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इस साल के अंडर 19 वर्ल्ड कप के दौरान, भारत के कप्तान यश ढुल के बारे में बहुत कुछ लिखा गया। तारीफ़ के साथ ये डर भी था कि इतिहास बताता है कि इन अंडर 19 क्रिकेटरों के लिए आगे का सफर आसान नहीं होता। कई नाम इसी सफर में चमक से चले तो पर आगे गायब ही हो गए। यश ने बहरहाल, हाल-फिलहाल ये दिखा दिया है कि वे विराट कोहली और अन्य कुछ क्रिकेटरों की तरह का कामयाब सफर शुरू करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी करियर की शुरुआत और डेब्यू पर ही दो सेंचुरी- तमिलनाडु के खिलाफ गुवाहाटी में।  इससे बेहतर और क्या हो सकता था?  
पहली पारी में 150 गेंद में 113 रन। दूसरी पारी में 113* रन 202 गेंद पर और दिल्ली ने 228/0 पर अपनी पारी घोषित की। ख़ास बात ये थी कि इस 19 साल के क्रिकेटर ने मिडिल आर्डर का बल्लेबाज होने के बावजूद ओपनिंग की- टीम में यही जगह निकल रही थी यश के लिए। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अंडर 19 वर्ल्ड कप में, सेमीफाइनल जीत में सेंचुरी बनाई थी, तब भी मिडिल आर्डर में ही खेले थे। इस तरह टीम को निराश नहीं किया। कई ख़ास रिकॉर्ड बनाए यश ने :
  रणजी ट्रॉफी डेब्यू पर दोनों पारियों में शतक बनाने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय :नारी कांट्रेक्टर (गुजरात) – 152 और 102, विरुद्ध बड़ौदा, 1952 विराट अवाते (महाराष्ट्र) – 126 और 112, विरुद्ध विदर्भ, 2012यश ढुल (दिल्ली) – 113 और 113, विरुद्ध तमिलनाडु, 2022
 *  फर्स्ट क्लास डेब्यू पर दो सेंचुरी बनाने वाले कुल मिलाकर 9 वें बल्लेबाज।  
*  यश ढुल फर्स्ट क्लास डेब्यू पर दोनों पारी में एक समान स्कोर वाली सेंचुरी बनाने वाले पहले खिलाड़ी।    फर्स्ट क्लास डेब्यू पर दोनों पारियों में समान स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी में अब सबसे बड़ा स्कोर यश ढुल का : 113 और 113 – यश ढुल, दिल्ली-तमिलनाडु, गुवाहाटी, 2022 56 और 56 – बीजेजे डेवी, तस्मानिया-विक्टोरिया, लॉन्सेस्टन,1922 49* और 49* – एएच डु बोउले, केंट-समरसेट, बाथ,1899  कुल मिलाकर, किसी खिलाड़ी के फर्स्ट क्लास क्रिकेट की दोनों पारियों में समान स्कोर बनाने की 25 वीं मिसाल। 1949 में वर्थिंग में डर्बीशायर के विरुद्ध ससेक्स के लिए जॉन लैंग्रिज के  डबल 146 (रन आउट) और 146 सबसे बड़ा स्कोर हैं। टेस्ट क्रिकेट में ये रिकॉर्ड 105 का है- श्रीलंका के लिए दलीप मेंडिस के 1982-83 में मद्रास में भारत के विरुद्ध।
*  फर्स्ट क्लास डेब्यू पर दोनों पारियों में 100 रन बनाने वाले सबसे कम उम्र खिलाड़ी (साल- दिन) : 17-10 : आमिर मलिक (लाहौर सिटी ए-रेलवे, 1979/80)18-262 : नारी कांट्रेक्टर (गुजरात-बड़ौदा, 1952/53)18-344 : आर्थर मॉरिस (न्यू साउथ वेल्स-क्वींसलैंड,1940/41)19-101 : यश ढुल (दिल्ली- तमिलनाडु, 2021/22)
*  19 साल 101 दिन में रिकॉर्ड के साथ यश ढुल रणजी ट्रॉफी में अंबाती रायुडू और नारी कांट्रेक्टर के बाद रणजी मैच की दोनों पारी में शतक बनाने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी।
*  रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए दोनों पारी में 100- नवाब पटौदी, सुरिंदर खन्ना, मदन लाल, अजय शर्मा, रमन लांबा, ऋषभ पंत और अब यश ढुल। 

इस पूरी चर्चा में भारत से जो नाम सामने आए वे ऐसे खिलाड़ियों के हैं जो चर्चित रहे और अपनी क्रिकेट के लिए उन्हें पहचान मिली- एक नाम को छोड़ कर। ये नाम विराग अवाते का है- उनका तो फर्स्ट क्लास करियर ही 31 साल की उम्र से शुरू हुआ था और डेब्यू पर रिकॉर्ड बना दिया।  
ये नवंबर2012 की बात है जब वे रणजी टीम में आए- उस समय महाराष्ट्र की टीम में दूसरे सबसे बड़ी उम्र के खिलाड़ी थे। हैरानी तो ये है कि उस नागपुर में विदर्भ के विरुद्ध रणजी ट्रॉफी मैच को खेलने से पहले, विराग ने महाराष्ट्र के लिए किसी भी तरह की क्रिकेट में कोई मैच नहीं खेला था। चार दिन बाद, नारी कांट्रेक्टर के बाद, फर्स्ट क्लास क्रिकेट डेब्यू पर दो सेंचुरी लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बन गए थे। उस समय कहा जाता था कि जिसने महाराष्ट्र के लिए 25 साल तक डेब्यू नहीं किया वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का सपना छोड़ दें।  

पुणे के अवाते लोकल टूर्नामेंटों में लगातार रन बना रहे थे (एक सीजन में तो 1000 रन भी) और जब महाराष्ट्र के पूर्व कप्तान सुरेंद्र भावे सेलेक्शन कमेटी के चीफ बने तो यह स्थिति बदल गई। ट्रायल्स पर बुला लिया- वहां अवाते ने दो सेंचुरी और एक 50 बना दिए। इसके बाद वह रिकॉर्ड बना जिसका जिक्र हो रहा है। अपनी इस फार्म को अवाते आगे जारी नहीं रख सके और कुल 7 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिनमें उन दो सेंचुरी के बाद कोई 50 भी नहीं बना।  
दिल्ली के यश को इसकी तुलना में बहुत जल्दी मौका मिला है- इस रिकॉर्ड पर रुकना नहीं है। यश ने जिस मैच में ये रिकॉर्ड बनाया, वहां चार दिनों में 1,150 से ज्यादा रन बनाने वाली पिच बिल्कुल सपाट थी- दिल्ली का दूसरी पारी का 228/0 (साथी ओपनर बल्लेबाज ध्रुव शौरी 107*) का स्कोर इसी का सबूत है। हर पिच ऐसी नहीं मिलेगी- गुवाहाटी में ही झारखंड के विरुद्ध अगले मैच में यश के सिर्फ 5 और 19 के स्कोर उनको यही सच्चाई बताने वाले थे। बहरहाल अभी तो सफर शुरू हुआ है।  

  • चरनपाल सिंह सोबती

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