियल स्कोरबोर्ड के साथ इंग्लैंड का सबसे आधुनिक स्टेडियम माना गया।
1990 के दशक के आखिर में आधुनिकता का दूसरा राउंड  शुरू हुआ- इसके लिए पैसा लॉटरी स्कीम से इकट्ठा किया था। इसी में एजबेस्टन क्रिकेट सेंटर और 2 मिलियन पाउंड के खर्चे वाला एरिक हॉलीज़ स्टैंड बने। अब एजबेस्टन की क्षमता बढ़कर लगभग 25,000 दर्शक की हो गई। 2011 में यहां फ्लड लाइट्स लगीं।  
अब कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए इस स्टेडियम की चर्चा है और प्रस्तावित नए सुधारों में स्टेडियम गेट के बिल्कुल करीब, नया एजबेस्टन प्लाजा बनाना शामिल है। कोविड के दौरान, ऐसा नहीं है कि स्टेडियम में कोई एक्टिविटी नहीं थी। यहां वैक्सीन सेंटर चला। इससे पहले ये ड्राइव-थ्रू टेस्ट का सेंटर था। इंग्लैंड में यही एक्टिविटी लॉर्ड्स, केंट के कैंटरबरी ग्राउंड और ग्लूस्टरशायर के ब्रिस्टल में भी चली।  
एजबेस्टन की दूसरी मंजिल पर एक बड़ी ख़ास बात है। यहां फंक्शन सुइट है जिसे तीन अलग-अलग हिस्सों में भी बांट सकते हैं यानि कि एक साथ तीन फंक्शन भी हो सकते हैं। सबसे ख़ास बात ये कि इन सेक्शन (ईस्ट सुइट, वेस्ट सुइट और रूम विद ए व्यू) में शादी का प्रोग्राम भी हो सकता है। ये विश्व के उन गिने चुने स्टेडियम में से एक हैं जहां शादी के लिए हॉल किराए पर मिलते हैं।  ईस्ट और वेस्ट सुइट को आपस में जोड़ा जा सकता है। इसके साथ बालकनी है जिससे पिच और आउटफील्ड को देख सकते हैं। अगर शादी के दिन कोई मैच न हो तो नए जोड़े को स्टेडियम की तरफ से तोहफा दिया जाता है- उसी बड़े स्क्रीन पर उनकी फोटो दिखाई जाती है जिस पर एक्शन रिप्ले देखते हैं।  

2011 में जब दक्षिण और पश्चिम स्टैंड बने तो इससे आउटफील्ड बाउंड्री के कुछ हिस्सों पर धूप पड़ना रुक गया। इससे, इस हिस्से और बाकी के ग्राउंड में घास उगने में फर्क आ गया। जब ईसीबी ने ‘द हंड्रेड’ टूर्नामेंट शुरू किया तो प्लेइंग कंडीशंस में लिखा कि पूरी बॉउंड्री एलईडी डिस्प्ले वाली होगी। जब इस इंतजाम का काम शुरू होना था तो एक और काम भी हुआ। ऑउट फील्ड के जिस हिस्से पर धूप नहीं पड़ती- वहां सिंथेटिक ट्रैक लगवा दिया और नया ड्रेनेज सिस्टम भी। सिंथेटिक ट्रैक पर सिंथेटिक घास लगी है- ये सारा काम ड्यूरा-स्पोर्ट ने किया। स्टेडियम के अंदर एक दुकान है जहां से क्रिकेट का सामान, किट और क्रिकेट से जुड़े सोविनियर खरीद सकते हैं।

भारत – इंग्लैंड टेस्ट 1. जुलाई 13-15, 1967 टेस्ट :  इंग्लैंड की 132 रन से जीत  2. जुलाई 4-8, 1974 : इंग्लैंड की एक पारी और 78 रन से जीत  3. जुलाई 12-16, 1979 : इंग्लैंड की एक पारी और 83 रन से जीत  4. जुलाई 3-8 , 1986 :ड्रा 5. जून 6-9, 1996 : इंग्लैंड की 8 विकेट से जीत  6. अगस्त 10-13, 2011: इंग्लैंड की एक पारी  और 242 रन से जीत 7. अगस्त 1-4, 2018 : इंगलैंड की 31 रन से जीत  – चरनपाल सिंह सोबती 

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