fbpx

भारत की टी20 वर्ल्ड कप टीम चुने जाने से पहले, जिस नाम पर सबसे ज्यादा बहस थी- वह नाम उस क्रिकेटर का था जो 58 टी 20 इंटरनेशनल खेल चुका है और जिसे इस समय देश में सबसे तूफानी बल्लेबाजी करने वालों में से एक गिना जाता है। नाम है ऋषभ पंत। ऐसी सोच की वजह- टी 20 इंटरनेशनल में अब तक का निराशाजनक प्रदर्शन। कई मौके दे दिए पर वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। मिडिल आर्डर में आजमाया, ओपनिंग का मौका भी दिया पर कोई फ़ायदा नहीं। ऐसी बहस के बावजूद, वे टीम में हैं तो अब नई बहस ये कि क्या पंत को वर्ल्ड कप प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जाना चाहिए या फ़िनिशर की भूमिका में दिनेश कार्तिक को? अभी तक टीम को भी इस सवाल का जवाब नहीं मालूम।  
अब सबसे पहले तो ये देखें कि ये मसला शुरू कैसे हुआ? मौजूदा दौर में, टेस्ट क्रिकेट में जब कोई बल्लेबाज तेजी से रन बनाए तो कहते हैं टिक कर नहीं खेलता और टी20 स्टाइल की बल्लेबाजी कर रहा है। ये स्टेटमेंट, सबसे बेहतर ऋषभ पंत पर लागू होती है। टेस्ट रिकॉर्ड- 31 टेस्ट में 2123 रन, औसत 43.32 और स्ट्राइक रेट 72.65 का। टेस्ट में कम से कम 2000 रन बनाने वालों में वे स्ट्राइक रेट में नंबर 5 हैं और सिर्फ वीरेंद्र सहवाग 82.23, एडम गिलक्रिस्ट 81.95, कपिल देव 80.30 और क्लेम हिल 76.28 जैसे उनसे ऊपर। 2022 में टेस्ट खेलने वालों में से कोई और टॉप 10 में भी नहीं है। 
तो बात साफ़ है कि जो पंत, टेस्ट में ऐसी टी20 स्टाइल बल्लेबाजी कर रहे हैं, टी20 में तो न जाने कर रहे होंगे? जवाब में, टी20 इंटरनेशनल रिकॉर्ड देखिए- 58 मैच में 934 रन, औसत 23.94 और स्ट्राइक रेट 126.21 का। टी 20 इंटरनेशनल में कम से कम 900 रन बनाने वालों में 56 बल्लेबाज का स्ट्राइक रेट उनसे बेहतर है। इसीलिए ये कहने वाले भी थे कि ऋषभ पंत के लिए टी20 वर्ल्ड कप टीम में कोई जगह नहीं है। अब वे, टीम में आ चुके तो ये मानने वालों की कमी नहीं कि ऋषभ पंत का प्लेइंग इलेवन में आना कोई गारंटी नहीं। अगर विकेट कीपिंग ग्लव्स के लिए दिनेश कार्तिक से टक्कर तो मिडिल आर्डर में दीपक हुडा से। 
जो टी20 स्टाइल की बल्लेबाजी के लिए मशहूर है, खुद टी20 इंटरनेशनल में ऐसा खेल रहा है कि टीम में पहली पसंद नहीं। उनकी वाइट बॉल फॉर्म टीम इंडिया के लिए एक पहेली है- उन पर भरोसा करें तो फार्म कुछ और इशारा देती है। बाउंड्री के लिए गेंद को क्लीन हिट करने में उनका जवाब नहीं और अकेले मैच का पासा पलट सकते हैं पर ऐसा कर नहीं रहे। इस स्टेटमेंट की वजह ये रिकॉर्ड है : 

  • सितंबर 2019 के बाद से, टी 20 इंटरनेशनल में सिर्फ 25.06 औसत और 42 पारियों में स्ट्राइक रेट 128.22। कुल टी20 क्रिकेट देखें तो भी रिकॉर्ड कोई ख़ास बेहतर नहीं।  
  • सितंबर 2019 के बाद से, टी 20 इंटरनेशनल में कम से कम 700 रन बनाने वालों में पंत के स्ट्राइक रेट 128.22 से बेहतर स्ट्राइक रेट 49 बल्लेबाज का। लिस्ट में, भारत से ही, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, विराट कोहली, रोहित शर्मा और सूर्य कुमार यादव का स्ट्राइक रेट उनसे बेहतर।  
  • आईपीएल 2022 सीजन में एक भी 50 नहीं।  
  • आईपीएल के बाद दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध अपनी पिचों पर, 5 मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज में टीम इंडिया के कप्तान- तब भी 14.50 औसत से सिर्फ 58 रन। उसी सीरीज में- दिनेश कार्तिक की प्रभावशाली वापसी और ईशान किशन एवं संजू सैमसन ने चुनौती दी।   

ऐसे में भारत की टी20 वर्ल्ड कप टीम में पंत की जगह पर बहस तो होनी ही थी। उनके समर्थक कहते हैं- अक्सर मिडिल आर्डर में मेक-या-ब्रेक की स्थिति में फंसे और जोरदार कैमियो एक जरूरत बन गया तो उसी में गड़बड़ हुई। इसीलिए ओपनर भी बना दिया पर प्रयोग कोई ख़ास कामयाब न रहा- 2 मैच में 26 गेंद में 27 रन। वसीम जाफर उन्हें, तब भी ओपनिंग में मौके की वकालत करते हैं।

पंत बनाम दिनेश कार्तिक की बहस पर सस्पेंस खत्म करते हुए, सेलेक्टर्स ने कीपर-बल्लेबाज के रोल में कार्तिक और पंत दोनों को शामिल कर लिया। तो क्या ऋषभ पंत नाम की पहेली ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर सुलझेगी? सुनील गावस्कर कहते हैं कि अब जबकि वे टीम में हैं तो ये बहस खत्म करो- टीम में चुना है, तो उन्हें समर्थन की जरूरत है। क्यों चुना, इस पर अब सवाल मत करो। गावस्कर की सोच- पंत और कार्तिक दोनों खेलें। ऐसा करें तो हार्दिक पांड्या को तीसरे सीमर के तौर पर खिलाना होगा। ये बड़े जोखिम वाली बात है पर गावस्कर कहते हैं – टी20 का मतलब ही यही है कि जोखिम उठाना पड़ता है। दूसरी तरफ इससे छठे गेंदबाज की कमी वाला मसला आ जाएगा। ऐसे सवाल ही तो परेशानी हैं।

चरनपाल सिंह सोबती

One thought on “बहस के बीच, टी20 वर्ल्ड कप टीम में भी आ गए ऋषभ पंत- अब आगे क्या?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *