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फिल्म ‘लगान’ का जो डायलॉग, क्रिकेट में मीम के तौर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, वह है- हम जीत गए। क्या 2022 टी20 विश्व कप में भारत के क्रिकेट प्रेमियों को ये डायलॉग सुनने को मिलेगा? क्या 13 नवंबर 2022 का दिन मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में टीम इंडिया का होगा? टी20 विश्व कप टूर्नामेंट के अब तक 7 आयोजन पर उद्घाटन सीजन 2007 (दक्षिण अफ्रीका में) के बाद, भारत ने इस टूर्नामेंट को नहीं जीता है- हर बार टाइटल जीतने के सबसे जोरदार दावेदार में से एक होने के बावजूद।

पहले चैंपियन, भारत ने टी20 विश्व कप में अब तक 38 मैचों में से 24 जीत, 13 हार एवं 1 मैच रद्द के साथ 63.16 की जीत प्रतिशत का रिकॉर्ड बनाया पर टाइटल एक ही। तब, 2007 में एमएस धोनी के नेतृत्व में जब जीते तो कई नई बातें हुईं मसलन : पाकिस्तान को बाउल आउट के जरिए हराया (मैच टाई होने के बाद), इंग्लैंड के विरुद्ध युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया और भारत ने 218 का विशाल स्कोर दर्ज किया, सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और फाइनल में पाकिस्तान को 5 रन से हराया।

उसके बाद तो पता नहीं क्या हुआ कि लगातार तीन टूर्नामेंट में, सुपर 8 में ही रह गए। 2009 में इंग्लैंड में था टूर्नामेंट। बांग्लादेश और आयरलैंड के साथ एक कमजोर ग्रुप में थे तो सुपर 8 के लिए आसानी से क्वालीफाई कर लिया पर वहां वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध लगातार तीन मैच हारने से टूर्नामेंट से बाहर हो गए- एकमात्र जीत आयरलैंड के विरुद्ध। 2010 में भी रिकॉर्ड सुधार न पाए। अच्छी शुरुआत- पहले दो मैचों में अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका को हराया पर सुपर 8 राउंड में ऑस्ट्रेलिया, मेजबान वेस्टइंडीज और श्रीलंका के विरुद्ध हार गए। ये टूर्नामेंट, वेस्टइंडीज में था और लगातार दूसरी बार टीम बड़े मंच पर जीत दर्ज करने में नाकाम रही।

2012 में, श्रीलंका में, भी शानदार शुरुआत थी। सुपर 8 में खेले अफगानिस्तान और इंग्लैंड को हरा कर। हरभजन सिंह और पीयूष चावला ने इंग्लैंड के विरुद्ध मिलकर 6 विकेट लिए। सुपर 8 में ऑस्ट्रेलिया से हार, पाकिस्तान को हराया और दक्षिण अफ्रीका को 1 रन से हराकर भी सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सके- नेट रन रेट में मात खाने की वजह से।

इसके बाद नॉक आउट में खेलने का सिसिला शुरू हुआ। 2014 में इतिहास बदलने के बड़े करीब थे- फाइनल खेले पर हार गए। बांग्लादेश में आयोजित विश्व कप में, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को हराकर, खिताबी मुकाबले में जगह बनाई (तब तक एक भी मैच नहीं हारे) लेकिन आख़िरी मुकाबले में लड़खड़ा गए और फाइनल में श्रीलंका से हार गए। विराट कोहली को 6 मैचों में 319 रन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।

2016 में सेमीफाइनल खेले हालांकि मेजबान था भारत। शुरुआती मैच में न्यूजीलैंड से करारी हार पर सेमीफाइनल में जगह के लिए, उसके बाद हर मैच जीत लिया। वहां भारत (192/2) जोरदार मुकाबले में, वेस्टइंडीज (196/3) से 7 विकेट से हार गया। विराट कोहली- लगातार दूसरे टूर्नामेंट में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट।

पिछले साल यानि कि 2021 में तो हद ही हो गई। 2012 के बाद पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट राउंड के लिए क्वालीफाई करने में नाकामयाब रहा भारत।पाकिस्तान (10 विकेट से) और न्यूजीलैंड से बड़ी हार के बावजूद, अपने ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहने के मुकाबले में थे। स्कॉटलैंड को 85 रन पर आउट किया और फिर बची गेंद के मामले में नए रिकॉर्ड के साथ सिर्फ 6.3 ओवरों में जीते- नेट रन रेट तो सुधारा पर दूसरी टीमों की हार-जीत ने विश्व कप से बाहर कर दिया।

इस तरह, विराट कोहली का भारतीय टी20 इंटरनेशनल टीम के कप्तान के तौर पर दौर, कोई आईसीसी ट्रॉफी जीते बिना खत्म हो गया। क्या इस बार टीम इंडिया अपना रिकॉर्ड बदल पाएगी और आईसीसी ट्रॉफी का सूखा ख़त्म होगा?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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