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कोलकाता नाइट राइडर्स के आईपीएल 2024 चैंपियन बनने और 10 साल के सूखे को खत्म करने के बाद टीम के साथ-साथ, मैनेजमेंट की बराबर चर्चा हुई- चीफ कोच चंद्रकांत पंडित और मेंटर गौतम गंभीर की सबसे ज्यादा। हैरानी है कि टीम के असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर के साथ यहां भी वही कंजूसी हुई जो उनके खिलाड़ी के तौर पर करियर के दौरान होती रही। 
यहां तक कि आज रिंकू सिंह की चर्चा करते हुए, उनके करियर को इस मुकाम तक लाने में कोई भी अभिषेक नायर का जिक्र नहीं करता। रिंकू 2018 में केकेआर कैंप में आए थे- अलीगढ़ से। ये अभिषेक ने ही महसूस किया था कि एक छोटे शहर से आने के बाद, बड़ा सोचने में समय लग रहा है और मानसिकता में इसी बदलाव पर अभिषेक ने काम किया था। जब चोट लगी तो कई महीनों तक रिंकू को रिहैब के लिए अपने घर रखा- वहीं से रिंकू का एक मैच जीतने वाले फिनिशर का सफर शुरू हुआ था।

खुद अभिषेक नायर 2018 से केकेआर के साथ हैं और फ्रैंचाइज़ में सबसे ज्यादा काम अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों की टेलेंट को निखारने में किया- रिंकू सिंह, वरुण चक्रवर्ती, वेंकटेश अय्यर, वैभव अरोड़ा, नितीश राणा और अंगकृष रघुवंशी जैसे खिलाड़ी यूं ही नहीं चमके। खिलाड़ी इस बात को जानते हैं। सनराइजर्स हैदराबाद पर फाइनल जीत के बाद एक इंटरव्यू में वरुण चक्रवर्ती ने साफ़ बताया- कैसे अभिषेक नायर ने टीम के भारतीय कोर को डेवलप किया और  इंटरव्यू के बीच अभिषेक नायर को अपने साथ बुला लिया।

फाइनल में 26 गेंद में 52* बनाने वाले वेंकटेश अय्यर ने भी कहा कि अभिषेक नायर की कड़ी मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए- ‘वह जिस तरह से काम कर रहे हैं, उसे दुनिया भर को जानना चाहिए।’ अभिषेक नायर का एक परिचय और भी है- केकेआर के साथ-साथ, भारतीय क्रिकेटरों दिनेश कार्तिक और रोहित शर्मा के भी व्यक्तिगत कोच रहे हैं और ये दोनों इस बात को मानते हैं कि उन्होंने उनके खेल को बेहतर बनाने में उनकी मदद की थी।

केकेआर के कप्तान रहे दिनेश कार्तिक तो नायर को ‘लाइफ कोच’ कहते हैं। केकेआर को मुश्किल के सालों से निकलकर चैंपियन बनते देखा है। जब मुंबई में केकेआर एकेडमी शुरू हुई तो उन्होंने ही इस एकेडमी को पूरे साल की एकेडमी में बदला। इस साल आईपीएल से पहले श्रेयस अय्यर जब अपनी फिटनेस से परेशान थे तो यहीं आए थे- टेस्ट टीम से बाहर, रणजी ट्रॉफी मैच न खेलने का आरोप, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट गया और उस पर पीठ की चोट की परेशानी। इसके बाद ही श्रेयस रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल और फाइनल खेले और अच्छी फॉर्म में आईपीएल में आए।

मुंबई क्रिकेट में एक कोच के तौर पर अभिषेक नायर को बड़ा सम्मान मिलता है- खास तौर पर मशहूरी खिलाड़ियों के मनोविज्ञान को समझने और उसी के मुताबिक उन पर काम करने के लिए है। मुंबई में अक्सर ही इस मामले में दिनेश कार्तिक की मदद का जिक्र किया जाता है। गौतम गंभीर के टीम इंडिया से जुड़ने की खबरों के बाद तो केकेआर के लिए अभिषेक नायर और भी जरूरी हो गए हैं- वे इस नई मशहूरी के बाद किसी और टीम का इससे भी बेहतर कॉन्ट्रैक्ट न ले लें।

भारत के लिए 3 वनडे इंटरनेशनल खेले- 3 जुलाई 2009 को ग्रॉस आइलेट में वेस्टइंडीज के विरुद्ध डेब्यू। इन 3 मैच में सिर्फ एक बार बल्लेबाजी का मौका मिला और उसमें 0* पर थे पर कोई विकेट भी नहीं मिला और इसी से इस तेज गेंदबाज ऑलराउंडर का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर खत्म हो गया। इसकी तुलना में, घरेलू क्रिकेट में खूब सफल रहे- मुंबई और पुडुचेरी के लिए खेले। कुल रिकॉर्ड: 103 मैच में 5749 रन और 173 विकेट, 99 लिस्ट ए मैच में 2145 रन और 79 विकेट जबकि 95 टी20 मैच में 1291 रन और 27 विकेट।

लंबे और चौड़े कंधों वाले अभिषेक नायर एक उपयोगी दाएं हाथ के मीडियम पेस गेंदबाज थे- मुंबई को कई बार मुश्किल मुकाम में ब्रेकथ्रू दिलाए। ठीक है इतने तेज नहीं थे कि एक अटैकिंग गेंदबाज बनते पर इस कमी को अपनी बैटिंग से पूरा किया और उनकी इस ऑलराउंड टेलेंट का ही 2006 में मुंबई के रणजी जीतने में ख़ास योगदान था। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 100 बनाने में समय लगा (2006 में गुजरात के विरुद्ध 97 भी बनाए) पर जब मौका आया तो एक बड़ा 100 बनाया- मोहम्मद निसार ट्रॉफी में कराची अर्बन के विरुद्ध 152 रन। 2008-09 रणजी ट्रॉफी फाइनल में कीमती 99 रन बनाए- इसी ने मुंबई को 38वां टाइटल जीतने में मदद की और वेस्टइंडीज टूर के लिए वनडे टीम में चुन लिए गए। 

2012/13 रणजी ट्रॉफी सीजन में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे- मुंबई के लिए तीन 100 और आठ 50 समेत 966 रन बनाए। टीम के 40वें रणजी टाइटल में 19 विकेट भी लिए। इसी फार्म पर फरवरी में एक टूर मैच में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेलने इंडिया ए इलेवन में आ गए। वैसे जब भी उनके घरेलू क्रिकेट करियर की बात होती है तो 2013 में, देवधर ट्रॉफी सेमीफाइनल में उनके 17 गेंद के ओवर का जरूर जिक्र होता है। विजय जोल के साथ मिलकर अभिषेक नायर ने ही इंडिया ए को सितंबर 2013 में विशाखापत्तनम में न्यूजीलैंड ए के विरुद्ध मैच ड्रॉ करने में मदद की थी।

इस सब के बावजूद एक मुकाम ऐसा भी आया जब मुंबई टीम में उनके लिए जगह नहीं थी तो अपने करियर को आगे बढ़ाने 2018-19 रणजी ट्रॉफी से पहले, पुडुचेरी ट्रांसफर ले लिया और नवंबर 2018 में, अपना 100वां फर्स्ट क्लास मैच खेला।

आईपीएल करियर देखें तो 2008 में मुंबई फ्रेंचाइजी से जुड़े। 12 लाख रूपये का कॉन्ट्रैक्ट था। 2011 के मेगा ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने 3.68 करोड़ रुपये में खरीद लिया पर दो साल बाद ही रिलीज कर दिया। एक साल पुणे वारियर्स के लिए खेलने के बाद दो सीजन राजस्थान रॉयल्स के साथ थे 1 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट पर और 2015 आख़िरी सीजन था।  

  • चरनपाल सिंह सोबती

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