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आईपीएल मेगा नीलामी 2022 में किसी टीम ने चेतेश्वर पुजारा को नहीं खरीदा। लगा- एक बार फिर उनके साथ अच्छा नहीं हुआ। वास्तव में- ये उनके लिए अच्छा ही हुआ। पुजारा ने इस झटके का बिलकुल सही फायदा उठाया। उस दिन से किस्मत और टेलेंट दोनों ने पुजारा का सही साथ दिया। 

सबसे पहले तो इंग्लैंड में ससेक्स के काउंटी चैम्पियनशिप कप्तान ट्रेविस हेड ने इस सीजन में खेलने से इंकार किया तो काउंटी क्लब ने बिना देरी चेतेश्वर पुजारा को बुला लिया। आम तौर पर ये लगा कि चलो उन्हें कुछ काम तो मिला और आईपीएल में न खेल पाने की निराशा कम होगी पर किसी ने ये नहीं सोचा था कि, इस मुकाम पर, ये उनके करियर का टर्निंग पॉइंट होगा। और तो और…काउंटी के लिए उन्हें घरेलू वनडे टूर्नामेंट रॉयल लंदन कप में भी खेलना था। यह भी तब जबकि पूरी क्रिकेट की दुनिया को मालूम है कि पुजारा पर टेस्ट क्रिकेट के विशेषज्ञ बल्लेबाज का ऐसा लेबल लगा है कि उनके वाइट बॉल क्रिकेट खेलने के बारे में तो सोचते भी नहीं। 2013 में वनडे क्रिकेट में आए, पुजारा ने सिर्फ 5 वनडे इंटरनेशनल खेले जिनमें 10.20 की औसत से 51 रन बनाए। उनका आखिरी वनडे मैच 2014 में था।

ये वास्तव में टर्निंग पॉइंट था। इस समय तक चैंपियनशिप क्रिकेट में रिकॉर्ड- 8 मैच की 13 पारी में 1094 रन और इससे ज्यादा रन सिर्फ बेन कॉम्प्टन (केंट) के नाम- 11 मैच की 21 पारी में 1119 रन। निश्चित तौर पर पुजारा का रिकॉर्ड कहीं बेहतर है और इस दौरान कई नए रिकॉर्ड बनाए। इसी से फिर से टेस्ट के लिए टीम इंडिया में वापसी हुई और 2021 की अधूरी सीरीज का एजबेस्टन टेस्ट खेल गए।

ठीक है वाइट बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया में उनके लिए आज कोई जगह नहीं पर खुद पुजारा ने कभी अपनी ऐसी क्रिकेट खेलने की चाहत को नहीं छिपाया। बिके या न बिके, आईपीएल नीलामी पूल के लिए अपना नाम भेजते रहे। इस बार, इंग्लिश सीजन में रैड बॉल काउंटी चैंपियनशिप मैचों में गजब की बल्लेबाजी के बाद, पुजारा ने एकदम गियर बदला और वाइट बॉल क्रिकेट में ऐसा खेल रहे हैं जिसके बारे में सोचा भी न था। यहां भी नियमित कप्तान टॉम हैन्स की गैरमौजूदगी में पुजारा को वाइट बॉल मैचों के लिए कप्तान बना दिया। ध्यान दीजिए- 

  • मैच 1 – विरुद्ध नॉटिंघमशायर : तीन साल में पहला वाइट बॉल मैच- स्कोर 16 गेंदों में 9 रन। 
  • मैच 2 – विरुद्ध ग्लूस्टरशायर : 71 गेंदों में 63 रन- ये लिस्ट ए क्रिकेट में उनका 50 का 30 वां स्कोर। इसमें 50 रन- 57 गेंदों में और 2018 के बाद से अपना पहला लिस्ट ए 50 का स्कोर। 
  • मैच 3 – विरुद्ध लेस्टरशायर : 7 गेंदों पर 14– 1 चौका और 1 छक्का।
  • मैच 4 – विरुद्ध वारविकशायर : 79 गेंदों में 107 रन (7 चौके और 2 छक्के- लियाम नॉरवेल के 45वें ओवर में 22 रन शामिल) पर टीम चार रन से हार गई।  
  • मैच 5 – विरुद्ध सरे : 131 गेंदों पर 174 रन- 20 चौके और 5 छक्के। ससेक्स ने मैच 216 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया। टॉम क्लार्क के साथ तीसरे विकेट के लिए 205 रन की पार्टनरशिप। 132.82 स्ट्राइक रेट रहा। 174 रन- ससेक्स के किसी खिलाड़ी का सबसे बड़ा और उनके अपने करियर का भी सबसे बड़ा लिस्ट ए स्कोर। विश्वास कीजिए- पुजारा के लिस्ट ए क्रिकेट में 13 शतक।
  • मैच 6 – विरुद्ध डरहम : 68 गेंदों पर 49 रन- 2 चौके।
  • मैच 7 – विरुद्ध समरसेट : 66 गेंदों पर 66 रन – 5 चौके और 1 छक्का।
  • मैच 8 – विरुद्ध मिडिलसेक्स : 90 गेंदों पर 132 रन – 20 चौके और 2 छक्का।

इस सीजन में रिकॉर्ड : 8 मैच में 102.33 औसत से 614 रन 116.28 स्ट्राइक रेट से- 3 शतक और 2 स्कोर 50 वाले तथा रन चार्ट में नंबर 2 पर।  ये वही पुजारा हैं जो आईपीएल 2022 मेगा-नीलामी में बिना बिके रह गए थे। और देखिए लिस्ट ए क्रिकेट में :
  पुजारा का रिकॉर्ड : 111 मैच की 109 पारी में 57.48 औसत से 5059 रन- 14 शतक और 31 स्कोर 50 वाले।

कम से कम 50 पारी खेलने वालों में, औसत में, भारत के बल्लेबाजों में वे टॉप पर- विराट कोहली (56.50) और धोनी (50.38 ) से भी बेहतर। और किसी की औसत तो 50 भी नहीं।  इसी रिकॉर्ड में, विश्व क्रिकेट में सिर्फ एसआर हैन (58.54). माइकल बेवन (57. 86) और शान मसूद (57.13) का रिकॉर्ड उनसे बेहतर। अब जबकि पूरी दुनिया में टी20 लीग की गिनती बढ़ रही है तो क्या इस नए जोश से पुजारा को कोई फायदा मिलेगा? वैसे एक और मजेदार रिकॉर्ड ये है कि पुजारा टी20 क्रिकेट में भी एक शतक बना चुके हैं। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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