रणजी ट्रॉफी 2021-22 सीजन की शुरुआत का पहला राउंड एक ख़ास रिकॉर्ड में हिस्सेदार बन गया। बिहार के साकिबुल गनी फर्स्ट क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने- 405 गेंद पर 56 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 341 रन और 84.20 स्ट्राइक रेट रहा। मैच था- कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस 2 ग्राउंड में मिजोरम के विरुद्ध। बिहार ने 159.4 ओवर में 686-5 पारी समाप्त घोषित का स्कोर बनाया।
इन बड़े रिकॉर्ड के बीच ये रिकॉर्ड छिपा रह गया कि उन्होंने दोहरे शतक वाले बाबुल कुमार (229) के साथ चौथे विकेट के लिए 538 रनों की शानदार साझेदारी की। 500 रन की साझेदारी कोई मजाक नहीं होती। जब गनी बल्लेबाजी के लिए आए तो बिहार की टीम 23वें ओवर में 71-3 पर लड़खड़ा रही थी। पहले दिन का खेल ख़त्म होने पर गनी का स्कोर 136 था और दूसरे दिन 200 से ज्यादा रन बनाए। 149वें ओवर में इकबाल अब्दुल्ला की गेंद पर तरुवर कोहली ने उनका कैच लपका और थोड़ी देर बाद बिहार ने पारी को समाप्त घोषित कर दिया। कौन हैं ये साकिबुल गनी?
- बिहार क्रिकेट लीग में पटना ने उन्हें 50 हजार रुपए में खरीदा। * टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे – 6 पारियों में 224 रन, 16 चौके और 14 छक्के। * 2018 में, मैच के पहले दिन अंडर 23 क्रिकेट में दोहरा शतक बनाया।
कोच और मेंटोर के तौर पर वे सिर्फ भारत के पूर्व विकेटकीपर अजय रात्रा (6 टेस्ट और 12 वन डे खेले) का नाम लेते हैं- सच ये है कि रात्रा का सबसे बड़ा योगदान रहा टेलेंट को पहचानने में था। सीके नायडू ट्रॉफी के लिए टीम सेलेक्शन कैंप के दौरान बिहार के अंडर-23 कोच रात्रा ने पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम में गनी को देखा था। जिस एक बात ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया- वह थी उसका निडर स्ट्रोकप्ले। रात्रा ने उनकी क्रिकेट के बारे में और पता लगाया तो एक और खूबी सामने आई- टॉप 6 में कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। गनी ने 57.08 की औसत से 685 रन बनाए (दो शतक) 282 के उच्चतम स्कोर के साथ और उस 2018-19 सीजन में बिहार अंडर -23 टीम के टॉप स्कोरर थे।
रात्रा ने इस रिकॉर्ड योग के बावजूद एक कमजोरी को पकड़ा- 30 या 40 रन बनाकर अपने विकेट को लापरवाही में गंवा देना। रात्रा की एक ही सलाह थी- पिच पर टिको, रन अपने आप बनेंगे। रात्रा अपनी उस ड्यूटी से हट गए पर गनी के ‘प्रोग्रेस चार्ट’ पर लगातार उनकी नजर रही। ब्रेकआउट सीज़न के बाद, गनी ने 2019-20 सीके नायडू में 694 और अंडर -23 वन डे ट्रॉफी में 498 रन बनाए और बिहार सीनियर टीम का दरवाजा खटखटा दिया।
साकिबुल गनी के लिए क्रिकेट खेलना आसान नहीं रहा। बड़े भाई फैसल ने पिता की इच्छा के विरुद्ध जाकर उनकी ट्रेनिंग का इंतजाम किया। अपने क्रिकेट करियर में जो कमी रह गई उसे छोटे भाई के साथ पूरा किया- वे 2009-10 में बिहार एसोसिएट टीम के साथ कूच बेहार (अंडर-19) ट्रॉफी खेली। इसके बाद, विज्जी ट्रॉफी में ईस्ट ज़ोन की कप्तानी की। तब भी, क्रिकेट छोड़ दिया- इसलिए कि बिहार में इसका कोई भविष्य नहीं नजर आया। अब मोतिहारी में एक स्पोर्ट्स शॉप चलाते हैं। वे साकिबुल को रांची भेज रहे थे ताकि वह झारखंड के लिए खेल सके। पिता किसान हैं जो हमेशा अपने बेटों के क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे। पिता चाहते थे पढ़ाई करो या खेती में उनकी मदद।
साकिबुल, चार भाइयों में से चौथे- इन सभी ने किसी न किसी स्तर पर क्रिकेट खेला है। इस सीज़न की शुरुआत में विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा खेले और बिहार के टॉप स्कोरर थे (5 मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक सहित 231 रन)। इसे देखकर दिल्ली कैपिटल्स ने मुंबई में ट्रायल के लिए बुलाया। उनका नाम नीलामी में नहीं था लेकिन ट्रायल का अनुभव काम आया और अब ये रिकॉर्ड और मदद करेंगे। ट्रायल का फायदा ये हुआ कि बल्लेबाजी की वीडियो मिल गई। अब, लगातार टीम के वीडियो एनालिस्ट के संपर्क में हैं और कमियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
किन ख़ास रिकॉर्ड को तोड़ा गनी ने :
2018-19 रणजी ट्रॉफी सीज़न में फर्स्ट क्लास क्रिकेट डेब्यू में सबसे बड़े स्कोर के लिए अजय रोहेरा के रिकॉर्ड को- रोहेरा ने मध्य प्रदेश के लिए इंदौर में हैदराबाद के विरुद्ध 267 बनाए थे।
ऐसे रिकॉर्ड में भारत से बल्लेबाज कितना आगे हैं- इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रोहेरा ने भी एक और भारतीय बल्लेबाज का रिकॉर्ड तोड़ा था- 1993-94 में हरियाणा के विरुद्ध अमोल मजूमदार ने मुंबई के लिए डेब्यू पर 260 का रिकॉर्ड बनाया था। साकिबुल गनी और बाबुल कुमार के बीच 538 रन की साझेदारी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसी सबसे बड़ी, जहां अगली साझेदारी पहली गेंद पर ही टूट गई। फर्स्ट क्लास क्रिकेट डेब्यू पर बड़े स्कोर के रिकॉर्ड का बढ़ता सिलसिला : 78 – जे स्मॉल सीनियर, हैंपशायर-इंग्लैंड 1772 107 – आर रॉबिन्सन, हैंपशायर- केंट 1792227 – टी मार्सडेन, शेफील्ड/लेस्टरशायर-नॉटिंघमशायर 1826 240 – डब्ल्यूएफई मार्क्स, ट्रांसवाल-ग्रीक्वालैंड 1920 260 – अमोल मजूमदार, मुंबई-हरियाणा 1994 267– एआर रोहेरा, मध्य प्रदेश-हैदराबाद 2018341 – साकिबुल गनी, बिहार-मिजोरम 2022
साकिबुल के इस तिहरे शतक के चक्कर में किसी ने भी मिजोरम के कप्तान तरुवर कोहली की तरफ ध्यान नहीं दिया। उन्होंने 151* और 101 रन बनाए और मैच ड्रॉ किया।
साकिबुल ने इसके बाद, इस रिपोर्ट के संकलन तक, सिक्किम के विरुद्ध अगले मैच की पहली पारी में 98 रन बनाए। अभी तो सीजन शुरू हुआ है!
- चरनपाल सिंह सोबती