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विराट कोहली का आईपीएल में रिकॉर्ड- 7062 रन (16 मई 2023 तक)। न सिर्फ, आईपीएल में 7000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं- ये सभी रन एक ही टीम आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) के लिए बनाए। वे आईपीएल में 2008 से इसी टीम के लिए खेल रहे हैं। ऐसे में अगर उनके अविश्वसनीय योगदान के लिए आरसीबी उन्हें धन्यवाद दे तो इसमें हैरानी की क्या बात है? टी20 क्रिकेट के इतिहास में, एक टूर्नामेंट में, शुरू से एक खिलाड़ी के इतने लंबे सफर की ये अनोखी मिसाल है। लंबे सफर की बात करें तो शायद एमएस धोनी के नाम पर भी ऐसा ही रिकॉर्ड होता पर जो हालात बने, उन पर धोनी का कोई कंट्रोल नहीं था।

विराट कोहली के ये हजारों रन और आईपीएल 2021 तक आरसीबी के नियमित कप्तान- इस बीच, इसी टीम के बैनर के साथ विराट कोहली दुनिया के सबसे मशहूर इंटरनेशनल बल्लेबाज और कप्तान भी बने। यहां बहरहाल सिर्फ आईपीएल की बात कर रहे हैं। 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से, एक ही फ्रेंचाइजी के लिए खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी, कोहली को इसीलिए आरसीबी टीम अपनी एक सच्ची संपत्ति का नाम देती है। आज भी आरसीबी की पहचान वही हैं और इस सीजन में जब स्टैंड-इन कप्तान की जरूरत पड़ी तो पहली पसंद विराट कोहली ही थे।

इसीलिए विराट भी कहते हैं- ‘इस अद्भुत फ्रैंचाइजी के सर्वोत्तम हित में जो था, अब तक वही किया है और आरसीबी परिवार मेरे दिल के करीब है। मैं क्रिकेट से रिटायर होने तक सिर्फ आरसीबी के लिए खेलूंगा।’ ये बात, उनकी आरसीबी के साथ नजदीकी महज एक टीम के लिए एक खिलाड़ी के खेलने की मिसाल नहीं है।

अब तक 235 आईपीएल मैच और इससे ज्यादा मैच सिर्फ 3 खिलाड़ी के नाम, 5 शतक और 2016 सीजन में 81 की औसत से 973 रन तो अन्य बड़े-बड़े रिकॉर्ड हैं पर और भी बहुत कुछ ऐसा है जो उन्हें आईपीएल में ऐसा खिलाड़ी साबित करता है- जिसके प्रदर्शन पर आगे शायद विश्वास करना भी मुश्किल होगा।

अब इसी तारीफ का एक दूसरा पहलू भी है- आखिरकार ऐसे टॉप खिलाड़ी के साथ खेलने से आरसीबी को क्या हासिल हुआ? विराट कोहली के साथ आरसीबी ने 3 आईपीएल फाइनल तो खेले लेकिन ट्रॉफी एक बार भी नहीं जीते। इस सीजन में भी वही हो रहा है- अब तक के 12 मैच में विराट कोहली के 50 वाले 6 स्कोर के साथ 438 रन लेकिन क्या इन रन की बदौलत आरसीबी का प्ले-ऑफ में खेलना भी तय हो पाया है? क्या वे आरसीबी को पहली बार आईपीएल टाइटल हासिल करने में मदद कर सकते हैं?

अगर ये मानने वालों की कमी नहीं कि आरसीबी भाग्यशाली थी कि उन्होंने विराट कोहली को एक अंडर 19 क्रिकेटर के तौर पर जो पहचाना वह उनकी दूरदर्शिता था तो ये मानने वालों की भी कमी नहीं कि विराट कोहली जैसे बड़े खिलाड़ी का सालों तक लगातार उनके लिए खेलना ऐसा अभिशाप साबित हुआ है जिसका नतीजा इस रिकॉर्ड में नजर आ रहा है कि आईपीएल के इतिहास की सबसे मशहूर टीम में से एक आरसीबी ने कभी भी आईपीएल टाइटल नहीं जीता है। वे टीम के नाम पर, ऐसे हावी हुए कि टीम उनके प्रभाव के दायरे से भी बाहर नहीं आ पाई।

एक तरफ विराट कोहली और दूसरी तरफ अन्य किसी भारतीय टेलेंट पर भरोसा न करना इस टीम की वह पहचान है जिस पर कोई ध्यान नहीं देता। ऐसा क्यों कि आईपीएल में, उनके अतिरिक्त हर टीम के लिए ज्यादा भारतीय बल्लेबाज ने 1000+ रन बनाए। ऐसा रिकॉर्ड बनाने वाले हर टीम के भारतीय और विदेशी : केकेआर 9/4, चेन्नई 7/5, मुंबई 7/3, दिल्ली 7/2, राजस्थान 5/3, पंजाब 4/5, सनराइजर्स 2/3 जबकि आरसीबी 1/5 खिलाड़ी।

क्या ये हैरानी की बात नहीं कि जिस टीम के लिए अकेले विराट कोहली ने 7062 रन बनाए- उसके लिए और किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने 1000 रन तक नहीं बनाए। विराट कोहली के होते हुए, क्या ये अन्य भारतीय बल्लेबाज को नजरअंदाज करने की मिसाल नहीं? विराट के बाद, आरसीबी के टॉप भारतीय स्कोरर राहुल द्रविड़ हैं 898 रन के साथ। इसके बाद : 884- पडिक्कल, 731- पार्थिव पटेल, 611- दिनेश कार्तिक, 597- मनदीप सिंह, 549- रॉबिन उथप्पा, 487- सौरभ तिवारी।

और देखिए जिस आरसीबी के लिए 16 वां सीजन खेल रहे हैं विराट कोहली, उसने और किसी भारतीय खिलाड़ी पर कोई ख़ास भरोसा नहीं दिखाया और लंबा नाता नहीं रखा। उनके बाद सबसे ज्यादा 4 सीजन मनदीप सिंह खेले। 3 सीजन राहुल द्रविड़ ,एस गोस्वामी, मयंक अग्रवाल, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, सरफराज खान, पार्थिव पटेल, चेतेश्वर पुजारा, सचिन बेबी और सौरभ तिवारी खेले। केएल राहुल और पडिक्कल जैसे खिलाड़ियों को भी नहीं रोका इस टीम ने। पडिक्कल ने आरसीबी के साथ शुरुआत की लेकिन उन्हें भी रिटेन नहीं किया!

इसका साफ़ मतलब है कि इस टीम की पॉलिसी रही- विराट कोहली और विदेशी खिलाड़ियों के साथ आईपीएल में कामयाबी की तलाश पर ये भूल गए कि आईपीएल को 4 विदेशी नहीं जीत सकते- ये मैच जीत सकते हैं पर टाइटल जीतना है तो 7 अन्य भारतीय खिलाड़ी का खास योगदान चाहिए। ये टीम युवा भारतीय टेलेंट को चुनने और रखने में अदूरदर्शी रही है … हमेशा बल्लेबाजी लाइनअप में 2-3 बड़े हिटर पर निर्भर।

क्रिस गेल ने तो साफ़ कह भी दिया कि इस टीम के लिए विराट कोहली का खेलना बड़ी खास बात रहा पर टीम इस नाम के प्रभाव से निकल ही नहीं पाई और विराट के सामने हर खिलाड़ी नजरअंदाज हुआ- न सिर्फ भारतीय, विदेशी भी। अकेले विराट कोहली ने टाइटल जीतने थे तो अब तक आईपीएल का इतिहास कुछ और हो चुका होता।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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