आईपीएल मीडिया अधिकार 2023-27 की बिक्री में बड़ी रकम तो चर्चा वाली है ही- और भी बहुत कुछ ऐसा हुआ जो सोचने पर मजबूर कर देता है। सबसे पहले एक झलक पैसे के ग्राफ की 5 साल के लिए कुल मैच 410 मैच के हिसाब से :
भारतीय उपमहाद्वीप के लिए टेलीविजन अधिकार- 23,575 करोड़ रुपये में यानि कि 57.50 करोड़ रुपये प्रति मैच। अधिकार विजेता : डिजनी- स्टार स्पोर्ट्स।
भारतीय उपमहाद्वीप के लिए डिजिटल अधिकार- 20,500 करोड़ रुपये में यानि कि 50 करोड़ रुपये प्रति मैच। अधिकार विजेता : वायकॉम 18 ।
18 नॉन-एक्सक्लूसिव मैच- 3257.5 करोड़ रुपये में यानि कि 33.24 करोड़ रुपये प्रति मैच। अधिकार विजेता : वायकॉम 18।
बाकी विश्व अधिकार (भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर के बाजार के लिए) टीवी और डिजिटल दोनों- 1058 करोड़ रुपये में यानि कि 2.58 करोड़ रुपये प्रति मैच।अधिकार विजेता : वायकॉम 18- ऑस्ट्रेलिया + न्यूजीलैंड, यूके और दक्षिण अफ्रीका (595 करोड़ रुपये) तथा मध्य पूर्व (205 करोड़ रुपये) और अमेरिका रीजन (258 करोड़ रुपये) – टाइम्स इंटरनेट। ।
इस तरह 2023 से 2027 तक पांच सीजन की कम से कम कीमत 48,390.5 करोड़ रुपये। प्रति मैच कीमत- भारतीय उप महाद्वीप में टीवी और डिजिटल स्ट्रीमिंग से मिलाकर प्रति मैच 107.5 करोड़ रुपये। कुल मिलाकर प्रति मैच कीमत बनी 118 करोड़ रुपये। ध्यान देने वाली बात ये है कि भारतीय उप महाद्वीप के लिए अगर टीवी अधिकार प्रति मैच 57.5 करोड़ रुपये के हिसाब से बिके तो डिजिटल अधिकार वायकॉम18 ने प्रति मैच 50 करोड़ रुपये के हिसाब से खरीदकर टीवी और डिजिटल स्ट्रीमिंग के बीच का फर्क बड़ा कम कर दिया। देश में क्रिकेट को किस तरह से देखना है- इसकी पसंद लगातार बदल रही है।
टीवी के लिए ये आगे की चुनौती का साफ़ इशारा है। पांच साल पहले, फेसबुक ने 3,900 करोड़ रुपये के साथ सबसे बड़ी, डिजिटल अधिकार बोली लगाई थी यानि कि प्रति मैच लगभग 13 करोड़ रुपये। तब से समय बड़ा बदल गया है- डिजिटल स्ट्रीमिंग से मैच देखने वालों की गिनती तेजी से बढ़ी है। इसे देखते हुए बीसीसीआई का टीवी और डिजिटल अधिकार अलग-अलग बेचने का फैसला एक चतुर चाल साबित हुआ।
पैसे के आकड़े एक अलग तरह से देखिए : वायकॉम 18 ने भारतीय उपमहाद्वीप के डिजिटल, हाई-प्रोफाइल गेम्स का पैकेज और ऑस्ट्रेलिया+न्यूजीलैंड, यूके और दक्षिण अफ्रीका में टीवी और डिजिटल अधिकार के लिए कुल 24352.5 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट किए जो भारत के टेलीविज़न अधिकारों के लिए 23,575 करोड़ रुपये के डिज़नी स्टार से ज्यादा हैं- कम नहीं।
सौदे का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि देश में डिजिटल नेटवर्क विकसित हुआ जियो (वायकॉम 18) के साथ देश भर में कनेक्टिविटी में तेजी से सुधार से। भारत में डिजिटल क्रांति हर स्मार्टफोन या स्मार्ट टेलीविजन में आई है। वायकॉम 18 या जियो ने भविष्य की तकनीक की दुनिया में एक ख़ास जगह बनाने में एक बड़ी छलांग लगाई और देश के युवा वर्ग को, आईपीएल को डिजिटल दिखाना चाहते हैं। डिजिटल अधिकार का 2008 में मीडिया अधिकारों में हिस्सा सिर्फ 7 और 2017 में 25 प्रतिशत था- अब ये टीवी अधिकारों से आगे निकल गए है। भविष्य डिजिटल है और आईपीएल नीलामी उसी का आईना है। नीता अंबानी ने वायकॉम की तरफ से कहा- आईपीएल डिजिटल राइट्स एक क्रांति लाएंगे। भविष्य डिजिटल प्लेटफॉर्म का है। कंपनी का वायदा है- वायकॉम 18 भारत के हर हिस्से में, हर भारतीय को आईपीएल उपलब्ध कराएगा। इसमें वे 60 मिलियन फ्रीडिश घर भी शामिल हैं, जो आज आईपीएल नहीं देख रहे थे।आईपीएल अधिकार वायकॉम18 की क्रिकेट में पहली बड़ी एंट्री है। फीफा वर्ल्ड कप कतर 2022, नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए), ला लीगा, लिग 1, सीरी ए, अबू धाबी टी 10 और टॉप एटीपी (एसोसिएशन ऑफ टेनिस प्रोफेशनल्स) और बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) पहले से वायकॉम 18 प्लेटफॉर्म पर हैं। अब आईपीएल को ऐसे दिखाने का वायदा है- जैसे पहले कभी नहीं देखा गया। आईपीएल के लिए स्ट्रीमिंग दर्शकों की गिनती पिछले साल 421 मिलियन दर्शक थी जबकि 2020 और 2019 में ये क्रमशः 375 मिलियन और 325 मिलियन थी। 2023 में 523 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
वायकॉम 18 इन तो वॉल्ट डिज़नी की वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस डिज़नी+हॉटस्टार आउट- जानकार कह रहे हैं कि उनके 50 मिलियन सब्सक्राइबर बेस को जबरदस्त झटका लग सकता है। सिंगापुर की रिसर्च एंड कंसल्टिंग फर्म- मीडिया पार्टनर्स एशिया के अनुसार, डिज़नी+हॉटस्टार के आईपीएल डिजिटल अधिकार गंवाने से,15 मिलियन तक सब्सक्राइबर उनकी किटी से निकल सकते हैं।
- चरनपाल सिंह सोबती