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ये जून 2022 की ही तो बात है जब सरकार ने उपभोक्ताओं (कंज्यूमर) के लिए पैसे के जोखिम का हवाला देते हुए ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्रचार करने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन से परहेज करने को कहा। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और ऑनलाइन मीडिया पर सट्टेबाजी वेबसाइटों और प्लेटफार्मों के विज्ञापन बढ़ रहे थे और नुक्सान की ख़बरें आ रही थीं। भारत में ऑनलाइन स्पोर्ट्स सट्टेबाजी पर प्रतिबंध है।  
क्या इससे ऐसे विज्ञापन रुक गए? प्राइवेट चैनल की बात आगे करेंगे- खुद भारत सरकार के दूरदर्शन के स्पोर्ट्स चैनल डीडी स्पोर्ट्स पर वेस्टइंडीज-भारत सीरीज के टेलीकास्ट के दौरान एक सट्टेबाजी कंपनी के विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं- क्या आपने नोट किया?
श्रीलंका में पाकिस्तान की टेस्ट सीरीज। उस ब्रांड पर ध्यान दिया जिसका लोगो स्टंप्स पर (और बाउंड्री रोप्स तथा आउटफील्ड पर भी) है? यह 1xBat है। यह किस प्रॉडक्ट/कंपनी का नाम है? वे इस सीरीज के भी स्पांसर हैं और इसीलिए इसे 1xBat कप का मुकाबला कहा गया।
अगर SonyLIV पर इंग्लैंड-भारत सीरीज के टेलीकास्ट को ध्यान से देखा तो नोट किया होगा कि उस टेलीकास्ट के स्पांसर में से एक 1xBet थे। ध्यान से नाम पढ़िए- स्पेलिंग बदल गई है। सब जानते हैं कि 1xBet एक ऑनलाइन बेटिंग कंपनी है और इसे एंडोर्स करने वालों में ड्वेन ब्रावो और सुरेश रैना भी हैं- कंपनी साइप्रस में रजिस्टर्ड है और कई तरह की मुश्किलें झेल चुकी है। SonyLIV पर इंग्लैंड-भारत एजबेस्टन टेस्ट और वाइट बॉल सीरीज के दौरान सट्टेबाजी कंपनियों बेटवे, 1xBet, Parimatch और BetWinner के विज्ञापन खूब दिखाए गए। पहली बार 2020-21 में भारत के ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट दौरे के दौरान ऐसा हुआ था। क्रिकेटर, हरभजन सिंह, BetW न्यूज को एंडोर्स करते हैं जो बेटविनर से जुड़े हैं। बेटवे पर यूके में 11.6 मिलियन पौंड का जुर्माना लग चुका है पर उन्हें सस्पेंड नहीं किया और वे अभी भी वेस्ट हैम यूनाइटेड के स्पांसर हैं- पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन का नाम उनसे जुड़ा है।
भारत की तरह श्रीलंका में भी स्पोर्ट्स सट्टेबाजी पर प्रतिबंध है। इसलिए 1xBet ने सरोगेट एडवर्टाइजमेंट का रास्ता पकड़ लिया और स्पेलिंग बदल दी पर जो जानते हैं उन्हें समझ आ गया कि एडवर्टाइजमेंट किसका है? ठीक वैसे ही जैसे भारत में स्पोर्ट्स टेलीकास्ट के दौरान ‘सोडा’ और ‘पान मसाला’ के एडवर्टाइजमेंट के पीछे वास्तव में  किस प्रॉडक्ट को बेचा जाता है- सब जानते हैं। इसी को सरोगेट एडवर्टाइजमेंट कहते हैं। 1xBat एक ऐसा ब्रांड है जिसका क्रिकेट बैट से कुछ लेना-देना नहीं- ये एक स्पोर्ट्स न्यूज साइट है पर जब इस साइट पर जाएंगे तो वहां 1xBet के सट्टे के नतीजे देखने को मिलेंगे।  
ये सरोगेट एडवर्टाइजमेंट लगभग उन सभी देशों में चल रही है जहां ऑनलाइन स्पोर्ट्स सट्टेबाजी पर प्रतिबंध है। DafaNews के विज्ञापन भी ऐसे ही थे- ये  सट्टेबाजी कंपनी Dafabet की न्यूज साइट है। कमाल देखिए कि भारत सरकार की सख्ती एक तरफ- वे तो भारत में आईएसएल और प्रो कबड्डी में टीमों के स्पांसर भी हैं। है न कमाल! जो आईपीएल पर प्रतिबंध का शोर मचाते हैं- वे ऐसी मिसाल ही तो देते हैं।  1 मई 2004 से, भारत में तंबाकू प्रॉडक्ट के विज्ञापन पर प्रतिबंध है। क्रिकेट में ऑनलाइन सट्टेबाजी भी गैरकानूनी है लेकिन आईपीएल के दौरान इनके खूब विज्ञापन दिखाए जाते हैं। तो सवाल यह है कि जब प्रतिबंध है तो इन्हें रोकते क्यों नहीं? आईपीएल के दौरान, सट्टेबाजी और पान मसाला के विज्ञापन खूब दिखते हैं। भारतीय जनता पार्टी के एक सीनियर सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी न सिर्फ आईपीएल 2022 के मैच “फिक्स” बताते हैं- जांच की बात भी करते हैं। आईपीएल  के दौरान किए गए एक सर्वे का नतीजा ये रहा कि आईपीएल के दौरान जो एडवर्टाइजमेंट दिखाई गईं- 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि एडवर्टाइजमेंट ने उन पर असर डाला।  ऐसा नहीं है कि ये सब गुप्त है और सरकारी एजेंसियों को तो इन एडवर्टाइजमेंट के बारे में कुछ पता नहीं है।
तब भी ऑनलाइन गेमिंग और फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफार्म की गिनती बढ़ती जा रही है- मसलन ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग और माई11सर्किल। इसने स्पोर्ट्स बेटिंग और फैंटेसी गेम्स के बीच के फर्क को उलझा दिया है- ये इनमें से क्या हैं? स्पोर्ट्स सट्टेबाजी पर सख्त, कुछ राज्य ने इन को खेलना अवैध बना दिया पर हाई कोर्ट के एक फैसले ने इन को लाइफ लाइन दे दी- कोर्ट ने कहा ये कौशल (स्किल) के खेल हैं ,जुआ नहीं।
इस सब को देखते हुए जो सच्चाई समझ में आती है वह ये कि इन प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन गेमिंग को अभी तक सही तरह से समझा ही नहीं है- इसीलिए कोई भी एक्शन वैसा नहीं रहा, जिसकी जरूरत थी। ऑनलाइन सट्टेबाजी कंपनियां खेल देखने वालों को प्रभावित कर रही हैं और सिलसिला चल रहा है। जिस तरह एक वक्त था जब क्रिकेट में सबसे बड़े स्पांसर सिगरेट बनाने वाले थे- अब ऑनलाइन गेमिंग है और ये बात सिर्फ भारत के लिए नहीं है। 
हाल ही में, न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) ने ड्रीम स्पोर्ट्स के साथ पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट किया डिजिटल फैन एंगेजमेंट प्रॉडक्ट में क्रिकेट का पहला सूट बनाने के लिए। इसमें ड्रीम स्पोर्ट्स के पोर्टफोलियो के जरिए एनएफटी, गेमिंग और मर्चेंडाइजिंग- सब शामिल हैं। ड्रीम स्पोर्ट्स का प्रमुख ब्रांड ड्रीम 11, 2019 से उनके ऑफिशियल फैंटेसी स्पोर्ट्स पार्टनर हैं। अब भारत में ड्रीम स्पोर्ट्स का जो 140 मिलियन कंज्यूमर का पूल है, उसे एनजेडसी के सूट से जोड़ना अगला कदम है। क्रिकेट एनएफटी का जिक्र हर रोज बढ़ता जा रहा है। 
अब क्रिकेट सिर्फ वो नहीं है जिसे आप रन और विकेट की गिनती के लिए जानते हैं। 

  • चरनपाल सिंह सोबती
2 thoughts on “ऑनलाइन क्रिकेट गेमिंग उस क्रिकेट को चुनौती है जो आप देखते हैं ”
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