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पिछले दिनों चेतेश्वर पुजारा ने जब मिडलसेक्स के विरुद्ध ससेक्स के लिए 100 बनाया तो ये उनका 65वां फर्स्ट क्लास क्रिकेट और ससेक्स के लिए 10वां 100 था। अब भारत से सिर्फ सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर (81) तथा राहुल द्रविड़ (68) से पीछे हैं। क्या कल को पुजारा को इन जैसा ही ‘ग्रेट’ बल्लेबाज लिखेंगे? आप उन्हें भले ग्रेट न लिखें पर इतना तय है कि एक बल्लेबाज के तौर पर उनकी क्रिकेट के आंकलन में कोई इस बात पर ध्यान नहीं देगा कि आईपीएल के भारत का टूर्नामेंट होने के बावजूद कोई आईपीएल टीम पुजारा को नहीं लेती- अर्जुन तेंदुलकर जैसों को खरीदती हैं। उनके 103 टेस्ट में 7195 रन सबसे अलग हैं- सिर्फ 5 वनडे और कोई भी टी20 इंटरनेशनल न खेलना कौन याद रखेगा?

कुछ दिन पहले केकेआर ने आईपीएल जीता और सुनील नरेन तीसरी बार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट/एमवीपी अवार्ड विजेता रहे (2012,18,24)- शेन वॉटसन (2008,13) एवं आंद्रे रसेल (2015,19) से आगे निकल गए। अपने पहले 5 आईपीएल सीजन में सिर्फ 9, 21, 10, 0 और 7 रन बनाने वाले सुनील नरेन ने आईपीएल 2024 में- 14 पारी में 180.74 स्ट्राइक-रेट से 488 रन बनाए, साथ ही अपना पहला 100 भी।

2011 में भारत के विरुद्ध वनडे सीरीज देखकर, गौतम गंभीर उन्हें केकेआर टीम में ये सोच कर लाए थे कि वेस्टइंडीज का यह गेंदबाज टी20 क्रिकेट का लीजेंड बनेगा। अब वे उन्हें आईपीएल इतिहास का सबसे महान गेंदबाज और सबसे कामयाब ऑलराउंडर कहते हैं- आईपीएल करियर में 1534 रन 165+ स्ट्राइक रेट से और 180 विकेट 7 से भी कम इकॉनमी रेट से। ईडन गार्डन्स में राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध उनके 56 गेंद पर 109 रन आसानी से भूलेंगे नहीं।

तो वे अपनी जमीन पर, वेस्टइंडीज टीम को कामयाब बनाने के लिए इस टी20 वर्ल्ड कप में क्यों नहीं खेल रहे? इस सवाल का आसान जवाब तो ये है कि पिछले नवंबर में, दुनिया भर में फ्रेंचाइजी (टी20) लीग पर ही पूरा ध्यान लगाने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था पर साथ में ये भी सच है कि वे इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना तो उससे भी पहले बंद कर चुके थे- आख़िरी टेस्ट दिसंबर 2013 में, आखिरी वनडे अक्टूबर 2016 में और आख़िरी टी20 इंटरनेशनल अगस्त 2019 में। रिटायर होना तो महज एक औपचारिकता था। तब भी इस सीजन की आईपीएल फार्म देखकर उन्हें टी20 वर्ल्ड कप के लिए विंडीज टीम में लाने की कोशिश हुई पर वे नहीं माने।

उनके 6 टेस्ट में 40 रन और 21 विकेट, 65 वनडे में 363 रन और 92 विकेट तथा 51 टी20 इंटरनेशनल में 155 रन और 52 विकेट के रिकॉर्ड को देखकर कौन उन्हें वेस्टइंडीज का एक ‘ग्रेट’ क्रिकेटर कहेगा? जब ये चर्चा होगी तो कोई आईपीएल और अन्य दूसरी लीग का रिकॉर्ड नहीं देखेगा। 
इस चर्चा के स्पेक्ट्रम के ट्रायंगल के तीसरे कोने पर जोस बटलर हैं पर उससे पहले जल्दी ही रिटायर हो रहे जेम्स एंडरसन का जिक्र जरूरी है। एक तेज गेंदबाज के तौर पर उनके 700 विकेट और 187 टेस्ट तथा इनके लिए 21 साल खेलना बेमिसाल है। पूरी क्रिकेट की दुनिया में उनके बारे में लिखा जा रहा है- सब उनके टेस्ट रिकॉर्ड की चर्चा कर रहे हैं और इस फैक्ट का कहीं जिक्र नहीं कि 269 वनडे विकेट भी लिए।

जोस बटलर साफ़ कह रहे हैं कि अपनी 33 साल की उम्र को देखते हुए जल्दी ही इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होकर फ्रैंचाइज़ सर्किट पर फुल टाइम हो जाएंगे। उन्होंने वाइट बॉल क्रिकेट में जो हासिल किया वे उसी के दम पर ‘ग्रेट’ की चर्चा में फिट हो जाते हैं और इसके साथ का सच ये है कि वे टेस्ट स्तर पर कामयाब नहीं हुए। इंग्लैंड की 50 ओवर और टी20 वर्ल्ड कप जीत में ख़ास भूमिका निभाई लेकिन टेस्ट नहीं जीते। आईपीएल में सबसे कामयाब इंग्लिश क्रिकेटर, इस सीजन में 2 शतक बनाने वाले अकेले बल्लेबाज और आईपीएल में कुल 7 शतक (इससे ज्यादा : सिर्फ विराट कोहली 8) पर आखिरी टेस्ट मैच 2021-22 एशेज में था और वहां जो खेले तो उस पर यही कहा गया कि वे इस फॉर्मेट के लिए फिट नहीं। यहां ‘ग्रेट’ की परिभाषा फिर बदल गई। 

इस मौजूदा पीढ़ी तक ग्रेट की परिभाषा में टेस्ट प्रदर्शन फिट होता है लेकिन अब समय आ गया है कि कुछ अलग सोचना होगा। आज सिर्फ वाइट बॉल या लीग क्रिकेट खेलने वाले कम प्रतिभाशाली नहीं। बस उनके टेलेंट को अलग तरीके से चैनल किया जा रहा है- वे वेस्टइंडीज के ‘4’ तेज गेंदबाज के बाउंसर नहीं खेल रहे, डॉन ब्रैडमैन को गेंदबाजी करने या शेन वॉर्न के सामने आउट होने से बचने का तरीका नहीं सीखना पड़ेगा लेकिन उन्हें अपनी इनिंग की पहली गेंद पर 4/6 मारना होगा और गेंदबाज को 6 के शॉट से बचने और डेथ ओवर में रन न देने की आर्ट सीखनी होगी।

वह दिन दूर नहीं जब टी20 मैच की गिनती टेस्ट की गिनती से आगे निकल जाएगी और आने वाले सालों के क्रिकेट पंडित टी20 को ही असली क्रिकेट कहेंगे। पिछले खिलाड़ियों के टेस्ट रिकॉर्ड को इसी तरह से चर्चा से बाहर कर देंगे जैसे अब टी20 के साथ हो रहा है। ब्रैडमैन, तेंदुलकर, मुरली, वार्न और विराट कोहली के रिकॉर्ड अद्भुत लगेंगे पर नई पीढ़ी ग्रेट को दर्शाने का कोई नया तरीका ढूंढेगी। 
-चरनपाल सिंह सोबती

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