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5 टेस्ट की सीरीज का तीसरा टेस्ट शुरू होने जा रहा है और इंग्लैंड की हालत देखिए :

  • 2014 के बाद पहला मौका जब इंग्लैंड घरेलू सीजन के पहले चार टेस्ट में से कोई भी जीतने में नाकामयाब है। तब : श्रीलंका के विरुद्ध ड्रॉ और हार और फिर भारत के विरुद्ध भी ड्रॉ और हार।
  • यदि वे हेडिंग्ले में नहीं जीतते हैं तो 1993 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि पहले पांच में से कोई भी टेस्ट नहीं जीता। तब : सीजन के पहले 5 टेस्ट में से एक ड्रा और चार हार।
  • एक ही साल में लगातार पांच टेस्ट में से कोई भी न जीतने का रिकॉर्ड 1996 के बाद पहली बार बनेगा। तब : भारत और पाकिस्तान इस रिकॉर्ड के लिए जिम्मेदार थे।
  • अगर पिछले सीजन के पाकिस्तान के विरुद्ध दो टेस्ट भी शामिल कर लें तो 1992-3 के बाद पहली बार लगातार 6 घरेलू टेस्ट में कोई जीत हासिल नहीं कर पाए हैं। तब : ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान इस रिकॉर्ड के लिए जिम्मेदार थे।

ये रिकॉर्ड किसी भी टीम को परेशानी में डाल देगा, बौखला देगा- तो इंग्लैंड की हालत का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। उस पर, इससे बड़ी परेशानी और क्या होगी कि ओपनर 0 के चक्कर से निकल ही नहीं पा रहे और जिन
सर एलिस्टेयर कुक को रिटायर हुए तीन साल हो चुके हैं, वह अभी भी एसेक्स के लिए रन बना रहें हैं- लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान जब इंग्लैंड के ओपनर नाकामयाबी के रिकॉर्ड बना रहे थे, उन्हीं दिनों में कुक ने 110 और 68 के स्कोर बनाए एसेक्स के लिए। ऐसे में हर सोच और कोशिश होनी चाहिए टीम की क्रिकेट को बेहतर करने की पर अपनी आदत के मुताबिक़ इंग्लैंड वाले हजम नहीं कर पा रहे लॉर्ड्स की हार को और उनकी बौखलाहट में ब्रिटिश मीडिया उनका साथ दे रहा है – वैसे ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। यही तो वह मिजाज था जिसे चुनौती देने का सिलसिला सौरव गांगुली ने शुरू किया था।

क्या कह रहा है ब्रिटिश मीडिया लॉर्ड्स की हार के बाद :

  • एक वीडियो सर्कुलेशन में है (जिसमें साफ़ ऑडियो का दावा है) और आरोप – जब इंग्लैंड ने पांचवें दिन अपनी दूसरी पारी शुरू की तो ग्राउंड में टीम हर्डल में विराट कोहली ने अपने क्रिकेटरों से कहा – ‘इंग्लैंड की हालत नरक जाने वाली बना दो। ये 60 ओवर उन्हें नरक जैसे महसूस करा दो।’

दो ओवर के अंदर इंग्लैंड के दोनों ओपनर रोरी बर्न्स और डोम सिबली 0 पर आउट थे और अंततः 51.5 ओवर में 121 रन पर आउट। भारत ने शानदार 151 रन की जीत हासिल की। कोहली ने 4 पेसर का पूरा फायदा उठाया और उनके 19 विकेट इसका सबूत हैं।

  • आरोप – इंग्लैंड की निराशाजनक दूसरी पारी में भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ी आपस में कई बार भिड़े। कोहली खुद कई बहस में शामिल थे।

भारतीय कप्तान ने जीत के बाद खुद इंग्लैंड के बल्लेबाजों से हाथ मिलाने की पहल की। उनके कोच क्रिस सिल्वरवुड ने इस बात से इनकार किया कि दोनों टीम के बीच कोई दुश्मनी थी – हाँ मुकाबले में जोश था।

  • आरोप – भारत के पेसर ने “खतरनाक या अनुचित शॉर्ट-पिच डिलीवरी की गेंदबाजी” के लॉ में कमी का पूरा फायदा उठाया।

लॉ ये है कि जो पॉपिंग क्रीज से आगे निकल नो-बॉल फेंकते हैं तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को एक रन और गेंदबाज को एक और गेंद अपनी किस्मत आजमाने के लिए। एंडरसन को एक ओवर में चार नो बॉल फेंकी बुमराह ने। पेनल्टी लगी पर इंग्लैंड को ये बात हजम नहीं हो रही। भले ही जानबूझकर हेरफेर का आरोप नहीं लगाया पर ये भी लिख दिया कि ये ‘गलती’ नहीं थी- बुमराह अपने मकसद में कामयाब रहे। एंडरसन के हेलमेट, हाथ और पसलियों पर चोट लगी । सिर्फ किस्मत ने उन्हें किसी गंभीर चोट से बचाया। हर क्रिकेटर जानता है कि खेल में जोखिम है पर ऐसी चोट अगर गलत तरीके से लगी हो तो क्या होगा? इसीलिए वे कह रहे हैं कि वाइट बॉल क्रिकेट वाला लॉ टेस्ट में भी लागू करो- वहां फ्री हिट मिलता है नो-बॉल की सजा पर। मजे की बात है कि एंडरसन को मोहम्मद शमी ने आखिर में जिस गेंद पर आउट किया वह उनके ओवर की सातवीं गेंद थी जो वे ओवरस्टेपिंग की वजह से फेंक रहे थे।

मीडिया ये भी मान रहा है कि बुमराह ऐसे हैं ही नहीं कि किसी को चोट पहुंचाने के लिए बाउंसर फैंके। पूरे आसार हैं कि उनका बाउंसर हमला कोहली के कहने पर आया हो। कोहली का जिमी एंडरसन से मुकाबले का इतिहास तो बड़ा पुराना है। वे तो कोहली को सोच में वेस्टइंडीज के खौफनाक पेसर और चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम की मानसिक स्लेजिंग से भी एक कदम आगे मान रहे हैं।

ब्रिटिश मीडिया ये कैसे भूल गया कि आज लॉ ऐसे हैं जिनके तहत अंपायर किसी भी समय खेल में बीच में पड़ सकते हैं- डराने वाली गेंदबाजी का मसला हो या स्लेजिंग का। लॉर्ड्स में माइकल गॉफ और रिचर्ड इलिंगवर्थ अंपायर थे- दोनों अनुभवी और जब -जब उन्होंने जरूरत महसूस की तो कदम उठाया भी। मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड भी तो थे। सच तो यह है कि भारत किसी गलत रणनीति के कारण नहीं जीता- इसलिए जीते क्योंकि उनके पास 11 संभावित मैच विजेता थे। इसके मुकाबले इंग्लैंड के पास सिर्फ दो: जो रूट और जिमी एंडरसन थे। रूट ने बैट वाला काम तो कर दिया पर कप्तान के रूप में गड़बड़ कर गए।

भारत के लिए, केवल जीत ही मायने रखती थी और वही किया। क्या अपने नोट किया कि मैन ऑफ द मैच, केएल राहुल ने मैच के फ़ौरन बाद क्या कहा- ‘ यदि आप हमारे किसी एक के पीछे पड़ेंगे, तो समझो पूरी टीम के पीछे पड़ रहे हो। जवाब हम 11 देंगे।” कोच क्रिस सिल्वरवुड ने भी कह दिया है- ‘लीड्स में भारत से पूरा मुकाबला करेंगे। अगर वे हमें मुश्किल में डालेंगे, तो हम भी छोड़ेंगे नहीं।’

भारत अब सीरीज में 1-0 से आगे है- 1971,1986 और 2007 के बाद, इंग्लैंड में सिर्फ चौथी टेस्ट सीरीज जीत पर नजर गड़ाए हुए है। 2018-19 और 2020 -21 में ऑस्ट्रेलिया में अपनी जुड़वां जीत के बाद, इंग्लैंड में सीरीज में जीत कोहली की टीम के देश की अब तक की सबसे बेहतरीन टेस्ट टीम होने के दावे को और मजबूती देगी। तीसरा टेस्ट बुधवार से हेडिंग्ले में है- नज़र रखनी होगी जख्मी इंग्लिश टीम पर।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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