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महिला क्रिकेट के संदर्भ में, न्यूज़ीलैंड क्रिकेट ने पिछले दिनों, एक बड़ी ख़ास घोषणा की- महिला और पुरुष क्रिकेटरों को बराबर मैच फीस मिलेगी। वे इसे न सिर्फ एक ‘ऐतिहासिक एग्रीमेंट’ कहते हैं- ये भी दावा है कि ऐसा करने वाले वे पहले क्रिकेट बोर्ड हैं। ये 5 साल का एग्रीमेंट इस साल 1 अगस्त से लागू होगा। सिर्फ क्रिकेट नहीं, अन्य दूसरे खेलों में भी महिलाओं के लिए बराबर मैच फीस की मांग हो रही है पर आम तौर पर ऐसा हुआ नहीं है- सिर्फ इक्का-दुक्का मिसाल हैं ऐसा होने की। इसीलिए, न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन ने कहा- ये फीस एग्रीमेंट, महिलाओं के खेल के लिए एक बड़ा कदम है।

वास्तव में ये बड़ी बात है। न्यूज़ीलैंड क्रिकेट अब अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा मैच फीस के तौर पर बांटेंगे- जो आंकड़े सामने हैं, उनके हिसाब से ये रकम लगभग 104 मिलियन डॉलर होगी। इसके हिसाब से टॉप रैंक वाली महिला इंटरनेशनल खिलाड़ी को अब 83,432 डॉलर के मुकाबले 163,246 डॉलर हर साल मिलेंगे जबकि टॉप महिला घरेलू खिलाड़ी को 19,146 डॉलर (3,423 डॉलर से बढ़कर) मिलेंगे।

इस खबर की अगर गहराई में जाएं तो एक सच सामने आता है। भले ही, जबकि पुरुष और महिला क्रिकेटरों को टी 20 इंटरनेशनल और वन डे इंटरनेशनल के लिए बराबर मैच फीस मिलेगी, फिर भी पुरुष क्रिकेटर ज्यादा कमाई करेंगे- इसकी सबसे बड़ी वजह है दोनों के लिए मैच की गिनती में फर्क। ज्यादा मैच तो ज्यादा कमाई। इस वजह से टॉप ब्लैक कैप खिलाड़ी 523,396 डॉलर तक कमा लेगा जबकि टॉप रैंकिंग घरेलू पुरुष खिलाड़ी को 102,707 डॉलर मिलेंगे। महिलाएं तब भी खुश हैं- व्हाइट फर्न्स की कप्तान सोफी डिवाइन ने कहा कि यह एग्रीमेंट महिला क्रिकेट के लिए एक गेम-चेंजर है और दूसरों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

मैच फीस का ढांचा देखिए :
वन डे इंटरनेशनल – 4000 न्यूजीलैंड डॉलर
टी 20 इंटरनेशनल – 2500 न्यूजीलैंड डॉलर ।
घरेलू फोर्ड ट्रॉफी / हैलीबर्टन जॉनस्टोन शील्ड – 800 न्यूजीलैंड डॉलर।
सुपर स्मैश – 575 न्यूजीलैंड डॉलर ।
टेस्ट मैच – 10,250 न्यूजीलैंड डॉलर।
प्लंकेट शील्ड – 1750 न्यूजीलैंड डॉलर।

इसी तरह से सालाना रिटेनर फीस भी फर्क है और तभी कुल कमाई में फर्क रहेगा। साथ-साथ न्यूजीलैंड क्रिकेट ने एक सी सुविधाएं देने का भी वायदा किया है – कोचिंग हो या ट्रेवलिंग। इस तरह, हालांकि यह कदम तारीफ़ वाला है, फिर भी ऑस्ट्रेलियाई एग्रीमेंट जैसा फायदे वाला नहीं।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 2021 के आखिर में जो एग्रीमेंट किया उससे ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर वहां सबसे ज्यादा फीस पाने वाली महिला एथलीट बन गईं- भले ही पुरुषों के बराबर नहीं कमा रहीं। वहां, कॉन्ट्रैक्ट फीस औसतन सालाना 40,000 डॉलर बढ़ी और जिस महिला क्रिकेटर के पास सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट है- वह तो औसतन 180,000 डॉलर सालाना कमा लेगी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया वाले बराबरी का दावा नहीं कर रहे पर पैसा ज्यादा दे रहे हैं।

हैरानी तो ये है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड- दोनों के बोर्ड के पास बीसीसीआई से कम पैसा है पर यहां फर्क आंखें खोलने वाला है। भारत में, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की रकम देखिए :

A+ ग्रेड : पुरुष क्रिकेटर- 7 करोड़ रुपये जबकि महिला क्रिकेटर के लिए ये ग्रेड है ही नहीं।
A ग्रेड : पुरुष क्रिकेटर- 5 करोड़ रुपये जबकि महिला क्रिकेटर 50 लाख रुपये।
B ग्रेड : पुरुष क्रिकेटर- 3 करोड़ रुपये जबकि महिला क्रिकेटर 30 लाख रुपये।
C ग्रेड : पुरुष क्रिकेटर- 1 करोड़ रुपये जबकि महिला क्रिकेटर 10 लाख रुपये।

क्या नए आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट के बाद बीसीसीआई की तरफ से कुछ बदलाव होगा?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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