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आईपीएल के हर सीजन में ‘प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ यानि कि वह खिलाड़ी जो पूरे टूर्नामेंट पर छाया रहा और अपने खेल से सबसे ज्यादा असर डाला।  इसीलिए जरूरी नहीं कि सीजन के टॉप स्कोरर या सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी को ही ये अवार्ड मिला हो। ऑफिशियल तौर पर इस अवार्ड को 2012 सीज़न तक ‘मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट’ कहा जाता था। आईपीएल ने 2013 में मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर रेटिंग सिस्टम की शुरुआत की, जिसके लीडर को सीजन के अंत में मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर घोषित करते हैं। सीधा पॉइंट सिस्टम है ये- 4 का हिट 2.5, 6 का हिट और हर विकेट 3.5, फेंकी हर डॉट बॉल 1 तथा हर कैच और स्टंपिंग 2.5 पॉइंट के बराबर।
तो अब आईपीएल 2022- एक नया मुकाबला, एक नई चुनौती। ठीक है कि इस बार कई स्टार खिलाड़ी नहीं हैं मैदान में पर कई नए ऐसे खिलाड़ी मैदान में हैं जो अपनी टेलेंट दिखाने में कोई कमी नहीं रखेंगे। 
अब तक के अवार्ड विजेता:

2008- शेन वॉटसन (राजस्थान रॉयल्स) : 15 मैचों में 4 अर्धशतक के साथ 472 रन बनाए और साथ में 17 विकेट भी लिए। ये शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन उनके लिए अवार्ड लाया तो उनकी टीम के टाइटल भी। 4 बार मैन ऑफ द मैच भी रहे।
2009- एडम गिलक्रिस्ट (डेक्कन चार्जर्स) : 495 रन बनाए और साथ में 18 विकेट के गिरने में उनकी विकेटकीपिंग जिम्मेदार रही। मैथ्यू हेडेन ने सीजन में उनसे ज्यादा रन बनाए लेकिन गिलक्रिस्ट को आलराउंड योगदान के कारण अवार्ड दिया गया। दो बार मैन ऑफ द मैच भी रहे। उनकी कप्तानी में डेक्कन चार्जर्स ने टाइटल जीता।
2010- सचिन तेंदुलकर (मुंबई इंडियंस) : 618 रन, चार 50 और चार मैन ऑफ द मैच अवार्ड। सचिन ने सीज़न में 15 मैच खेले। मुंबई इंडियंस ने ट्रॉफी नहीं जीती पर लीग मैचों में सबसे बेहतर खेले- फाइनल से पहले 14 मैचों में से 11 जीते थे।

2011- क्रिस गेल (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) : गेल ने 608 रन बनाए 12 मैचों में और 8 विकेट लिए, 6 मैन ऑफ द मैच शामिल हैं। साथ में 2 शतक और 4 अर्द्धशतक। गेल ने लगभग अकेले दम पर आरसीबी को फाइनल में पहुंचाया पर टाइटल नहीं जीते। 
2012- सुनील नरेन (कोलकाता नाइट राइडर्स) : 15 मैचों में 24 विकेट, 3 बार मैन ऑफ द मैच। टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और 5.47 का अविश्वसनीय इकॉनमी रेट दर्ज किया। उनकी टीम ने टाइटल जीता। 
2013- शेन वॉटसन (राजस्थान रॉयल्स) : 2008 के बाद, शेन वॉटसन फिर से प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बने- 543 रन और 16 मैच में 13 विकेट तथा एक 100 और दो 50 बनाए थे। वे न तो टॉप स्कोरर थे और न ही सबसे ज्यादा विकेट लिए पर अकेले सबसे ज्यादा असरदार लेकिन टीम ने टाइटल नहीं जीता। एमवीपी- 386 पॉइंट। 
2014- ग्लेन मैक्सवेल (किंग्स इलेवन पंजाब) : 16 मैचों में 552 रन और 1 विकेट जिसमें 50 के स्कोर 4 बार, 2 बार 80+ रन और 2 बार 90+ रन बनाए। 4 प्लेयर ऑफ द मैच और टूर्नामेंट में तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी। उनकी टीम फाइनल में हारी थी। एमवीपी- 286 पॉइंट। 
2015- आंद्रे रसेल (कोलकाता नाइट राइडर्स) : 326 रन जिसमें 3 अर्द्धशतक, 14 विकेट और 3 प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड। वे सीजन में न तो टॉप स्कोरर थे और न ही सबसे ज्यादा विकेट लिए। उनकी टीम ने टाइटल नहीं जीता। एमवीपी- 312 पॉइंट। 
2016- विराट कोहली (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) : 973 रन जो एक सीजन में सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड है- 16 मैचों में 3 शतक और 7अर्द्धशतक तथा 5 बार मैन ऑफ द मैच। तब भी उनकी टीम ने टाइटल नहीं जीता। एमवीपी- 356.5 पॉइंट।  
2017- बेन स्टोक्स (राइजिंग पुणे सुपरजायंट) : 12 मैचों में 316 रन और 12 विकेट। उनका योगदान आरपीएस टीम को फाइनल में पहुंचने में मददगार रहा पर टाइटल नहीं जीते। एमवीपी- 270 पॉइंट। 
2018- सुनील नरेन (कोलकाता नाइट राइडर्स) : 2012 के बाद फिर से अवार्ड- इस बार 357 रन और 17 विकेट के लिए। 16 मैचों में 3 बार मैन ऑफ द मैच, दो 50 भी। उनकी टीम फाइनल में भी नहीं पहुँची। एमवीपी- 379.5 पॉइंट।  
2019- आंद्रे रसेल (कोलकाता नाइट राइडर्स) : 510 रन और 11 विकेट- 14 मैच में, 4 मैन ऑफ द मैच, 4 स्कोर 50+ के और 4 स्कोर 40+ रन के बनाए। उनका दूसरा मैन ऑफ द टूर्नामेंट अवार्ड। एमवीपी- 369 पॉइंट। 
2020– जोफ्रा आर्चर (राजस्थान रॉयल्स) : 14 मैच और 6.55 के अविश्वसनीय इकॉनमी रेट से 20 विकेट हासिल किए- सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। एमवीपी- 307 पॉइंट।   

2021- हर्षल पटेल (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) : 15 मैचों में 32 विकेट- इस सीजन में सबसे ज्यादा, जिसमें एक 5 विकेट और एक 4 विकेट का प्रदर्शन शामिल है। मुंबई इंडियंस के विरुद्ध हैट्रिक भी ली। एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेटों के रिकॉर्ड की बराबरी की। एमवीपी- 264.5 पॉइंट।  

  • चरनपाल सिंह सोबती

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