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पाकिस्तान की वेस्टइंडीज पर दूसरे वन डे में जीत को रिकॉर्ड बुक में इस नतीजे और बाबर के बैट के साथ रिकॉर्ड के लिए जगह मिलेगी। हां, इस मैच को याद रखा जाएगा एक ऐसी घटना के लिए जो शायद इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार देखने को मिली।  मुल्तान में वेस्टइंडीज की पारी के 29वें ओवर में, बाबर आज़म ने मोहम्मद रिज़वान के एक विकेट कीपिंग ग्लव को पहना और इसका इस्तेमाल स्टंप्स के पीछे एक थ्रो को पकड़ने के लिए किया। क्रिकेट लॉज़ किसी भी फील्डर को विकेटकीपर के ग्लव्स के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देते। इसलिए इस ‘गलत फील्डिंग’ पर उनकी टीम को 5 पेनल्टी रन की सजा मिली- ये 5 रन वेस्टइंडीज के स्कोर में जोड़ दिए गए। भले ही इसने मैच के नतीजे पर असर नहीं डाला क्योंकि पाकिस्तान ने 120 रनों के बड़े अंतर से जीत हासिल की पर कुछ भी हो सकता था। साथ ही साथ, फील्डिंग के जिस लॉ पर कोई ध्यान नहीं देता था- वह एकदम चर्चा में आ गया। इस वजह से 5 रन की पेनल्टी पहले कभी नहीं दी गई थी।  

मौजूदा क्रिकेट लॉ 28.1 में लिखा है- ‘विकेटकीपर के अलावा किसी भी फील्डर को ग्लव्स या बाहरी लेग गार्ड पहनने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, हाथ या उंगलियों की सुरक्षा के लिए अगर कुछ भी पहनना है तो सिर्फ अंपायरों की सहमति से ही पहन सकते हैं।’ ऐसा आम तौर पर होता नहीं है- इसलिए ही तो जब बाबर ने ऐसा किया तो चारों तरफ ऐसी ही और मिसाल ढूंढने का सिलसिला शुरू हो गया। बाबर को भी शायद ये अंदाजा नहीं था कि वे ऐसा कुछ कर रहे हैं जो उनसे पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में किसी ने नहीं किया था।  इंटरनेशनल क्रिकेट में इससे पहले की भले कोई मिसाल नहीं- घरेलू क्रिकेट में भी ऐसा ज्यादा नहीं हुआ है। दो मिसाल का जिक्र खूब मशहूर है- 2013 में एंड्रयू हॉल और 2018 में मैट रेनशॉ। इनमें से भी ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज मैट रेनशॉ का किस्सा बड़ा मजेदार है। गाबा में शेफील्ड शील्ड में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपनी स्टेट टीम क्वींसलैंड के लिए खेलते हुए, रेनशॉ ने भी वही किया था जो बाबर ने किया- विकेट कीपिंग ग्लव्स का इस्तेमाल थ्रो रोकने के लिए किया। तब भी उनकी टीम पर 5 रन का जुर्माना लगा।ये तब हुआ जब क्वींसलैंड के विकेटकीपर जिमी पीरसन ने अपने ग्लव्स ग्राउंड पर फेंके और स्क्वायर लेग की ओर गेंद का पीछा करने भागे। पहली स्लिप में फील्डिंग कर रहे रेनशॉ ने पीरसन का ग्लव उठाया और इसका इस्तेमाल विकेटकीपर से थ्रो लेने के लिए किया। एक तरह से देखा जाए तो वे विकेटकीपर की जगह पर खड़े होकर विकेटकीपर वाली ड्यूटी निभा रहे थे। जब विकेटकीपर स्टंप्स के पीछे अपनी जगह वापस लौटे तो उन्होंने पीरसन को उनके ग्लव्स लौटा दिए, लेकिन ग्राउंड अंपायरों ने गलत फील्डिंग के लिए उनकी टीम पर 5 रन का जुर्माना लगा दिया।रेनशॉ ने कहा कि उन्हें ये मालूम ही नहीं था कि ऐसा करने पर उनकी टीम पर 5 रन की पेनल्टी लग सकती है। तब इस पेनल्टी ने उनकी टीम को भी नुकसान नहीं पहुंचाया क्योंकि क्वींसलैंड ने 211 रन की आसान जीत दर्ज की। ये घटना इस बात की भी मिसाल है कि टेस्ट क्रिकेटरों को भी सभी क्रिकेट लॉ मालूम नहीं होते। रेनशॉ, तब तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 10 टेस्ट खेल चुके थे। 

 सिर्फ किसी भी फील्डर के विकेटकीपिंग ग्लव्स पहनने का ही मुदा चर्चा नहीं है- इसी से जुड़ा फील्डर के हाथ या उंगलियों की सुरक्षा का मुद्दा भी पिछले कई साल से सुलग रहा है। फील्डिंग करते वक्त क्रिकेटर अक्सर अपनी उंगलियों पर चोट खा बैठते हैं और चोट लगी उंगली की रक्षा के लिए अक्सर उंगलियों को टेप या दो अंगुलियों को एक साथ टेप में लपेट देते हैं। आमतौर पर, बिना किसी रुकावट, अंपायर इसकी इजाजत दे देते हैं क्योंकि चोट लगी उंगली के साथ फील्डिंग आसान नहीं। यहां तक तो ठीक है पर कुछ फील्डर गड़बड़ कर देते हैं। वे इतनी ज्यादा और ऊपर तक टेप लपेट देते हैं कि यूं लगता है मानो ग्लव ही पहन लिया है। ऐसे में ये अंपायरों पर निर्भर करता है कि वे टेप के इस्तेमाल को किस तरह से देखते हैं- क्या उस चोट के लिए ये जरूरी है या कोई फायदा उठाने के लिए ऐसा किया जा रहा है?  – चरनपाल सिंह सोबती

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