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96 साल की उम्र में क़्वीन एलिजाबेथ की मृत्यु हो गई। खेलों से उनका नजदीक से नाता था- फुटबाल, टेनिस, क्रिकेट और या फिर ओलंपिक। लॉर्ड्स में टेस्ट के दौरान जिन कुछ एक्टिविटी को देखना एक आदत सा बन गया था उनमें से एक था क़्वीन एलिजाबेथ का टीमों से मिलना। मुलाकात तय प्रोटोकॉल के मुताबिक- आखिरकार ब्रिटिश क़्वीन से मिल रहे थे।ये 1977 के सेंटनरी टेस्ट की बात है। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में डेनिस लिली ने प्रोटोकॉल को तोड़ा और क़्वीन सेऑटोग्रॉफ मांग लिए- क़्वीन ने इंकार कर दिया। भले ही बाद में, क़्वीन ने उसी मुलाक़ात की एक फोटो पर ऑटोग्रॉफ उन्हें भेज दिए। इसी तरह एक बार, इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर पैट पोकॉक ने क़्वीन से पूछ लिया था कि क्या उनके पास एफए कप फाइनल का टिकट है? उन्होंने खुद भी कई बार क्रिकेटरों से बात की। 
निधन के बाद सम्मान के तौर पर, ब्रिटेन में कई खेल आयोजन रोक दिए गए। क्रिकेट में भी कुछ ऐसा हुआ जो आम तौर पर सुनने को नहीं मिलता :

*  इंग्लैंड – दक्षिण अफ्रीका तीसरे टेस्ट में दूसरे दिन का खेल सस्पेंड। पहले दिन बरसात के कारण वैसे भी खेल नहीं हो पाया था। स्टेडियम में यूनियन जैक आधा झुका दिया गया। उस समय तक कोई तय नहीं था कि आगे भी खेल होगा या नहीं। संयोग से टेस्ट और कहीं नहीं, उस ओवल में हो रहा था जो सीधे रॉयल परिवार से जुड़ा है। इसके मालिक डची ऑफ कॉर्नवाल हैं और यह 1 बिलियन पाउंड की संपत्ति अब विलियम, प्रिंस ऑफ वेल्स के पास है यानि कि सीधे रॉयल परिवार से रिश्ता और इसीलिए सरे काउंटी क्रिकेट क्लब को टेस्ट के भविष्य पर ज्यादा घबराहट थी। 
ईसीबी ने सरकार से सलाह के बाद, टेस्ट में खेल तीसरे दिन से शुरू किया। ईसीबी की कोशिश थी कि टेस्ट की अवधि एक दिन आगे बढ़ा दें ताकि चार दिन तो खेल हो जाए पर बात बनी नहीं- दक्षिण अफ्रीका टीम के लिए पहले से तय अगले दिन के वापसी के प्रोग्राम को बदलना मुश्किल हो रहा था। भारत में सीरीज के लिए रवाना होने से पहले खिलाड़ियों के लिए, अपने परिवार के साथ कुछ दिन का आराम जरूरी था। वैसे इंग्लैंड टीम को भी तो कुछ ही घंटे बाद कराची में शुरू होने वाली, टी20 सीरीज के लिए पाकिस्तान की फ्लाइट लेनी थी।  टॉस पहले दिन हो गया था पर खेल शुरू हुआ तीसरे दिन से। खिलाड़ी और ऑफिशियल, गार्ड ऑफ ऑनर से गुजरे और दोनों टीम ने एक मिनट के मौन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की- स्टेडियम में 27 हजार से ज्यादा दर्शक थे और वे भी इसमें शामिल हुए। इसके बाद आयरिश गार्ड्स के सीनियर एनसीओ रॉबर्ट ब्रोकेल्सबी मिलर ने एक घंटी बजाई। शुरुआत राष्ट्रगान के तौर पर ‘गॉड सेव द किंग’ के साथ हुई (बिना संगीत)। चार्ल्स अब नए किंग हैं। और तब दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रगान गाया गया।   
इस तरह, ये टेस्ट ऐसा पहला खेल आयोजन बना जहां, 1952 के बाद पहली बार ‘गॉड सेव द किंग’ सुनने को मिला। बचे तीन दिनों में, हर रोज के 98 ओवर तय हुए। खेल की शुरुआत से पहले बोलते हुए, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी क़्वीन को श्रद्धांजलि दी। सरे काउंटी क्रिकेट क्लब ने, पूरे टेस्ट के दौरान, न सिर्फ फैंसी ड्रेस में स्टेडियम आने, ओवल में, खेल के दौरान, एक बार में दो से ज्यादा ड्रिंक खरीदने पर भी रोक लगा दी- दिन का खेल शुरू होने के बाद ही स्टेडियम में बार खुलीं।  
*  रशेल हेहो फ्लिंट ट्रॉफी में भी सभी तय मैच नहीं हुए ।
*  डरहम में भारत-इंग्लैंड महिला टी20 इंटरनेशनल चूंकि एक और दिन बाद था तो होव के उस मैच पर असर नहीं आया। बहरहाल भारतीय टीम को सलाह थी कि ड्रेसिंग रूम में म्यूजिक न बजाएं। मैच के दौरान स्टेडियम में, बीसीसीआई का झंडा आधा झुका रहा। स्टेडियम के अंदर डिजिटल लाइट्स वाली कमर्शियल पर रोक थी।  

संयोग देखिए कि जब 6 फरवरी, 1952 को क़्वीन एलिज़ाबेथ के पिता, जॉर्ज VI की मौत की खबर आई थी- तब भी इंग्लैंड की टीम टेस्ट खेल रही थी : मद्रास में भारत के विरुद्ध। तब भी टेस्ट में एक तय दिन खेल नहीं हुआ था। 

– चरनपाल सिंह सोबती 

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