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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए चल रहा है मुकाबला इन दिनों और जो दोनों टीमें भारत और ऑस्ट्रेलिया इसके लिए मुकाबले पर हैं- वे संयोग से टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग की भी टॉप 2 टीम हैं।

वैसे एलन बॉर्डर मौजूदा दौर में खेली जा रही क्रिकेट पर ज्यादा नहीं बोलते पर नागपुर में हार के बाद वे चुप नहीं रहे और उनकी सोच है कि पैट कमिंस की ऑस्ट्रेलियाई टीम में उस जोश और आक्रामकता की कमी रही जो हाल के सालों में कामयाब ऑस्ट्रेलियाई टीमों की विशेषता थी। उनके निशाने पर रहे ख़ास तौर पर ऑस्ट्रेलिया टीम के दिग्गज स्टीव स्मिथ। 37 और 25* के स्कोर स्मिथ जैसे बल्लेबाज के नाम के सामने लिखे हों तो सही नहीं लगते। स्मिथ तो उस क्लास के बल्लेबाज हैं जो उस समय भी रन बनाते हैं जब और किसी के लिए रन बनाना आसान न हों। इतना ही नहीं- वे तो ये देख कर भी हैरान थे कि स्मिथ ने भारत के खतरनाक स्पिन गेंदबाजों को बधाई दी और टेस्ट के दौरान अच्छी गेंद फेंकने पर थम्स अप भी दिया। कहां गया वह मुकाबले के साथ खेलना जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम मशहूर रही हैं?

भले ही बॉर्डर की इस आलोचना के जवाब में विकेटकीपर एलेक्स केरी ने स्मिथ की वकालत की और उन्हें यहां तक अहसास कराने की कोशिश की कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में ये एक अलग युग है और खिलाड़ी अब उस तरह से व्यवहार नहीं करते हैं जिसके बॉर्डर के आदी रहे हैं पर इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि बॉर्डर अकेले नहीं जो स्टीव स्मिथ के बैट से, पिच नागपुर की होने के बावजूद, कहीं बड़े स्कोर की उम्मीद कर रहे थे।

ऑस्ट्रेलिया की टीम के लिए भारत में टेस्ट सीरीज बड़ी ख़ास है। हाल के सालों में दोनों टीम के बीच आपसी मुकाबले इतने रोमांचक रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया वाले अब भारत के विरुद्ध सीरीज को किसी एशेज से कम नहीं मानते।ऑस्ट्रेलिया ने भारत में 4 टेस्ट सीरीज़ जीती हैं लेकिन 1970 के बाद से सिर्फ एक बार- और 2004-05 की उस सीरीज को कई साल हो गए जीते हुए। इतना ही नहीं, भारत से अपनी पिचों पर भी पिछली दो सीरीज हारे हैं। ऐसे में, इस बार ऑस्ट्रेलिया का मिशन है इस रिकॉर्ड को सुधारना और इस कड़ी में उनका बहुत सा भरोसा अपने स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ की फार्म पर टिका हुआ है। इसलिए नागपुर टेस्ट के स्कोर ने परेशान किया।

वैसे कप्तान के तौर पर खुद स्मिथ भी, भारत में सीरीज नहीं जीत पाए थे- 2017 में। तब स्मिथ की टीम ने पुणे में पहला टेस्ट जीता लेकिन बेंगलुरु में हार गए। आखिर में भारत ने 2-1 से सीरीज में जीत हासिल की। जो काम स्मिथ तब न कर पाए थे- अब इरादा है अपनी बल्लेबाजी से सीरीज जीतना

इसकी वजह है, भारत में सीरीज से पहले की उनकी शानदार फार्म और ऑस्ट्रेलिया मीडिया तो इस सीरीज को स्टीव स्मिथ बनाम भारत मुकाबले के नाम से लिख रहा है। स्टीव स्मिथ को मालूम है भारत में सबसे बड़ी चुनौती है स्पिन खेलना और वे इसके लिए तैयार हैं। इस कसौटी पर 9 फरवरी से शुरू हुए पहले टेस्ट में तो वे खरे नहीं उतरे पर अभी 3 टेस्ट बाकी हैं। स्मिथ, इस से पहले, भारत में दो बार टेस्ट सीरीज खेले हैं और उनका मानना है- यहां खेलना बड़ा मुश्किल रहा है। पहली बार 2013 में दो टेस्ट में उनके स्कोर 92, 5, 46 और 18 रहे थे। इसकी तुलना में 2017 में 4 टेस्ट में 499 रन बनाए – 3 शतक और अकेले दम पर ऑस्ट्रेलिया की तरफ से मुकाबला किया। तब स्कोर पुणे में 27 और 109, बेंगलुरु में 8 और 28, रांची में 178* और 21 तथा धर्मशाला में 111 और 17 रहे थे।

स्मिथ ने नए साल की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध सिडनी में शतक (104) के साथ की और उसके बाद बिग बैश लीग में दो शतक लगाए। अगर पिछले साल के आख़िरी दिनों को भी जोड़ लें तो नवंबर में पर्थ में 200* बनाए थे। इसी फार्म के हौसले पर खुद स्मिथ मान रहे थे- ‘मैंने इस दौरान काफी रन बनाए हैं सही क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हूं। उम्मीद है अगले 6 महीने मेरे और टीम के लिए वास्तव में बड़े ख़ास होंगे।’ अगर वे किसी को चुनौती मान रहे हैं तो वह है पिच और भले पिच स्पिन को मदद दे या फ्लैट निकले, वे स्कोर बनाने का कोई मौका छोड़ने के लिए तैयार नहीं। क्या नागपुर की नाकामयाबी, नई दिल्ली, इंदौर और अहमदाबाद में उस स्मिथ को सामने लाएगी जिन्हे सब जानते हैं?

ओटीटी की किसी सीरीज की तरह मौजूदा दौर स्मिथ के टेस्ट करियर का सीजन 2 है। वे फार्म में हों तो क्या है उनकी सीमा? वे वही फार्म दिखाना चाहते हैं जो 2019 में मुश्किल इंग्लिश पिचों पर चार टेस्ट में 110.57 औसत पर 774 रन बनाते हुए, ऑस्ट्रेलिया के लिए एशेज रिटेन करने में दिखाई थी।

भारत के लिए रवाना होने से चंद घंटे पहले, अपना चौथा एलन बॉर्डर मेडल जीतने के बाद, स्मिथ ने भारतीय गेंदबाजों को सचेत कर दिया था कि वे आ रहे हैं। तीनों तरह की क्रिकेट में, पिछली 16 पारियों में, स्मिथ ने 4 शतक के साथ 85.58 पर 1027 रन बनाए थे। भारत के गेंदबाज इस रिकॉर्ड को नोट ही रखें कि अभी सिर्फ नागपुर टेस्ट निकला है- मुकाबले को अगर ‘स्मिथ’ का नाम दिया है तो कुछ ख़ास ही होना चाहिए।

चरनपाल सिंह सोबती

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