fbpx

अहमदाबाद में रणजी ट्रॉफी 2022 सीजन के पहले राउंड में सौराष्ट्र के विरुद्ध मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान ने 401 गेंदों में 275 रनों की पारी खेली। इस खबर पर कई जानकार ने
कहा- लो पिछला सीजन जहां छोड़ा था, वहीं से रन बनाने का सिलसिला शुरू हो गया। पहले दिन, जब सरफराज 50 तक पहुंचे, तो मुंबई के डगआउट से कोई चिल्लाया- ‘बहुत काम है अभी। बहुत सारा बाकी है।’ जवाब में सरफराज ने बैट ऊपर उठाया- उन्हें समझ आ गया था कि क्या करना है। अगले दिन वे 275 पर और मुंबई ने 544/8 पर पारी समाप्त घोषित की।

जहां तक पिछले सीजन को जहां छोड़ा, वहां से आगे स्कोर करने की बात है तो नोट कीजिए रणजी ट्रॉफी में सरफराज खान के लगातार स्कोर : 71, 36, 301, 226, 25, 78, 177, 6 और 275 रन। इन स्कोर को देखते हुए ही, जब वे मुंबई के गोवा के विरुद्ध अगले मैच में 63 और 48 ही बना सके तो इसे उनकी नाकामयाबी कहा गया। इसके अतिरिक्त, पिछले नवंबर में, 71* बनाए थे इंडिया ए के लिए दक्षिण अफ्रीका ए के विरुद्ध ब्लूमफ़ोन्टेन में। ये वे लगातार स्कोर हैं जिन पर पक्का है कि डॉन ब्रैडमैन को भी गर्व होता।

अभी तो उत्तर प्रदेश से मुंबई वापस लौटने के बाद, एक साल की कूलिंग के कारण अपनी क्रिकेट का एक बेहतरीन साल गंवाया पर 2019-20 में रणजी टीम में वापसी- वह मौका था जिसका उन्हें बेसब्री से इंतजार था। पहले दो मैचों में आखिरी इलेवन में जगह नहीं मिली। कर्नाटक के विरुद्ध खेलने से जो समा बंधा- वह रुका नहीं है। 2020-21 फर्स्ट क्लास क्रिकेट सीज़न में 6 मैचों में 154.66 की औसत से 926 रन बनाए थे। 275 के स्कोर के कुछ ख़ास पड़ाव :

  • रहाणे के साथ 252 रन की पार्टनरशिप 518 गेंद में।
  • छठे विकेट के लिए शम्स मुलानी के साथ 62 रन जोड़े- जिसमें सरफराज के 42 गेंदों में 49 रन।
  • तनुश कोटियन के साथ सातवें विकेट के लिए 118 रन जोड़े- जिसमें सरफराज के 63 गेंदों में 81 रन।

इन बड़े स्कोर की चर्चा का सरफराज पर कोई ज्यादा असर नहीं क्योंकि उन्हें तो शायद आदत ही हो गई है बड़े स्कोर करने की। ये काम स्कूल क्रिकेट के दिनों से चल रहा है। रन बनाना मानो रोज़ का काम- 100 का स्कोर इसमें टॉनिक भर है।
जब 12 साल के थे- हैरिस शील्ड इंटर-स्कूल टूर्नामेंट में सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड तोड़ दिया रिजवी स्प्रिंगफील्ड के लिए 439 रन बनाकर। सरफराज अपने हर बड़े स्कोर का पूरा श्रेय अपने पिता और कोच नौशाद खान को देते हैं। पिता ने अपनी कोचिंग के लिए घर पर ही एस्ट्रोटर्फ का इंतजाम किया है और उस पर खेलने के बाद, सरफराज को किसी भी तरह के विकेट पर खेलना मुश्किल नहीं लगता।

2015 में उत्तर प्रदेश शिफ्ट क्यों हुए- इसका आज भी सरफराज के पास कोई सही जवाब नहीं है। चार साल बाद मुंबई की टीम में लौटे- किस्मत अच्छी थी कि तब भी मुंबई की टीम में जगह मिल गई। मुंबई क्रिकेट में नौशाद अली और उनके परिवार के योगदान को सम्मान दिया जाता है। लॉकडाउन के दौरान भी, क्रिकेट की तत्काल बहाली नहीं होने के बावजूद सरफराज ने रेड-बॉल क्रिकेट पर प्रैक्टिस को जारी रखा- यहां तक कि जब अपने गांव गए तो घर की छत पर खेले।

सरफराज के पिछली कुछ लगातार पारी के स्कोर पढ़ते हुए क्या आपने 301और 226 के दो लगातार स्कोर पर ध्यान दिया? उत्तर प्रदेश के विरुद्ध वानखेड़े स्टेडियम में तिहरे शतक के एक हफ्ते से भी कम समय में हिमाचल प्रदेश के विरुद्ध बारिश से प्रभावित रणजी ट्रॉफी मैच में दोहरा शतक लगा दिया। एक तिहरा शतक बनाने के बाद अगली पारी में दोहरा शतक बनाने वाले सिर्फ चौथे खिलाड़ी बन गए थे सरफराज। इतना ही नहीं, उनके 226*, तिहरे शतक के बाद फर्स्ट क्लास क्रिकेट की अगली पारी में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। सिर्फ सर डोनाल्ड ब्रैडमैन ने ऐसे रिकॉर्ड में, इससे बड़ा स्कोर दर्ज किया- इंग्लैंड के 1934 के टेस्ट टूर के दौरान लगातार पारियों में 304 और 244 रन बनाए थे। बाद में 1936 में ब्रैडमैन ने लगातार पारियों में 369 और 212 रन बनाए। अगर धर्मशाला में, हिमाचल प्रदेश वाले मैच पर बरसात ने कुछ और मेहरबानी की होती तो शायद सरफराज खान तब ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ सकते थे।

वह जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे थे, उसे देखते हुए लगातार तिहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बनने के रिकॉर्ड के आसार नजर आ रहे थे। यहां तक कि बरसात ने सरफराज से दो लगातार फर्स्ट क्लास क्रिकेट पारियों में 250+ स्कोर रिकॉर्ड करने का मौका भी छीन लिया। ये रिकॉर्ड बनाने वाले सिर्फ तीसरे बल्लेबाज बनते (अन्य दो : 1971/72 में ग्लेन टर्नर (259 और 259) और 2014/15 में मोसादेक हुसैन (250 और 282)।

इस चर्चा के बाद ये सवाल तो और भी ख़ास हो जाता है कि इस तरह से रन बनाने के बावजूद क्यों टीम इंडिया के सेलेक्टर्स उन्हें नजरअंदाज करते आ रहे है? रणजी ट्रॉफी में लगातार 9 स्कोर 71* (140 गेंद), 36 (39), 301* (391), 226* (213), 25 (32), 78 (126), 177 (210), 6 (9), 275 (401) यानि कि 9 पारी में 1195 रन ! सरफराज खान ने कोई निराशा जाहिर नहीं की पर कोच नौशाद खान निराश हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरफराज को जल्द ही जगह मिल जाएगी। कहीं ऐसा न हो कि देरी उनका हौसला तोड़ दे और जिनके साथ ऐसा हो चुका है- उस लिस्ट में एक नाम और जुड़ जाए। दिलीप वेंगसरकर, जो खुद 2008 तक बीसीसीआई सेलेक्टर्स के चैयरमेन थे, ने कहा कि मौजूदा चयनकर्ता, चयन के लिए सरफराज और रुतुराज की अनदेखी कर उनका मनोबल गिरा रहे हैं।

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *