आईपीएल 2023 में एक-एक बीतते दिन के साथ डब्ल्यूटीसी फाइनल के दिन नजदीक आते जा रहे हैं और उस टेस्ट की तैयारी के नाम पर क्रिकेटर खेल रहे हैं आईपीएल। स्पष्ट है तालमेल सही नहीं और इसी को ध्यान में रखते हुए, ख़ास तौर पर गेंदबाजों के वर्कलोड और उन्हें उस फाइनल के लिए फिट रखने के लिए, बीसीसीआई ने आईपीएल के साथ ही वर्कलोड मैनेजमेंट को शुरू कर दिया।
- सीधे गेंदबाजों को निर्देश- अपनी फिटनेस, शरीर का ध्यान रखें, ज्यादा मेहनत से बचें और उतनी गेंदबाजी जितनी जरूरी।
- कुछ ख़ास गेंदबाजों को निर्देश – अपना वर्कलोड बढ़ाएं, नेट्स पर हो सके तो लाल गेंद से भी गेंदबाजी करें और एक हफ्ते में 200 डिलीवरी का लक्ष्य ।
इस तरह के निर्देश काफी हद तक सभी तेज गेंदबाजों के लिए है लेकिन स्पिनरों को भी ऐसी ही सलाह दी गई है। इसके बावजूद, कम से कम आईपीएल के दौरान तो आख़िरी कंट्रोल टीम का होगा। कप्तान रोहित शर्मा ने तो इसीलिए, इसे सीधे संबंधित फ्रेंचाइजी पर डाल दिया और ऐसे में सीधे गेंदबाजों को सलाह- उन्हें अपने शरीर का ध्यान रखना होगा। वे सभी बड़े हैं और सब समझते हैं।
इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण रोल हर आईपीएल टीम के साथ जुड़े नेट्स गेंदबाजों का बन जाता है। असल में, मैच के दौरान फेंके 4 ओवर नहीं, नेट्स पर गेंदबाजी दम तोड़ती है। इसीलिए
धीरे-धीरे टीम के साथ बड़ी गिनती में नेट्स गेंदबाज जोड़ने का सिस्टम बना और कुछ टीम ने तो 10 अलग-अलग तरह के ऐसे गेंदबाज जोड़ लिए टीम के साथ। बल्लेबाज को फायदा ये कि प्रैक्टिस के लिए और अलग-अलग तरह की गेंदबाजी मिल गई जबकि टीम मालिक सस्ते में पूरे सीजन के लिए गेंदबाज ले आए। पिछले सीजन तक, किसी टीम ने अपने नेट गेंदबाज को 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं दिए। इससे सस्ता सौदा और क्या होगा?
संयोग से जब से, अलग से नेट्स के लिए बड़ी गिनती में गेंदबाज लाने का सिस्टम ज्यादा प्रचलन में आया- आईपीएल मैचों के लिए टीम ज्यादा इधर से उधर नहीं भाग रही थीं। आईपीएल 2023 अलग है- होम एंड अवे फॉर्मेट की वापसी हुई और इसका सीधे नजला गिरा नेट बॉलर पर। फ्रेंचाइजी ने खर्चे को देखना शुरू कर दिया- टीम के साथ जोड़े, सभी गेंदबाजों को, साथ में ढोने से कहीं सस्ता है- जहां भी मैच हो वहीं, लोकल एसोसिएशन की मदद से, गेंदबाज हर रोज के हिसाब से बुला जो सीधे नेट्स पर रिपोर्ट करते हैं।
तो इस बार, टीमें नेट गेंदबाजों को इस्तेमाल तो कर रही हैं पर न सिर्फ गिनती में कम, ज्यादातर को अपने शहर से बाहर के मैचों के लिए टीम के साथ ट्रेवल नहीं करा रहे। ऐसे में इन युवा गेंदबाजों के हाथ से, आईपीएल के दौरान, बेहतर कोच से ट्रेनिंग और टीम के साथ रहने का अनुभव कम हो गया। असल में फ़ायदा दोनों का हो रहा था। नेट गेंदबाज न सिर्फ अनुभव लेते
हैं- ये सीधे टीम में एंट्री का रास्ता भी बनता है। ज्यादा पीछे नहीं जाते-
आईपीएल 2022 : उमरान मलिक (एसआरएच), आकाश दीप (आरसीबी) और मुकेश कुमार (डीसी) वही गेंदबाज हैं जो आईपीएल 2021 में इन टीम के नेट गेंदबाज थे। एक और नेट गेंदबाज, श्रीलंका के मथीशा पाथिरथना को सीएसके ने ले लिया।
आईपीएल 2023 : जम्मू-कश्मीर के विवरांत शर्मा, हैदराबाद ने 2.6 करोड़ रुपये में साइन किया- आईपीएल 2022 में उनके नेट्स पर थे। डुआन जानसन- मुंबई इंडियंस के नेट गेंदबाज और उसी टीम ने 20 लाख रुपये में खरीदा। जोशुआ लिटिल- 2022 टी20 विश्व कप में आयरलैंड के लिए चमके, इस साल आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाले पहले आयरिश क्रिकेटर- गुजरात टाइटन्स ने 4.4 करोड़ रुपये में साइन किया- चेन्नई सुपर किंग्स के 2022 सीजन में नेट गेंदबाज। कुलवंत खेजरोलिया- केकेआर से कॉन्ट्रैक्ट और 2022 में आरसीबी के नेट्स पर थे। मोहित शर्मा- 2022 मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड तो नेट गेंदबाज बन गए गुजरात टाइटन्स में । ऐसा असर डाला कि इसी टीम से 2023 में 50 लाख रुपये का कॉन्ट्रैक्ट। मुकेश कुमार- दिल्ली ने अपने नेट गेंदबाज को 5.75 करोड़ रूपये में साइन किया। निशांत सिंधु- इस साल अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली टीम के एक स्टार, पिछले सीजन में चेन्नई के नेट गेंदबाज और 2023 में इसी टीम ने 60 लाख रूपये में लिया।
नेट गेंदबाज बनने से कई रास्ते खुलते हैं- आईपीएल 2023 में जम्मू-कश्मीर के 7 खिलाड़ियों को नेट-गेंदबाज के तौर पर चुना है। ये जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट में आगे बढ़ने का रास्ता होगा। ये सिस्टम टीम और खिलाड़ी दोनों का फायदा है और बोर्ड जिस वर्क लोड मैनेजमेंट की बात कर रहा है- उसमें भी ख़ास भूमिका निभाएगा।
- चरनपाल सिंह सोबती