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टीम इंडिया के लिए आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप का नतीजा चाहे जो रहे, अभी से ये चर्चा शुरू हो चुकी है कि जब टीम इंडिया इससे अगली वाइट बॉल सीरीज खेलेगी तो कप्तान कौन होगा? सवाल रोहित शर्मा की एक कप्तान के तौर पर योग्यता का नहीं है- उनकी उम्र देखते हुए टीम इंडिया को भविष्य की तैयारी करनी होगी। इस बैक ग्राउंड में, हार्दिक पांड्या के मौजूदा वर्ल्ड कप टीम का उपकप्तान होने के बावजूद में, कोलकाता नाइट राइडर्स के आईपीएल जीतने के बाद श्रेयस अय्यर का नाम नियमित वाइट बॉल कप्तान के समीकरण में जोरदार दावे के साथ सामने आ गया है।

सच ये है कि आईपीएल ने भारत के वाइट बॉल कप्तान को चुनने में बड़ी ख़ास भूमिका निभाई है और रोहित शर्मा एवं हार्दिक पांडया इसकी बहुत अच्छी मिसाल है। हार्दिक पांड्या भी, गुजरात टाइटन्स के आईपीएल जीतने के बाद ही एकदम कप्तान बने थे। केकेआर ने गौतम गंभीर के टीम का नया मेंटर बनने के बाद, उनके और श्रेयस के बीच आईपीएल में दिल्ली की टीम में हुए टकराव के बावजूद, श्रेयस को ही फिर से कप्तान बनाया। ये सोच कहीं टीम में गुटबाजी का माहौल न बनाए- इसके लिए, पिछले साल दिसंबर में ही श्रेयस अय्यर को नियमित कप्तान बना दिया था। अब उसका नतीजा सामने है। टीम का ये फैसला बिल्कुल सही था। 

श्रेयस अय्यर पिछले साल चोट की वजह से बाहर थे और इस सीजन में आईपीएल में वापसी की। नितीश राणा उनकी गैरमौजूदगी में कप्तान थे पर केकेआर ने श्रेयस अय्यर को फिर से कप्तान बनाने में देर नहीं की- वही गलती नहीं की जो दिल्ली कैपिटल्स ने की थी। श्रेयस अय्यर वहां भी जब चोटिल थे तो ऋषभ पंत उनकी गैरमौजूदगी में कप्तान थे पर श्रेयस के वापस लौटने पर भी उन्हें कप्तान नहीं बनाया। श्रेयस की कप्तान बनने की चाह और टेलेंट ही वास्तव में उन्हें दिल्ली से कोलकाता ले गई थी। श्रेयस का वहां दिल टूटना, केकेआर का फायदा बन गया। मौजूदा स्थिति ये है कि मुंबई क्रिकेट में, जिनके लिए वे घरेलू क्रिकेट खेलते हैं- अभी से ये चर्चा शुरू हो गई है कि बिना देरी, भविष्य को देखते हुए श्रेयस को अजिंक्य रहाणे की जगह नया कप्तान बना दो।

पिछले तीन सीजन की निराशा (किसी में भी प्ले ऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं किया) के बाद इस सीजन में केकेआर ने जो टर्न अराउंड किया- उसका ज्यादा श्रेय टीम के नए मेंटर गौतम गंभीर को दिया जा रहा है पर ये कैसे भूल जाएं कि ग्राउंड पर तो कप्तान श्रेयस ही थे और मैच में हर स्थिति की तैयारी ड्रेसिंग रूम में नहीं होती। इस बार 12 मैच के बाद ही पॉइंट्स टेबल में प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन गए थे। इस तरह 2021 के बाद पहली बार टॉप 4 में जगह पक्की हुई। सबसे ज्यादा बार आईपीएल फाइनल में पहुंचने वाले कप्तान की लिस्ट में सिर्फ धोनी (5+5) और रोहित (5 जीत) के बाद गंभीर (2 जीत) और पांड्या (1+1) की बराबरी पर हैं श्रेयस अय्यर (1+1)।

सीजन का पहला मैच। ईडन गार्डन्स में सनराइजर्स को जीत के लिए आख़िरी ओवर में 13 रन की जरूरत थी और सामने हेनरिक क्लासेन थे जो जोरदार बल्लेबाजी कर रहे थे- ऐसे में आम सोच यही थी कि ये ओवर आंद्रे रसेल फेंकेंगे पर श्रेयस ने हर्षित राणा को चुना। उस मैच की 4 रन से जीत के साथ केकेआर ने जो रफ़्तार पकड़ी- उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। क्वालीफायर 1 में भी, इसी सनसनीखेज क्रिकेट खेल रही सनराइजर्स के विरुद्ध जीत के साथ फाइनल में और रिकॉर्ड ये बना कि ऐसे पहले कप्तान जो दो अलग-अलग टीम के साथ फाइनल में पहुंचे (2020 में दिल्ली कैपिटल्स और इस बार केकेआर)।

क्वालीफायर 1 में मिशेल स्टार्क को एक अतिरिक्त ओवर देने का मामला भी श्रेयस अय्यर का मास्टर स्ट्रोक था- पहले ओवर में ट्रैविस हेड को आउट किया पर दूसरे ओवर में कोई विकेट नहीं मिला। तब भी श्रेयस ने उन्हें एक और ओवर दिया और वास्तव में इसी में नीतीश रेड्डी और शाहबाज़ अहमद के लगातार गेंद पर आउट होने से सनराइजर्स ऐसे बैकफुट पर गए कि वापसी कर ही नहीं पाए। इरफ़ान पठान ने लिखा- ‘श्रेयस ने पूरे सीज़न में गजब के बदलाव किए और अपनी कप्तानी को दूसरे लेवल पर ले गए।’ फाइनल में तो नजारा ही बदल गया और पैट कमिंस अगर इस सीजन में किसी की कप्तानी को याद रखेंगे तो वह श्रेयस की होगी- 3 मैच में हारे उनसे।

इस सब चर्चा में इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि श्रेयस आईपीएल में आए तो पूरे प्रेशर में थे- इंग्लैंड के विरुद्ध घरेलू टेस्ट सीरीज के बीच में टीम से बाहर, इसके बाद सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट गया, बदनामी हुई फिटनेस पर झूठ बोलने के आरोप के साथ और टी20 वर्ल्ड कप के लिए भी स्कीम से बाहर- श्रेयस ने इन सब को भुला दिया। अभिषेक नायर ने बता भी दिया है कि श्रेयस ने कहा था कि वह जवाब देंगे और दिया लेकिन अपने तरीके से।

इसी कड़ी में पिछले सेलेक्टर एमएसके प्रसाद की स्टेटमेंट है कि उनकी कमेटी ने, विराट कोहली और रोहित शर्मा के बाद अगले वाइट बॉल कप्तान के लिए हार्दिक पांड्या या रवींद्र जडेजा को नहीं, श्रेयस को ग्रूम किया था। उन कुछ क्रिकेटर में से एक जो तीनों फॉर्मेट में खेल रहे हैं, तीनों में प्लेइंग इलेवन में जगह के हकदार और मौका मिलने पर उनके टॉप क्रिकेट में कामयाब रहने के बेहतर आसार। आईपीएल 2024 ने इसी सोच को सपोर्ट किया है और आगे का काम सेलेक्टर्स का है। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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