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एक बड़ा रोचक और सही सवाल है कि अगर पांच महिला क्रिकेटर शफाली वर्मा (बर्मिंघम फीनिक्स), दीप्ति शर्मा (लंदन स्पिरिट), हरमनप्रीत कौर (मैनचेस्टर ओरिजिनल्स), स्मृति मंधाना (सदर्न ब्रेव) और जेमिमा रोड्रिग्स (नारदर्न सुपरचारजर्स) इंग्लैंड में नए टूर्नामेंट ‘द हंड्रेड’ में खेल सकती हैं तो कोई पुरुष क्रिकेटर क्यों नहीं? जवाब बड़ा साफ़ है- BCCI की पॉलिसी इसकी इजाजत नहीं देती।

BCCI की पालिसी कहती है एक खिलाड़ी (पुरुष) सिर्फ इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट और लिस्ट ए क्रिकेट खेल सकता है- टी20 ब्लास्ट के मैच तो वहां भी नहीं खेल सकता। तब भी अगर विदेशी लीग में खेलना है तो भारत की घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में खेलना छोड़ना होगा या यूँ कह लीजिए कि रिटायर होना होगा। BCCI ने इस पॉलिसी को कितनी सख्ती से पल्लू से बांध रखा है इसकी दो नई मिसाल देखिए :

  • अक्टूबर 2019 में खबर आई कि ‘द हंड्रेड’ के पहले सीजन (तब ये 2020 सीजन था) के लिए जिन 25 विदेशी क्रिकेटरों ने £ एक लाख की बेस कीमत पर रजिस्ट्रेशन करवाया है – उनमें एक नाम हरभजन सिंह का है।जैसे ही उन्हें पता चला कि वहां खेलने का लालच किया तो आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट चला जाएगा तो हरभजन फ़ौरन प्लेयर्स ड्राफ्ट से अपना नाम वापस ले लिया।
  • आईपीएल 2020 सीजन के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स ने प्रवीण तांबे को खरीदा नीलाम में। जैसे ही पता लगा कि तांबे ने पॉलिसी को तोड़ा है- बोर्ड ने उन्हें आईपीएल में खेलने से रोक दिया। क्या किया था – अबू धाबी टी10 लीग में सिंधी टीम के लिए खेले थे बिना इजाजत। अब चूंकि खेल चुके थे इसलिए बोर्ड ने आईपीएल खेलने से रोक दिया। केकेआर ने उन्हें बेस कीमत 20 लाख रुपये में खरीदा था।

अब यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि विदेशी लीग में खेलना तो कई चाहते हैं पर बोर्ड की सख्त पॉलिसी के कारण ऐसा कर नहीं पा रहे। जो कर रहे हैं उनका नाम भारतीय क्रिकेट की लिस्ट से कट रहा है। ये भी नहीं छपता कि कौन कौन भारत की क्रिकेट को छोड़ रहा है। चूंकि कोई बड़े नाम वाला खिलाड़ी नहीं, इसलिए BCCI को भी कोई चिंता नहीं। अब बेंच स्ट्रेंथ ऐसी है कि कौन चिंता करे किसी के जाने की? बहरहाल ये एक चेतावनी है। देखिए पिछले दिनों में कौन कौन गया :

  • बेंगलुरु के स्कंद रोहित शर्मा यूएसए अंडर-19 टीम में शामिल- अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश में यूएसए टीम की मदद करेंगे।स्कंद कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन लीग में हेरॉन्स क्रिकेट क्लब के लिए खेल चुके हैं।
  • रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेल चुके दाएं हाथ के बल्लेबाज बल्लेबाज मिलिंद कुमार रिटायर- अब यूएसए माइनर लीग में फिलाडेल्फिया के लिए खेलेंगे। मिलिंद दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले और घरेलू क्रिकेट में दिल्ली, सिक्किम और त्रिपुरा का प्रतिनिधित्व किया। एक समय दिल्ली रणजी टीम के उप-कप्तान थे। 2013 में, मिलिंद उस दिल्ली टीम में थे जिसने एक प्रैक्टिस मैच में इंग्लैंड को हराया (85 रन में 78*)। 2017 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन में खेले थे। सिक्किम के लिए 2018/19 रणजी ट्रॉफी सीज़न में 1331 रन बनाए।
  • स्मित पटेल, हरमीत सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी भी माइनर लीग में खेलने के लिए भारतीय क्रिकेट छोड़ गए। कौन हैं ये?
    स्मित पटेल : साफ़ कहा रिटायर हो गए। भारत की 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता टीम में थे- विकेटकीपर। 62* बनाए थे टोनी आयरलैंड स्टेडियम में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में जीत दिलाने में। उनका परिवार तो 2010 में ही अमेरिका चला गया था पर भारत के लिए खेलने की चाह में वे रुके रहे। मौके के लिए तरसते हुए अब वे भी चले गए- 55 फर्स्ट क्लास मैच पर किसी ने आईपीएल में भी नहीं खिलाया। ख़ास बात- अगस्त में कैरिबियन प्रीमियर लीग में बारबाडोस ट्राइडेंट के लिए खेलेंगे। उनके पास ग्रीन कार्ड है।
    सिद्धार्थ त्रिवेदी : आईपीएल में 2008 से 2013 के बीच शेन वार्न, शेन वॉटसन और राहुल द्रविड़ जैसे क्रिकेटरों के साथ राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले।आईपीएल 2013 में झटका लगा- आरोप लगा कि सट्टेबाज की रिपोर्ट नहीं की मैनेजमेंट को और एक साल का प्रतिबंध लगा दिया। 2014 में प्रतिबंध ख़त्म होने के बावजूद आगे किसी ने नहीं खिलाया। राजस्थान रॉयल्स के लिए 76 मैच में 65 विकेट। 82 फर्स्ट क्लास और 78 लिस्ट ए मैच भी खेले। वे तो कोच बनने के बारे में सोच रहे थे पर मौका मिला तो अब अमेरिका में खेलेंगे।
    हरमीत सिंह : ये भी अंडर 19 वर्ल्ड कप जीत के स्टार थे। आईपीएल में 2009 और 2011 के बीच हैवी-हिटर एडम गिलक्रिस्ट, रोहित शर्मा और एंड्रयू साइमंड्स के साथ डेक्कन चार्जर्स के लिए खेले। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए भी खेले पर 2013 आखिरी सीजन बन गया। 27 आईपीएल मैचों में,26.96 की औसत से 25 विकेट ।

द हंड्रेड में खेलने की चाह सिर्फ दिनेश कार्तिक की नहीं है- उन्होंने बताया कि दबी आवाज़ में सुरेश रैना और रोबिन उथप्पा भी उन्हें कह चुके हैं कि वे खेलना चाहते हैं। BCCI पर इस सब का कोई असर नहीं और इसे दिनेश कार्तिक से बेहतर कौन बता सकता है? वे कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए खेलते हैं और इसी ग्रुप की टीम कैरेबियन प्रीमियर लीग में ट्रिनबागो नाइट राइडर्स नाम से खेलती है। 2019 में दिनेश कार्तिक इस टीम के ड्रेसिंग रूम में दिखाई दे गए – BCCI को तो ये भी पसंद नहीं आया था और दिनेश कार्तिक को माफी मांगनी पड़ी। विश्वास कीजिए इंग्लैंड में तो यह कहा जा रहा कि वह दिन दूर नहीं जब ‘द हंड्रेड’ के फ्रेंचाइज अधिकार बेचे जाएंगे तो आईपीएल टीमों के मालिक ही सबसे पहले टीम खरीदेंगे।

इस सारी चर्चा में वेस्टइंडीज में सीपीएल (कैरेबियन प्रीमियर लीग) में जल्दी ही बनने वाले इतिहास का जिक्र जरूरी है। प्रवीण तांबे को सीपीएल में खेलने वाले पहला भारतीय क्रिकेटर गिना जाता है पर ये जिक्र भी जरूरी है कि
सनी सोहल कैरेबियन प्रीमियर लीग में बारबाडोस ट्राइडेंट्स के लिए खेले हैं और उन कुछ क्रिकेटरों में से एक जो आईपीएल के साथ-साथ सीपीएल का भी हिस्सा रहे हैं। सोहल भी यूएसए के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं। दूसरा नाम स्मित पटेल का है।

मुंबई में जन्मे बाएं हाथ के फ़ास्ट मीडियम गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर इस समय यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका क्रिकेट टीम के कप्तान हैं। नेत्रवलकर भारत के लिए अंडर-19 क्रिकेट खेले और घरेलू सर्किट में मुंबई के लिए। तिमिल पटेल की तरह, वह भी यूएसए चले गए और वहां इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत की। नेत्रवलकर इस साल सीपीएल में गुयाना अमेजन वारियर्स के लिए खेल रहे हैं। एक और खिलाड़ी असद पठान हैं- वे प्लेयर्स ड्राफ्ट में थे पर बिके नहीं। पठान भी आरसीबी टीम का हिस्सा थे और 2011-12 में 6 मैचों में उनके लिए खेले थे।

भारत के लिए या भारत में क्रिकेट खेलने का लालच छोड़कर बाहर खेलने की चाह खिलाड़ियों को भारत से बाहर ले जा रही है- चेतावनी ये है कि इनकी गिनती बढ़ रही है। अब सीपीएल में प्रवीण तांबे के साथ खेलने वालों में स्मित पटेल भी जुड़ गए हैं और ये गिनती आगे और बढ़ेगी।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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