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अभी बीसीसीआई के आईपीएल अधिकार की बिक्री की चर्चा पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई थी कि आईसीसी क्रिकेट के टीवी और डिजिटल अधिकार की बिक्री चर्चा में आ गई। कई महीने की चर्चा के बाद नतीजा आ गया। ध्यान दीजिए- ये तो किसी को चिंता भी नहीं कि विश्व अधिकार का क्या हुआ? खबर सिर्फ भारत की है- डिज्नी स्टार ने, अगले चार साल के लिए, भारत में, आईसीसी क्रिकेट यानि कि 2027 के आखिर तक, पुरुषों और महिला क्रिकेट इवेंट्स के टीवी और डिजिटल अधिकार जीत लिए।

ऑफिशियल तौर पर कुछ नहीं बताया गया पर बाजार का संकेत ये है कि डिज्नी स्टार, भारतीय बाजार के लिए, इन अधिकारों की कीमत, 300 करोड़ डॉलर (लगभग 23914 करोड़ रुपये) देंगे। चार साल के अधिकार के लिए, निम्नतम तय कीमत इसके आधे से भी कम, 144 करोड़ डॉलर थी। तुलना कीजिए- 2014 में, इसी ब्रॉडकास्टर ने 2015 से 2023 तक के 8 सालों के लिए, विश्व मीडिया अधिकारों के लिए 210 बिलियन डॉलर खर्चे थे।

आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने इसलिए अगर कहा कि अगले चार सालों तक डिज्नी से रिश्ता बनने पर खुशी है तो वे गलत नहीं। दूसरी तरफ डिज्नी-स्टार ने भी, भारत में सबसे ख़ास क्रिकेट इवेंट्स के लिए अपनी स्थिति और मजबूत बना ली। अगर यूं कहें कि भारत में लगभग पूरी क्रिकेट पर उनका नाम आ गया तो गलत नहीं- आईपीएल (2023-27), क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (2024-31) और 2024 तक बीसीसीआई और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के अधिकार, पहले से उनके पास हैं। क्रिकेट के अलावा, प्रो कबड्डी लीग, इंडियन सुपर लीग, विंबलडन चैंपियनशिप और इंग्लिश प्रीमियर लीग जैसे बड़े इवेंट्स भी उनके ही पास हैं।

अभी इस सौदे को समझा ही जा रहा था कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि.(ZEE) और डिज्नी-स्टार के बीच नया समीकरण बना। डिज्नी -स्टार ने, जी को आईसीसी इवेंट्स के इस सौदे में से, टेलीविजन ब्रॉडकास्ट अधिकार का लाइसेंस दे दिया। डिज्नी-स्टार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म- डिज़्नी+हॉटस्टार के लिए, डिजिटल स्ट्रीमिंग अधिकार अपने पास रखे। आईसीसी ने, सैद्धांतिक तौर पर, इस नए समीकरण को मंजूरी दे दी है। इस तरह से, जी को टी20 वर्ल्ड कप (2024, 2026), चैंपियंस ट्रॉफी (2025) और क्रिकेट वर्ल्ड कप (2027) सहित बड़े पुरुष और अंडर 19 क्रिकेट इवेंट के अधिकार मिल गए।

जी की तरफ से ठीक कहा गया- ये भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में, अपनी तरह की पहली पार्टनरशिप है। डिज्नी-स्टार के साथ ये जुड़ाव, इस बात का सबूत है कि जी में क्रिकेट ब्रॉडकास्ट से जुड़े रहने की चाह, ख़त्म नहीं हुई है। 2027 तक, आईसीसी पुरुष क्रिकेट इवेंट्स के लिए वे वन-स्टॉप टेलीविज़न सोल्यूशन हैं- उनके दर्शकों और विज्ञापनदाताओं के इनवेस्टमेंट के लिए ये शानदार रिटर्न है। तो इस तरह, डिज्नी-स्टार ने, 2024-27 के लिए आईसीसी टूर्नामेंटों के लिए सिर्फ डिजिटल अधिकार अपने पास रखे।

इस जी-डिज्नी-स्टार लाइसेंसिंग एग्रीमेंट ने, मीडिया की दुनिया के ज्यादातर लोगों को भी हैरान कर दिया- आखिरकार क्यों, डिज्नी-स्टार ने आईसीसी मीडिया अधिकार जीतने के तीन दिन के अंदर, अपने पुराने मीडिया प्रतिद्वंद्वी जी को अधिकारों का एक बड़ा हिस्सा बेच दिया? आम तौर पर पॉलिसी ये होती है कि अधिकार खरीदने वाला ब्रॉडकास्टर, अधिकारों पर पूरा शिकंजा बनाए रखता है ताकि महंगी कीमत पर विज्ञापन और स्पांसरशिप स्लॉट बेच सकें।

अब जी-डिज्नी-स्टार सौदे की कीमत क्या है- इस बारे में भी, ऑफिशियल तौर पर कुछ नहीं बताया गया पर कहा जा रहा है कि जी ने, इन टीवी अधिकारों के लिए लगभग 1.5-1.8 बिलियन डॉलर के बीच की रकम तय की। ये सौदा, 2024 में लागू होगा और इसके लिए फाइनेंस, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) के साथ उनके मर्जर से आने की उम्मीद है।

तो इस तरह भारतीय क्रिकेट में ‘जी इज बैक’ यानि कि धमाकेदार एंट्री- यूएई की इंटरनेशनल लीग टी20 के मीडिया अधिकार के बाद, उससे भी बड़ा कॉन्ट्रैक्ट। ये अभी कोई नहीं जानता कि इसमें परदे के पीछे इसमें, सोनी नेटवर्क (एसपीएनआई) की क्या भूमिका रही- जी और सोनी ऑफिशियल तौर पर मर्जर के इंतजार में, हालफिलहाल अलग-अलग काम कर रहे हैं।

यह सौदा एक और बदलाव का भी इशारा दे रहा है। क्या, आज क्रिकेट के बड़े ब्रॉडकास्ट अधिकार इतने ‘बड़े’ हो गए कि एक ब्रॉडकास्टर के उन्हें संभालने के दिन चले गए? पिछले कुछ महीनों में, डिज्नी-स्टार ने लगभग 50,000 करोड़ रुपये के आईपीएल, आईसीसी और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकार खरीदे। भले ही अधिकारों के लिए, पैसा 4-5 सालों में देना है पर एक ब्रॉडकास्टर के लिए ये बहुत बड़ी इनवेस्टमेंट है।

दूसरी तरफ, भारत के लिए, आईसीसी के डिजिटल अधिकारों को, अपने पास रख कर डिज्नी-स्टार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका ध्यान डिजिटल अधिकार बढ़ाने पर है। वॉल्ट डिज़नी कंपनी का दुनिया भर में डिज़नी+ को बढ़ाने पर ध्यान है और इसीलिए वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने लीनियर चैनल बंद कर रहे हैं। यह पॉलिसी भारत पर लागू नहीं जहां लीनियर टीवी व्यवसाय अभी भी मजबूत स्थिति में है, जबकि डिजिटल का विकास तेजी से हो रहा है।

इस नए समीकरण से, जी, टीवी अधिकारों की दुनिया में एक नए खिलाड़ी बन गए हैं। अलग-अलग इवेंट्स के लिए, ब्रॉडकास्टर की गिनती बढ़ने का मतलब है कि दर्शकों को अपने स्पोर्ट्स चैनल के साथ जोड़ने के लिए, गैर क्रिकेट इवेंट्स की जरूरत होगी और इससे स्पोर्ट्स मीडिया की कीमत बढ़ेगी। बड़े क्रिकेट इवेंट ज्यादा नहीं, इसलिए ब्रॉडकास्टर को, इनके ब्रॉडकास्ट स्तर को बेहतर बनाना होगा- बेहतर प्रॉडक्शन इसमें सबसे ख़ास है। गैर-क्रिकेट इवेंट चुनने पर भी ज्यादा ध्यान देना होगा। बाजार का कहना है- यह डील दोनों नेटवर्क के लिए अच्छी है। स्टार अब आईपीएल की बिक्री पर ध्यान लगा सकते हैं जबकि ज़ी, इन नए अधिकार पर पूरा ध्यान लगाएंगे।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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