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समय के साथ, कंप्यूटर की बदौलत नए-नए रिकॉर्ड चर्चा में आए पर साथ में कुछ चर्चा से गायब भी हुए। प्री इंटरनेट और प्री कंप्यूटर युग में, जब इंग्लैंड के क्रिकेट सीजन के दौरान, दुनिया में (कभी -कभी, शुरू के दिनों में वेस्टइंडीज में क्रिकेट से टकराव) और कहीं क्रिकेट नहीं होती थी तो विश्वास कीजिए, मई खत्म होने से पहले ‘फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1000 रन’ क्रिकेट के सबसे चर्चित और रोमांचक रिकॉर्ड में से एक था- इंग्लिश सीजन के शुरू में बड़े स्कोर बनाने वाले एक दम इस रिकॉर्ड की बहस शुरू कर देते थे- क्या इस साल कोई ये रिकॉर्ड बनाएगा? 
क्रिकेट खेलने की स्टाइल बदली, बल्लेबाज बड़े स्कोर बनाने से चूकने लगे और सीजन का केलेंडर भी बदला। नतीजा : धीरे-धीरे ये रिकॉर्ड मुश्किल होता चला गया पर क्रिकेट को चाहने वाले अब भी हर इंग्लिश सीजन की शुरुआत पर इसकी चर्चा जरूर करते हैं- विजडन एल्मनैक में आज भी इस रिकॉर्ड को बनाने वालों की लिस्ट छपती है।    
क्या है मई खत्म होने से पहले 1,000 फर्स्ट क्लास रन का रिकॉर्ड : हर इंग्लिश क्रिकेट सीजन में (भले सीजन अप्रैल में शुरू), मई खत्म होने से पहले फर्स्ट क्लास मैच (चैंपियनशिप मैच के अतिरिक्त दूसरे भी) में रन की गिनती। 
कितने मैच/पारी मिलते हैं : कोई तय नहीं। जैसे कि इस साल भी सबसे ज्यादा 7 मैच में 14 पारी खेल सकते थे पर किसी टॉप बल्लेबाज ने 6 से ज्यादा मैच (और 11 से ज्यादा पारी) नहीं खेलीं। इसलिए नजदीक पहुंचे पर रिकॉर्ड नहीं बना। सीजन का केलेंडर ऐसा बनाया गया कि मई ख़त्म होने से पहले ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट रोक कर, लिमिटेड ओवर क्रिकेट शुरू कर दी।  इस रिकॉर्ड की शुरुआत : डब्ल्यूजी ग्रेस ने मई 1895 में 1,016 रन बनाकर इस रिकॉर्ड की शुरुआत की थी और उन्होंने तो 10 ही पारी लीं रिकॉर्ड के लिए। सिर्फ मई के महीने के मैच लें तो उनके अतिरिक्त सिर्फ दो अन्य बल्लेबाज 1,000 तक पहुंचे- वॉली  हैमंड और चार्ली हैलोज़। 6 अन्य मौकों पर बल्लेबाजों ने अप्रैल में शुरुआत की और मई के आखिर तक 1,000 रन बनाए, जिसमें डॉन ब्रैडमैन भी हैं (दो बार- एक बार तो 9 पारियों में)।
ये रिकॉर्ड बना पाना मुश्किल क्यों मानते हैं : सीज़न की शुरुआत में पिचें खराब, गेंदबाज तरोताजा और फिट। अगर ये रिकॉर्ड बनाना मुश्किल न होता तो ग्रीम हिक 1988 में, मई के आखिर तक 1,000 रन बनाने वाले, आखिरी खिलाड़ी न होते। तब सिर्फ 22 साल के थे, जिम्बाब्वे से आए और किस्मत भी साथ थी- अप्रैल में लेंकशायर के विरुद्ध दोहरा शतक बनाया; चार दिवसीय चैंपियनशिप खेले जाने लगे जिसमें  एक टीम दो दिनों तक बल्लेबाजी कर सकती थी और टुनटुन में समरसेट के विरुद्ध 405* रन बनाए।  
कभी-कभी एक पूरी पीढ़ी बीत जाती है, जैसा अब हो रहा है और कोई भी  बल्लेबाज मई के अंत तक 1,000 रन नहीं बना पाता। इसके लिए किस्मत भी जरूरी है। 1928 में अपना 1,000 वां रन बनाते ही हैलोज़ अगली ही गेंद पर आउट हो गए थे।

इस साल लग रहा था कि ये रिकॉर्ड बनेगा क्योंकि शुरुआत धमाकेदार हुई थी। 26 अप्रैल, 2022 तक शान मसूद (डर्बीशायर) ने 4 पारी में 611 रन (4 मैच बचे थे) बना लिए थे- बैक-टू-बैक दोहरा शतक (91 और 62, 239 और 219), बेन कॉम्पटन (केंट) ने 5 पारी में 464 रन (4 मैच बचे थे), टॉम हैन्स (ससेक्स) ने 6 पारी में  393 रन (4 मैच बचे थे- तीन चैम्पियनशिप और मई में न्यूजीलैंड विरुद्ध खेलने का मौका), माइकल बर्जेस (वारविकशायर) ने 2 पारी में 348 रन (4 मैच बचे थे), चेतेश्वर पुजारा (ससेक्स) ने 4 पारी में 328 रन (3 मैच बचे थे) और हैरी ब्रुक (यॉर्कशायर) ने 4 पारी में 318 रन (4 मैच बचे थे) बना लिए थे। इनमें से हर एक के पास मई के आखिर से पहले 1,000 रन का रिकॉर्ड पार करने के लिए समय/ मौका था पर किसी ने रिकॉर्ड नहीं बनाया।
बेन कॉम्प्टन 878, शान मसूद 844, हैरी ब्रूक 840, सीन डिक्सन (डरहम) 750 और पुजारा 720 पर ही पहुंच पाए। इस तरह शेड्यूल, मौसम और शुरुआती गर्मियों की बल्लेबाजी की स्थिति इस रिकॉर्ड को एक सवाल बना देती है। इसे समझना है तो सबसे बेहतर मिसाल  2012 की है। उस साल निक कॉम्पटन इस रिकॉर्ड को बनाने के बहुत करीब थे। मई महीने का आख़िरी दिन आ गया- 1,000 रन पूरे करने के लिए 59 रन की जरूरत थी लेकिन बदकिस्मती देखिए- जब वे 9* पर थे तो बारिश आ गई। अगले दिन सेंचुरी बना दी पर मई वाला रिकॉर्ड तो रह गया। कॉम्पटन ने अगले दिन 1,000 रन पूरे किए- जून के पहले दिन तक 1,000 रन पूरे करने वालों में से एक बन गए।  
इसीलिए रिकॉर्ड ख़ास है- इसका अलग रोमांच है।  
– चरनपाल सिंह सोबती 

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