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कार्डिफ में पहले वन डे इंटरनेशनल में इंग्लैंड ने पाकिस्तान को 9 विकेट से हराया। इंग्लैंड की जिस इलेवन ने ये जीत हासिल की, उसके खिलाड़ियों का मैच शुरू होने से पहले वनडे मैच का रिकॉर्ड ये था :
बेन स्टोक्स : 98
जेम्स विंस : 16
साकिब महमूद : 4
डेविड मलन : 3
मैट पार्किन्सन : 2
क्रेग ओवरटन : 1
जॉन सिम्पसन, जैक क्रॉली, फिल साल्ट, ब्रायडन कार्स, लुईस ग्रेगरी: 0

ऐसी नौबत क्यों आई कि स्टैंड-इन कप्तान बेन स्टोक्स की टीम के 5 खिलाड़ियों डेब्यू किया? इसका जवाब मालूम है- श्रीलंका से पिछली सीरीज जीत के दौरान टीम के 7 सदस्य (इनमें 3 खिलाड़ी) के कोविड पॉजिटिव निकलने के बाद, शुरू में चुने सभी 16 खिलाड़ियों को आइसोलेशन में भेज दिया। 5 खिलाड़ियों के डेब्यू के बावजूद इंग्लैंड की ऐसी प्रभावशाली जीत तारीफ की बात है और अर्जुन राणातुंगा जैसे जानकारों को जवाब जो खिलाड़ियों की टैलेंट को देखें बिना उन्हें ‘ए’ या ‘बी’ टीम का टाइटल देते हैं।

मैच से पहले, इसी तरह ढेरों जानकार कह रहे थे कि जो हो रहा है उससे पकिस्तान को फायदा होगा। उन्होंने शायद ये ध्यान नहीं रखा कि अजिंक्य रहाणे की टीम ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया में क्या किया? इसी तरह शायद 1964 के मुंबई में भारत के टेस्ट को भी ध्यान में नहीं रखा- तब टेस्ट शुरू होने पर इंग्लैंड के 16 खिलाड़ियों में से 6 फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से हॉस्पिटल में थे। हालत ये थी कि इंग्लैंड के पास सिर्फ 10 फिट खिलाड़ी थे फील्डिंग के लिए और ऐसे में हनुमंत सिंह ने उनकी तरफ से फील्डिंग की। तब भी एक समय भारत का स्कोर 99-6 था और भारत टेस्ट हारा था।

इसी मसले का दूसरा पहलू देखिए। इंग्लैंड-श्रीलंका सीरीज में खेलते हुए 3 इंग्लिश खिलाड़ियों और स्टाफ के 4 लोग कैसे वायरस की चपेट में आ गए जबकि वे तो बायो बबल में थे? क्या उन्होंने बायो बबल तोड़ा? यहां तक कि इंग्लिश बोर्ड ने इन सभी 7 का नाम भी नहीं बताया। पूरी टीम आइसोलेट होने से उनकी पहचान हो ही नहीं पाई। क्रिकेट में और जहां भी खिलाड़ी कोविड के शिकंजे में आए तो नाम मालूम पड़ा। पूरी टीम को अलग कर, इंग्लैंड ने तीन मैचों की सीरीज के लिए एक नई 18 खिलाड़ियों की टीम चुन ली। बेन स्टोक्स को पूरी तरह फिट न होने के बावजूद कप्तान बना दिया।

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज़ राजा कहते हैं कि वे तो इंग्लिश खिलाड़ियों का व्यवहार देखकर हैरान थे- वे ऐसे दिखा रहे थे मानो जेल में हैं। मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे प्रोटोकॉल को मानने के लिए तैयार नहीं थे। 2020 इंग्लिश सीजन के दौरान जब जोफ्रा आर्चर ने बायो बबल तोड़ा तो कहा गया कि जोफ्रा ने पूरे इंग्लिश सीजन को ही जोखिम में डाल दिया है। तो इस बार के खिलाड़ियों ने क्या किया?

एशले जाइल्स ने ये तो माना कि कोविड -19 मामलों के बाद इंग्लैंड का क्रिकेट सीजन “चाकू की धार” पर है, पर जितना शोर इंग्लैंड वाले दूसरों की गलती पर करते हैं, अपने मामले में चुप क्यों हैं? उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का शुक्रिया अदा करना चाहिए जो सीरीज जारी रहने से खुश हैं । BCCI ने भी खतरे की कोई घंटी नहीं बजाई और 5 टेस्ट की सीरीज पर खतरे का किसी ने जिक्र तक नहीं किया। पाकिस्तान के विरुद्ध सीरीज इंग्लैंड के लिए बड़ी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये सीरीज ओडीआई सुपर लीग का हिस्सा है, जो अगले वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट है, और इसमें इंग्लैंड की स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है।

भारत के विरुद्ध 5 टेस्ट मैचों की सीरीज की कीमत कम से कम 100 मिलियन पाउंड आंकी जा रही- क्या इंग्लैंड इसका नुकसान झेल सकता है? ईसीबी को पिछले साल 16.1 मिलियन पाउंड का नुकसान हुआ और उनका रिज़र्व खज़ाना कम होते होते पांच साल पहले के 73 मिलियन पाउंड से गिरकर अब 2.2 मिलियन पाउंड हो गया है। इतना ही नहीं इन खिलाडियों ने नए शुरू हो रहे द हंड्रेड टूर्नामेंट को भी खतरे में डाल दिया। ज़रा सोच कर देखिए कि अगर ये किस्सा अगले महीने लॉर्ड्स टेस्ट से एक या दो दिन पहले हुआ होता तो क्या होता? द हंड्रेड की एक पूरी टीम को 10 दिनों के लिए आइसोलेट होने के लिए मजबूर किया जाता- तो क्या होता? एक टेस्ट मैच स्थगित करने पर नए टेस्ट के लिए कोई तारीखें नहीं हैं क्योंकि IPL का प्रोग्राम बन चुका है। द हंड्रेड के खेलने में तो पहले ही एक साल की देरी हो चुकी है और शॉर्ट नोटिस पर एक और पूरी नई टीम को तैयार करना लगभग असंभव हो जाता।

ब्रिटिश सरकार तरह तरह की रियायत दे रही है।खेल प्रेमी विंबलडन और वेम्बले में लुत्फ़ उठा रहे हैं, पार्टी हो रही हैं। खुद इंग्लिश बोर्ड ने इस सीजन के लिए टीमों के ठहरने का इंतज़ाम उन होटल में किया- जहां साथ में पब्लिक भी ठहरी है। पिछले साल उन्हें कोविड से बचाने के लिए एजेस बाउल और एमिरेट्स ओल्ड ट्रैफर्ड में स्टेडियम प्रांगण में ही ठहराया था- हालत ये थी कि होटल स्टाफ भी होटल से बाहर नहीं गया था। एक जगह से दूसरी जगह गए तो हर खिलाड़ी के लिए एक अलग कार। इस साल कोई सख्ती नहीं- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर रहे हैं। एक मिसाल देखिए- डरहम में श्रीलंका के विरुद्ध मैच के लिए न्यूकैसल के लिए कमर्शियल फ्लाइट ली और ट्रेन में वापस लंदन आए। ये वहीं इंग्लैंड है जो आईपीएल पर कोविड के प्रकोप पर सबसे ज्यादा शोर मचा रहे थे। ये वही इंग्लैंड है जो दक्षिण अफ्रीका में अपनी सीरीज अधूरी छोड़कर लौट आए थे- हालांकि वहां कोविड का सिर्फ एक केस था। दक्षिण अफ्रीका को इतना बदनाम किया कि ऑस्ट्रेलिया ने भी वहां जाने से इंकार कर दिया। खुद चुपचाप नई टीम चुन ली और पकिस्तान ने एक बार भी (अर्जुन राणातुंगा से प्रेरणा लेकर) ये नहीं कहा कि वे ‘बी ‘ टीम के विरुद्ध क्यों खेलें? फिर से देखिए उस टीम को जो इंग्लैंड ने चुनी (पहला वन डे शरू होने से पहले) :

  • 6 खिलाड़ियों के पास कोई इंटरनेशनल अनुभव नहीं था।
  • इनके अतिरिक्त तीन और ने कभी वन डे इंटरनेशनल नहीं खेला था।
  • 6 खिलाड़ी ऐसे थे जिनके वन डे इंटरनेशनल मैच की गिनती 1 से 4 के बीच।
  • ऐसे में सिर्फ बेन स्टोक्स (98), जेम्स विंस (14) और जेक बॉल (18) बचे यानि कि ये टीम के सीनियर सिटीजन।
  • 2021 में जितने खिलाड़ी इंग्लैंड के लिए खेले हैं- सिर्फ एक बार (1930 में) इंग्लैंड ने एक कैलेंडर साल में इससे ज्यादा क्रिकेटरों का उपयोग किया है।
  • क्रेग ओवरटन (चार टेस्ट, एक वनडे) और मैट पार्किन्सन (दो वनडे, दो टी20), जो श्रीलंका और भारत गए पर एक भी मैच खेले बिना लौट आए थे – अब टीम में आ गए।
  • इंग्लैंड या किसी टेस्ट टीम के साथ ऐसा पहली बार हुआ कि पिछले मैच की टीम में 11 बदलाव के साथ वन डे खेले।
  • चरनपाल सिंह सोबती

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