लॉर्ड्स में पहला इंग्लैंड – न्यूजीलैंड टेस्ट। ऐसा नहीं है कि जो क्रिकेट हुई उस पर सिर्फ इन्हीं दोनों टीम से जुड़ने वालों का ध्यान था – भारत में भी हर नज़र इस टेस्ट पर थी क्योंकि 18 जून से भारत को इसी न्यूजीलैंड टीम से खेलना है।क्रिकेट पंडितों ने कहा न्यूजीलैंड के लिए सीरीज के दोनों टेस्ट, WTC फाइनल की रिहर्सल हैं। ऐसे में न्यूजीलैंड को अपनी नंबर 1 टीम के साथ खेलना चाहिए था लॉर्ड्स में – लेकिन ये क्या, ओपनर जोड़ी ही तोड़ दी। टॉम लैथम और टॉम ब्लंडेल 2019 -20 के मेलबर्न टेस्ट से लगातार ओपनिंग कर रहे थे। इतना ही नहीं, इंग्लैंड आने से पहले की आखिरी दो टेस्ट पारी (इस साल पाकिस्तान के विरुद्ध) में ओपनिंग में 111 और 52 की पार्टनरशिप निभाने वाली जोड़ी को तोड़ दिया।
ऐसा करने की कोई ख़ास वजह होनी चाहिए थी और सच ये है कि टीम मैनेजमेंट का फैसला किसी पहेली से कम नहीं था। आज सभी जानते हैं कि उनका ब्लंडेल की जगह डेवोन कॉनवे को डेब्यू करने का फैसला मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ पर टेस्ट शुरू होते समय ये सब बड़ा अजीब लग रहा था। सनसनीखेज पारी खेलने के बाद, खब्बू कॉनवे 347 गेंद पर 200 रन बनाकर रन आउट हुए – 22 चौके और एक छक्का। उनके 200 ने न्यूजीलैंड को 378 रन के अच्छे स्कोर के साथ टेस्ट में मजबूत स्थिति में आने में मदद की।
कॉनवे ने डेब्यू पारी में 200 के स्कोर के साथ ढेरों नए रिकॉर्ड बना दिए, जिनकी लिस्ट बहुत लंबी है पर कॉनवे की कोशिश को समझने के लिए कुछ ख़ास का जिक्र जरूरी है :
- डेब्यू करने वाले ऐसे चौथे खिलाड़ी जिसने सेंचुरी बनाई और पहले पूरे दिन बल्लेबाजी की (अन्य तीन : ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स बैनरमैन, इंग्लैंड के बिली ग्रिफिथ और विंडीज के कॉनराड हंट)।
- डेब्यू टेस्ट में लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड पर नाम आ गया।
- इंग्लैंड में अपने टेस्ट डेब्यू पर 200 बनाने वाले पहले बल्लेबाज। दूसरे दिन 136* से आगे खेलते हुए छक्का लगाकर 200 पूरे किए। इंग्लैंड में डेब्यू पर सबसे बड़े स्कोर का 125 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा (केएस रणजीतसिंहजी,1896 में मैनचेस्टर में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 154 रन)।
- अपने पहले टेस्ट में 200 तक पहुंचने वाले सातवें बल्लेबाज़ :
रेग फोस्टर (इंग्लैंड) – 287
जैक्स रूडोल्फ (दक्षिण अफ्रीका) – 222
लॉरेंस रोव (वेस्टइंडीज) – 214
मैथ्यू सिंक्लेयर (न्यूजीलैंड) – 214
कायल मेयर्स (वेस्टइंडीज) – 210
ब्रेंडन कुरुप्पू (श्रीलंका) – 201*
डेवोन कॉनवे (न्यूजीलैंड) – 200
कौन हैं ये कॉनवे ? असल में वे टेस्ट के लिए भले नए खिलाड़ी हैं पर इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके थे – 3 ओडीआई (2021 में – 225 रन 75 औसत से) और 14 टी 20 इंटरनेशनल (2020 से – 473 रन 59.12 औसत से)। स्पष्ट है सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में कमाल का रिकॉर्ड बनाया और इसीलिए न्यूजीलैंड वाले उन्हें फ़टाफ़ट टेस्ट क्रिकेट खिलाने के लिए बेताब थे।
ये भी कह सकते हैं कि कॉनवे की टेलेंट के तौर पर न्यूजीलैंड के हाथ ‘खजाना’ लग गया था। फायदे की बात ये है कि ये कॉनवे उनकी अपनी क्रिकेट का प्रॉडक्ट नहीं हैं। वे तो दक्षिण अफ्रीका से टेलेंट लाए और खेले न्यूजीलैंड के लिए। 2017 में डेवोन कॉनवे दक्षिण अफ्रीका से न्यूजीलैंड आए थे। जब इस इंग्लैंड टूर के लिए टीम का चयन हुआ था तो कॉनवे ने न्यूजीलैंड के लिए खेलने के लिए तो क्वालीफाई कर लिया था पर उन्हें न्यूजीलैंड की नागरिकता देने के कागजात नहीं बने थे। इस तरह वे ‘विदेशी’ ही थे। चूंकि किसी भी विदेशी के न्यूजीलैंड आने पर प्रतिबंध लगा हुआ है – इसलिए न्यूजीलैंड क्रिकेट को डर था कि कहीं ऐसा न हो जाए कि कॉनवे को न्यूजीलैंड वापस ही न आने दें। किसी ख़ास इंतज़ाम की बहरहाल जरूरत ही नहीं पड़ी और कॉनवे को इंग्लैंड रवाना होने से पहले उनकी नागरिकता मिल गई थी। अगस्त 2017 में न्यूजीलैंड आने के तीन साल बाद, नवंबर 2020 में ही इंटरनेशनल क्रिकेट में आए और तीनों तरह की क्रिकेट खेल चुके हैं।
पिछले सात महीनों में, कॉनवे ने जो आत्मविश्वास इंटरनेशनल क्रिकेट में दिखाया है, वह टीम इंडिया के गेंदबाज़ों के लिए चेतावनी है। तीन ओडीआई में 225 रन में एक सेंचुरी शामिल है, जबकि टी 20 आई में स्ट्राइक रेट 150 से भी ऊपर है। इस बात की कोई गारंटी नहीं कि ये फार्म कब तक चलेगी पर उनमें एक अच्छे बल्लेबाज़ की हर खूबी दिखाई दी है। लॉर्ड्स में जिस नई गेंद के आक्रमण के विरुद्ध रन बनाए – उनके नाम 1100 से ज्यादा टेस्ट विकेट थे। ऐसा भी नहीं कि वे तो हैं ही ओपनर – लॉर्ड्स टेस्ट से पहले सिर्फ 19 बार फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ओपनिंग की थी। इसलिए न्यूजीलैंड का टॉम लैथम के साथ ओपनर बनाने का फैसला सनसनीखेज कहा जाएगा। वे तो नंबर 3 बल्लेबाज़ गिने गए थे।
शुरुआत में वेलिंगटन की प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह पक्की करने के लिए जूझे लेकिन रिकॉर्ड ये है कि 2018/19 और 2019/20 सीज़न में न्यूजीलैंड के 6 घरेलू टूर्नामेंटों में से पांच में स्कोरिंग चार्ट में टॉप पर रहे। और भी हैरानी की बात ये कि न्यूजीलैंड आने के बाद जो पहला ट्रायल गेम खेला उसमें नंबर 10 पर बल्लेबाज़ी की थी। अब वे टेस्ट में ओपनर हैं। जब दो साल पहले, कैंटरबरी के विरुद्ध बेसिन रिजर्व में 300 बनाए – तो उन गेंदबाजों का सामना किया जिसमें न्यूजीलैंड के इंटरनेशनल क्रिकेटर मैट हेनरी और टॉड एस्ले शामिल थे। चयनकर्ताओं को आखिरकार कॉनवे को चुनना ही पड़ा। नतीजा सामने है।
- चरनपाल सिंह सोबती