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पूरी क्रिकेट की दुनिया पर बढ़ती टी 20 क्रिकेट लीग का क्या असर आएगा- इस मुद्दे पर अब तक जो भी चर्चा हुई, उससे इतना तो तय हो गया कि ये विश्व क्रिकेट के लिए वह चेतावनी है जिसके बारे में सोचा भी न था। असर के संकेत आने लगे हैं।  
ईसीबी के नए प्रेसिडेंट रिचर्ड थॉम्पसन का कहना है कि अगर टॉप खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए रोकना है तो उनकी फीस बढ़ानी होगी। इतना ही नहीं- एक साल वाले कॉन्ट्रैक्ट खत्म। खिलाड़ी को रोको और लंबा कॉन्ट्रैक्ट दे दो। टेलेंट खोने का जोखिम झेल पाना बड़ा मुश्किल होगा। यही तो केकेआर की कोशिश है।  
नतीजा- खर्चा बढ़ेगा और ईसीबी ने अगले साल के बजट में 50 मिलियन पौंड (लगभग 453.18 करोड़ रुपये) की कमी निकाल दी है। कहां से आएगा ये पैसा? इसके लिए खर्चा तो घटाना ही है- रिचर्ड थॉम्पसन, आईपीएल मैचों को इंग्लैंड लाना चाहते हैं। भीड़ जुटेगी, स्पांसर आएंगे तो पैसा आएगा। 1 सितंबर से ईसीबी चेयरमैन बने थॉम्पसन एक और बदलाव चाहते हैं- अगले साल का प्रोग्राम तो तय हो गया पर उससे आगे की एशेज में टेस्ट अगस्त और सितंबर में ही हों। वे पहचान गए हैं कि भारत और पाकिस्तान के मैचों से भीड़ बढ़ती है तो क्यों न इनके ज्यादा मैच हों इंग्लैंड में?
आईपीएल में जोफ्रा आर्चर और जोस बटलर जैसे खिलाड़ियों का खेलना यानि कि इंग्लैंड के क्रिकेट कैलेंडर में आईपीएल के लिए जगह। वे, इस संभावना से इंकार नहीं करते कि वह दिन दूर नहीं जब द हंड्रेड की टीम भी बिकेंगी। कॉरपोरेट्स आएंगे तो पैसा भी आएगा। अगर ये सब हुआ तो रवि शास्त्री की वह बात सच हो जाएगी जिसमें उन्होंने कहा था- बहुत जल्दी, एक सीज़न में दो आईपीएल का सिलसिला शुरू होगा।  
स्टार न्यूजीलैंड ऑलराउंडर जिमी नीशम ने उन खिलाड़ियों की लिस्ट को और बड़ा कर दिया है जो लीग क्रिकेट खेलने के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से इंकार कर रहे हैं/रिटायर हो रहे हैं- ट्रेंट बोल्ट, कॉलिन डी ग्रैंडहोम के बाद वे। न्यूजीलैंड ने टी20 वर्ल्ड कप के लिए, बड़े देशों में सबसे आखिर में टीम घोषित की। यहां तक कि आईसीसी की 15 सितंबर की डेडलाइन भी निकल गई थी- उसके बाद। भारत में, रिटायर होने वालों की गिनती बढ़ रही है- सुरेश रैना या श्रीसंथ रिटायर होने की घोषणा कर रहे हैं तो ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि ऐसा क्यों हो रहा है? 
टी20 लीग के बीच आपस में मुकाबला और बड़ी चिंता है। जो जितना पैसा फेंकेगा टॉप खिलाडियों को अपनी तरफ खींच लेगा। बिग बैश लीग ने मान लिया है कि इस साल पैसा बढ़ाने के बावजूद, वे मुकाबले में पिछड़ रहे हैं। बीबीएल का इस सीजन में लगभग 20 मिलियन डॉलर का जो बजट है, वह अगले सीजन में 36 मिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा। तो पैसा कहां से आएगा? वे मान चुके हैं कि बिग बैश को प्राइवेट करने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचा- अन्य लीग की तरह से कॉर्पोरेट को टीम बेचो। अभी से आईपीएल मालिकों का नाम, टीम खरीदने के दावेदारों में टॉप पर चल रहा है।  
इस सीजन की बिग बैश लीग में खेलने के लिए प्लेयर्स ड्राफ्ट में 20 देशों के 332 विदेशी खिलाड़ियों का नाम पूल में था। गोल्ड (260,000 डॉलर), सिल्वर (175,000 डॉलर) और ब्रॉन्ज़ (100,000 डॉलर) के साथ-साथ एक प्लेटिनम ग्रुप (340,000 डॉलर) भी था। इस प्लेटिनम ग्रुप में फाफ डु प्लेसिस, जेसन रॉय,  लियाम लिविंगस्टोन, सैम बिलिंग्स, कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल ,डेविड विली ,शादाब खान, ड्वेन ब्रावो, राशिद खान, क्रिस जॉर्डन और ट्रेंट बोल्ट जैसे नाम थे। मजे की बात ये इनमें से कोई भी पूरी बिग बैश के लिए उपलब्ध नहीं। बिग बैश सीजन 13 दिसंबर से शुरू है।  
टीम मालिक भी यूं ही पैसा नहीं दे रहे। फाफ डु प्लेसिस, कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल और ड्वेन ब्रावो का नाम चाहे कितना बड़ा हो- ये चारों नहीं बिके। अगर यहां प्लैटिनम कॉन्ट्रैक्ट 340,000 डॉलर दिलाएगा तो यूएई में 500,000 डॉलर तक कमा सकते हैं। डेविड वार्नर जो पिछले 8 साल से बिग बैश में नहीं खेले- इस सीजन में सिडनी थंडर के लिए 5 मैच खेलेंगे और एक मैच की फीस 70,000 डॉलर। ये है प्लेयर्स मार्केट। इसके लिए पैसा चाहिए और पैसा कॉरपोरेट लाएंगे- यही आईपीएल में हुआ।    

  • चरनपाल सिंह सोबती

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