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इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज में वेस्टइंडीज पर जीत खुद अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है पर इंग्लैंड वाले ‘रोल्स-रॉयस’ जेमी स्मिथ को फाइंड ऑफ द सीजन के नाम से इस सीरीज की सबसे बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। एक टॉप क्लास विकेटकीपर जो बैट के साथ भी इतना बेहतर है कि टीम में एक बल्लेबाज के तौर पर भी खेल सके। 3 टेस्ट में 51+ औसत से 201 रन, जिन 4 पारी में बल्लेबाजी की उनमें से 3 में स्कोर 70, 36 और 95 और दो बार इंग्लैंड को संकट से निकाला।

इस सीरीज में स्मिथ ने कुछ ऐसा भी किया जो क्रिकेट के मौजूदा दौर में बड़े-बड़े हिटमैन भी नहीं कर रहे। एजबेस्टन के तीसरे टेस्ट में 95 बनाने के दौरान, वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ की गेंद पर एक ऐसा 6 लगाया जिससे गेंद एरिक होलीज स्टैंड की छत पर गिरी। हालत ये थी कि जो रूट (नॉन-स्ट्राइकर एंड से) शॉट को देखकर हैरान रह गए। गेंद को बदलना पड़ा, क्योंकि गेंद उस री नदी में चली गई जो स्टेडियम के उस हिस्से के पीछे बहती है।

जब एक इंग्लिश जर्नलिस्ट ने लिखा कि इस तरह से तो उनकी बैटिंग के दौरान किसी भी स्टैंड में दर्शकों के लिए बैठना मुश्किल हो जाएगा तो स्मिथ का जवाब था- ऐसी वजह के लिए तो मुझे खाली स्टैंड देखने में बड़ा मजा आएगा। असल में वेस्टइंडीज के विरुद्ध इस टेस्ट सीरीज में यह दूसरा मौका था जब स्मिथ के शॉट से गेंद ग्राउंड से बाहर गई- इससे पहले लॉर्ड्स टेस्ट में टैवर्न स्टैंड के ऊपर से गई थी गेंद (गेंदबाज : जेडन सील्स) और बाहर सड़क पर गिरी। वे तो चाहते हैं कि इस तरह के शॉट क्रिकेट में एक नया ट्रेंड बन जाएं।

आउट ऑफ फॉर्म जॉनी बेयरस्टो और सरे के बेन फोक्स की जगह इस सीरीज में स्मिथ को विकेटकीपर बनाया और यह प्रयोग हिट रहा। ऐसा नहीं कि स्मिथ ने इन टेस्ट के दौरान ही ऐसी बैटिंग की- उनका 62 फर्स्ट क्लास मैच में 42+ औसत से 3641 रन बनाना इस बात का सबूत है कि वह बल्लेबाज के तौर पर भी टेस्ट टीम में जगह के दावेदार थे। इसीलिए जो रुट के रिटायर होने के बाद, उनकी जगह पर अभी से स्मिथ का नाम लिखा जा रहा है।

मजे की बात ये है कि एक तरफ तो स्मिथ ऐसे शॉट का ट्रेंड देखना चाहते हैं तो दूसरी इंग्लैंड से ही एक बड़ी मजेदार मिसाल सामने आई है- वहां एक क्रिकेट क्लब ने अपने ग्राउंड में खेलने वाले बल्लेबाज के छक्का (6) लगाने पर बैन लगा दिया है। ये बात है वेस्ट ससेक्स काउंटी में बेहद खूबसूरत शहर ब्राइटन के साउथविक एंड शोरहम क्रिकेट क्लब की। इस क्लब ने पड़ोसियों की लगातार शिकायत से तंग आकर आखिर में छक्कों पर ये प्रतिबंध लगाया क्योंकि पास के घरों की खिड़कियों, कारों और शेड को खूब नुकसान हो रहा था बल्लेबाज के 6 के शॉट से। नतीजा- ये अजीब सी सजा मिल गई बल्लेबाज को।

भारत में बचपन में गली-मोहल्ले या छोटे ग्राउंड में क्रिकेट खेलने वालों को हो सकता है ऐसी खबर पर कोई हैरानी न हो क्योंकि यहां तो खेलने के लिए मौजूद जगह के हिसाब से ही प्लेइंग कंडीशंस तय करना एक आम बात है। इस दुनिया के सबसे पुराने क्रिकेट क्लब में से एक (स्थापना 1790) साउथविक एंड शोरहम क्रिकेट क्लब ने अपने यहां के मैचों के लिए नई जारी प्लेइंग कंडीशन में लिखा है-  बल्लेबाज के पहले 6 पर, उसे सजा के तौर पर कोई रन नहीं मिलेगा पर चेतावनी मिलेगी। तब भी अगर दूसरा छक्का लगा दिया तो आउट।
अब  बल्लेबाज तो कहते हैं कि- ‘गेंदबाज को 6 मारना तो क्रिकेट की शान है। इसे कैसे बैन कर सकते हैं? ये किसी मजाक जैसा है। इस बैन से तो क्रिकेट का मजा ही खत्म हो जाएगा। क्रिकेट लॉ के साथ इस तरह से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।’ असल में हाल के सालों में क्लब ग्राउंड पर खेलने वाले बल्लेबाजों को चेतावनी दे दी थी कि जिस तरफ घर हैं- उधर गेंद पर शॉट न लगाएं। तब भी शीशे टूटते रहे तो एक पड़ोसी ने पुलिस की धमकी दे दी।

वैसे इस तरह का किस्सा सिर्फ इसी क्लब के ग्राउंड या इंग्लैंड का नहीं है। पूरी क्रिकेट की दुनिया में छोटे ग्राउंड के आस-पास बढ़ती आबादी की बदौलत नए-नए घरों का बनना कोई अनोखी बात नहीं है। इसीलिए दर्शकों का इंश्योरेंस भी शुरू हो गया है- न सिर्फ ऐसे ग्राउंड में, बड़े ग्राउंड में भी दर्शकों का इंश्योरेंस कवर लिया जा रहा है। गेंद से चोट तो किसी को भी लग सकती है। बहरहाल इस तरह का इंश्योरेंस बड़ा महंगा है क्योंकि प्रीमियम बहुत ज्यादा है।

भले ही क्रिकेट को जानने वालों की दलील है कि अगर आप किसी क्रिकेट ग्राउंड के बगल में घर खरीदते हैं तो तैयार रहें कि घर की बाउंड्री में क्रिकेट की गेंद आएगी और शिकायत न करें पर इस दलील का कोई फायदा नहीं। कानूनी पचड़ों में फंसने की जगह क्लब अजीबोगरीब प्लेइंग कंडीशंस बना रहे हैं।

वैसे टॉप क्रिकेट में भी, अजीब प्लेइंग कंडीशन की मिसाल मौजूद है। उदाहरण के लिए कैंटरबरी के सेंट लॉरेंस ग्राउंड में बाउंड्री के अंदर एक पेड़- बल्लेबाज के शॉट से गेंद इस पेड़ से टकराई तो बाउंड्री (4)। ये पेड़ समय के साथ वृद्ध होते-होते कमजोर हो गया और जब 2005 में आए तूफ़ान ने इसे बड़ा नुकसान पहुंचाया तो ये टूट गया। इसी तरह से लांसिंग मैनर में एक सिरे पर गेंदबाज के बिलकुल पीछे दो पेड़ हैं- उन से गेंद लगे तो 2 दो रन मिलते हैं।

अब वापस क्लब वाली स्टोरी पर लौटते हैं। शिकायतों से परेशान हो गए थे क्लब वाले। अब 6 न लगाने से मैच का मजा कम होता है तो हो जाए। वे कहते हैं कि वे भी मजबूर हैं- ‘हम महंगा इंश्योरेंस प्रीमियम नहीं देना चाहते और न ही ये कि कोई कानूनी दावा करे। इसलिए ये बैन लगाया है।’

  • चरनपाल सिंह सोबती

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