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भारत को WTC फाइनल हारे हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है। न्यूजीलैंड से हार के बाद विराट कोहली की टीम ने लंबी ब्रेक ली मानो बहुत खेलकर थक गए हों और आगे के मुकाबले की तो कोई चिंता ही नहीं। उसके बाद इकट्ठा हुए तो नाम के लिए सिर्फ एक प्रैक्टिस मैच खेला – एक 5 टेस्ट की सीरीज की इतनी लचर तैयारी। वह भी तब जबकि पिछला अनुभव साफ़ बताता है कि इंग्लैंड में सिर्फ उनके 11 खिलाड़ियों से मुकाबला नहीं होता – मौसम और पिच के साथ साथ ड्यूक गेंद से भी मुकाबला होता है। फिर भी, ये सब भूलकर यही उम्मीद करते हैं कि टीम इंडिया 4 अगस्त से शुरू हो रही सीरीज में अपनी सबसे बेहतर क्रिकेट खेलेगी।

ये और इस साल के आखिर में एशेज ही, दो साल के WTC के नए राउंड में ,5 टेस्ट वाली सीरीज हैं। इसी इंग्लैंड – भारत सीरीज के नॉटिंघम टेस्ट से WTC का दूसरा राउंड शुरू होगा। मुकाबला नंबर 2 रैंक टीम इंडिया का है कुल 60 पॉइंट के लिए नंबर 4 रैंक इंग्लैंड से – हर टेस्ट जीत 12, टाई के लिए 6 और ड्रॉ के लिए 4 पॉइंट।

इंग्लैंड का इंग्लैंड में पिछली तीनों सीरीज (2011, 2014 और 2018) जीतना इस बात का सबूत है कि अपने पराक्रम के मौजूदा दौर में न तो धोनी और न ही कोहली ने इंग्लैंड में सीरीज जीती। अब तक भारत की टीम इंग्लैंड में 18 सीरीज खेल चुकी है – इनमें से सिर्फ तीन जीते (1971,1986 और 2007) हैं। अगर टेस्ट की बात करें तो 62 में से 7 जीत की तुलना में 34 टेस्ट हारे हैं। वहां टेस्ट जीतना कितना मुश्किल रहा है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि ओवल 1971 से पहले तो कोई टेस्ट जीते ही नहीं थे।

इंग्लैंड और भारत के बीच क्रिकेट में मुकाबला सबसे पुराने और सबसे बड़े मुकाबलों में से एक है, इसलिए सट्टा बाजार खूब गर्म रहता है – ख़ास तौर पर इंग्लैंड में सट्टेबाजी की साइट खूब धंधा करती हैं। वैसे भी इंग्लैंड और भारत पूरी दुनिया में दो सबसे बड़े क्रिकेट सट्टेबाजी के बाजार हैं, इसलिए ये कह सकते हैं कि बहुत सारा पैसा दांव पर है। मौजूदा भाव इंग्लैंड की जीत (9 /5 ) का इशारा कर रहा है।

इस सब के बावजूद, विराट कोहली की टीम का लक्ष्य 14 साल बाद इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ को जीतना है। ऐसा कर सके तो WTC फाइनल की हार को भूल जाएंगे। दूसरी ओर इंग्लैंड, इस साल की शुरुआत में भारत से 3-1 से टेस्ट सीरीज हार का बदला लेने के लिए मुकाबला शुरू करेगा। अगर विराट कोहली को जीतना है तो बल्लेबाजी में कमाल करना होगा – रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत के मिलकर मैच जीतने वाली पारी खेलने की जरूरत है।

गेंदबाजी में पेसर जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव तथा स्पिनर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा हैं। गेंदबाजों से हमेशा की तरह अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है लेकिन उन्हें भी बैट के साथ रन बनाने होंगे। जरूरत से लंबी ‘टेल’ भारत की कई टेस्ट में हार की वजह बन चुकी है जबकि पता नहीं क्यों भारत के गेंदबाज़ दूसरी टीमों के निचले आर्डर के बल्लेबाज़ों के विकेट सस्ते में नहीं ले पाते? पांचों टेस्ट डार्क ड्यूक गेंद से खेले जाएंगे – एसजी और कूकाबुरा से ये बिल्कुल अलग है। इंग्लैंड में मददगार परिस्थितियों में स्विंग के साथ बल्लेबाजों के लिए कड़ी चुनौती बन जाती है।

इस सीरीज के साथ इंग्लैंड में टेस्ट में स्टेडियम दर्शकों से भरने का सिलसिला शुरू होगा – ऐसा नहीं है कि इंग्लैंड में कोविड का प्रकोप ख़त्म हो गया। WTC फाइनल में 4000 दर्शक का प्रतिबंध था। न सिर्फ नॉटिंघम (4-8 अगस्त) के पहले टेस्ट, उसके बाद लॉर्ड्स (12-16 अगस्त), लीड्स (25-29 अगस्त), ओवल (2-6 सितंबर) और मैनचेस्टर (सितंबर 10-14) टेस्ट की भी ज्यादातर टिकट बिक चुकी हैं।

कुछ ख़ास व्यक्तिगत रिकॉर्ड जो सीरीज के दौरान देखने को मिल सकते हैं :

  • विराट कोहली : 8000 रन पूरे करने के लिए 453 रन और इंग्लैंड के विरुद्ध 2000 रन पूरे करने के लिए 258 रन चाहिए।
  • अजिंक्य रहाणे: 5,000 रन के रिकॉर्ड के करीब – 4647 रन बनाए हैं।
  • आर अश्विन: भारत के लिए रन रिकॉर्ड में सैयद किरमानी (2759) और एमएके पटौदी (2793) से आगे निकल सकते हैं – 2685 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के विरुद्ध 1000 रन पूरे करने के लिए 30 रन की जरूरत। हरभजन सिंह (417) और कपिल देव (434) से कुछ ही विकेट दूर – 79 टेस्ट में 413 विकेट। इंग्लैंड के विरुद्ध 100 विकेट पूरे करने के लिए 12 विकेट की जरूरत।
  • रोहित शर्मा: टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन – 321 रन दूर हैं।
  • रवींद्र जडेजा: 1985 रन – टेस्ट में 2000 रन पूरे करने के करीब।
  • इशांत शर्मा : जहीर खान के 311 विकेट के रिकॉर्ड से आगे निकलने का मौका – 6 विकेट चाहिए।
  • मोहम्मद शमी: टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट – 16 विकेट चाहिए।
  • जसप्रीत बुमराह:100 टेस्ट विकेट पूरे करने के लिए 17 विकेट चाहिए।
  • जो रूट : टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन – 286 रन दूर। ग्राहम गूच के 8900 रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ सकते हैं। भारत के विरुद्ध 2000 रन से सिर्फ 211 रन दूर।
  • जेम्स एंडरसन: अनिल कुंबले (619) से आगे निकलने के लिए 3 विकेट की जरूरत। इसके बाद सिर्फ मुथैया मुरलीधरन और शेन वार्न से पीछे होंगे ।

इस बात को बड़ी चर्चा दी जा रही है कि बेन स्टोक्स की गैरमौजूदगी से भारत को फायदा होगा। इसमें कोई शक नहीं कि वे दो खिलाड़ियों के बराबर हैं – एक टॉप बल्लेबाज और विकेट लेने वाले गेंदबाज पर ये सब तो क्रिकेट का हिस्सा है। इस बात को क्यों भूल जाते हैं कि भारत इतनी मुश्किल सीरीज को बिना किसी आधार वाली ओपनर जोड़ी के साथ शुरू कर रहा है – उसमें भी (दूसरे ओपनर की बात छोड़िए) रोहित शर्मा को भी ये साबित करना है कि वे इंग्लैंड में टेस्ट में भी रन बना सकते हैं। विराट कोहली, रहाणे और पुजारा तीनों ही अपनी सबसे बेहतर फार्म तलाश कर रहे हैं।ऑस्ट्रेलिया ने पिछली सीरीज में विराट कोहली की गैरमौजूदगी का कितना फायदा उठा लिया था?

एक मुश्किल लेकिन रोमांचक सीरीज जो भारत के खेल प्रेमियों का ओलंपिक से कुछ तो ध्यान खींच ही लेगी।

  • चरनपाल सिंह सोबती
3 thoughts on “ENG- IND 2021 : छुट्टियां और मौज-मस्ती ख़त्म क्योंकि सीरीज में मुकाबला आसान नहीं होगा”
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