इसमें कोई शक नहीं कि आईसीसी की तरफ से टी20 वर्ल्ड कप के बिल्ड-अप में कमी रही। ख़ास तौर पर एक मेजबान अमेरिका की टीम के परिचय में तो कुछ भी ख़ास नहीं किया गया हालांकि ये जरूरी था। और दुनिया की बात छोड़िए- खुद अमेरिका में रहने वाले ये विश्ववास नहीं कर रहे कि अमेरिका क्रिकेट वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रहा है। इस पर हुआ ये कि अमेरिका टीम ने खुद ही अपना परिचय दे दिया- 3 टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज में उनके बांग्लादेश को हराने की खबर से बेहतर टॉनिक और कोई नहीं हो सकता था। मौजूदा स्थिति ये है कि अमेरिका की टीम, वर्ल्ड कप में ग्रुप राउंड में उलटफेर की बात कर रही है।
ग्रुप ए में टेस्ट देश भारत, पाकिस्तान और आयरलैंड के साथ दो गैर टेस्ट देश कनाडा और अमेरिका हैं। संयोग से दोनों, आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में 2024 में कई समानता के साथ डेब्यू कर रहे हैं- दोनों पड़ोसी देश और नदी के एक पुल से बॉर्डर पार हो जाता है, दोनों टीम में कई भारतीय और पाकिस्तानी नाम क्योंकि इन देशों से वहां बसे लोगों से टीम बनी हैं, दोनों ने तैयारी के लिए आपस में एक टी20 सीरीज खेली (जिसे अमेरिका ने 4-0 से जीता) और टूर्नामेंट का पहला मैच भी यही दोनों आपस में खेलेंगे। क्या बांग्लादेश के विरुद्ध जीत अमेरिका क्रिकेट के लिए एक कैटालिस्ट का काम कर सकती है?
उन के पास स्टुअर्ट लॉ हैं- एक जाना-पहचाना कोच और एक नई टीम जो टेलेंट का दावा कर रही है पर क्या वे वास्तव में ग्रुप राउंड में कोई चौंकाने वाली जीत हासिल कर सकते हैं? क्रिकेट, दुनिया के सबसे बड़े बाजार में से एक के लिए वहां आ रहा है। 2028 में लॉस एंजिल्स में ओलंपिक में क्रिकेट वापस आएगा, मेजर लीग क्रिकेट के दूसरे सीज़न की तैयारी चल रही है और अब तो इसे आईसीसी ने ‘लिस्ट ए’ का दर्जा भी दे दिया है। अमेरिकी धरती पर टी20 वर्ल्ड कप बस कुछ ही घंटे की दूरी पर है। इन सब उपलब्धियों के बीच घरेलू टीम कहां है- क्या वे वास्तव में बेहतर मुकाबले की स्थिति में हैं?
इसके जवाब में अमेरिका ने टेस्ट देश बांग्लादेश पर 2-1 से सीरीज़ जीत हासिल की। पहले टी20 इंटरनेशनल में मिली जीत को तुक्का मानने वाले कम नहीं थे पर दूसरे इंटरनेशनल में भी बांग्लादेश को हरा दिया। तीसरे मैच में हारे जरूर पर नोट कीजिए सीरीज जीतने वाली बढ़त के बाद, अमेरिका ने पिछली दोनों जीत में ख़ास रोल निभाने वाले अपने 4 खिलाड़ियों- मोनांक पटेल, स्टीवन टेलर, हरमीत सिंह और अली खान को रेस्ट दिया था। आम तौर पर ख़बरों में ये रहा कि उन्होंने पहली बार किसी टेस्ट देश को हराया पर सच ये है कि टेक्सास के ह्यूस्टन में प्रेयरी व्यू में बांग्लादेश को हराने से पहले, अमेरिका ने 36 ऑफिशियल इंटरनेशनल मैच जीते थे और इनमें से एक जीत टेस्ट देश के विरुद्ध भी थी- दिसंबर 2021 में लॉडरहिल (फ़्लोरिडा) में टी20 मैच में आयरलैंड को 26 रन से हराया था।
क्या अब भी तुक्का कहेंगे बांग्लादेश पर उन की जीत को? अमेरिका के तेज़ गेंदबाज़ अली खान ने कहा- ‘बांग्लादेश पर सीरीज़ जीत कोई एक बार मिली जीत नहीं है।’ उन्हें टी20 वर्ल्ड कप में और भी उलटफेर का भरोसा है- ‘हम (यूएसए) भूखे हैं, और जो भी हमारे रास्ते में आएगा, उसे खाने की कोशिश करेंगे।’ क्रिकेट के लिए इससे बेहतर खबर कोई और नहीं हो सकती कि वे ग्रुप ए के मैचों को रोमांचक बनाने के लिए तैयार हैं अन्यथा क्रिकेट के जानकार तो ग्रुप ए से भारत और पाकिस्तान की दूसरे राउंड में एंट्री को न सिर्फ एक गारंटी, एक तरफा भी मान चुके हैं। उनके नए कोच स्टुअर्ट लॉ ने कहा- ‘एक-एक मैच में कुछ भी हो सकता है। विश्व कप ऐसा ही होता है। यहां कोई भी फेवरिट नहीं।’
यूएसए पहली बार 1965 में आईसीसी एसोसिएट मेंबर बना था। इससे पहले सिर्फ़ एक ग्लोबल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है- 2004 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी। वे ज्यादातर वर्ल्ड क्रिकेट लीग और आईसीसी अमेरिका टूर्नामेंट में खेले हैं। 2019 में आईसीसी ने सभी एसोसिएट देशों को टी20 इंटरनेशनल खेलने का दर्जा दिया और उसके बाद पहला ऑफिशियल टी20 इंटरनेशनल मार्च 2019 में यूएई के विरुद्ध खेले थे।
ये सब इतनी आसानी से नहीं हुआ। वहां क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में झगड़े एक आम बात रहे। 2017 में तो नौबत ये आई कि आईसीसी ने यूएसए को, यूएसए क्रिकेट एसोसिएशन के साथ कई मुद्दों पर टकराव के चलते सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद नई कोशिश से नई एसोसिएशन- यूएसए क्रिकेट बनी और हालत कुछ बेहतर हुए।
ये तो साफ़ है कि खिलाड़ी ‘अपने’ नहीं पर अगर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया, भारत और पाकिस्तान से वहां बस गए परिवार से क्रिकेटर ले सकते हैं तो अमेरिका ने क्या गलत किया? हरमीत सिंह और सौरभ नेत्रवलकर टॉप क्रिकेटर हैं- दोनों मुंबई के क्रिकेटर थे। कोरी एंडरसन न्यूजीलैंड से हैं। ऑस्ट्रेलिया में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत की 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत में यही हरमीत भी चमके थे। खुद उन्मुक्त भी अमेरिका में हैं लेकिन इस समय टीम की स्कीम से बाहर हालांकि उनकी बड़ी चाह थी कि ‘भारत के विरुद्ध’ खेलें। ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी हैं जो दूसरे क्रिकेट खेलने वाले देशों से गए और वहां बसे परिवार/काम या अन्य किसी वजह से अब अमेरिका के सिटिजन हैं। कुछ ऐसे जो अंडर-19 तो किसी और देश के लिए खेले पर अब आईसीसी की ‘रेजीडेंसी’ की शर्त को पूरा कर चुके हैं (ठीक वैसे ही जैसे केविन पीटरसन और जोफ्रा आर्चर समेत कई और खिलाड़ियों ने किया)।
टीम में सबसे मशहूर नाम ऑलराउंडर कोरी एंडरसन का है- 3 वर्ल्ड कप (वनडे+ 2 टी20) खेले न्यूजीलैंड के लिए। कनाडा के विरुद्ध पिछली सीरीज में ही यूएसए के लिए डेब्यू किया। 13 टेस्ट, 49 वनडे और 36 टी20 इंटरनेशनल का अनुभव, 130+ स्ट्राइक रेट, पावरफुल हिटर और एक समय तो सबसे तेज वनडे 100 (36 गेंद और एबी डिविलियर्स के 31 गेंद के रिकॉर्ड को तोड़ा था) का रिकॉर्ड उन के नाम था। अब इस टीम के स्टार ऑलराउंडर हैं।
अली खान यूएसए क्रिकेट के सबसे बड़े नाम में से एक हैं। एक तेज गेंदबाज़ जो यॉर्कर भी फेंकते हैं और बांग्लादेश के विरुद्ध दूसरे टी20 इंटरनेशनल में जीत में 3 विकेट की बदौलत प्लेयर ऑफ द मैच थे- मूलतः पाकिस्तान से हैं। वहां का जन्म और क्रिकेट भी खेला। 18 साल की उम्र में अमेरिका गए और अब कुछ टी20 लीग में भी खेल रहे हैं। कप्तान मोनांक पटेल- जन्म 1993 में भारत में, 2010 में ग्रीन कार्ड मिला और 2016 से स्थाई तौर पर अमेरिका में हैं। 47 वनडे और 20 टी20 मैच खेले हैं और मुंबई इंडियंस न्यूयॉर्क फ़्रैंचाइज़ी टीम में भी हैं- एक पावरफुल ओपनर हैं।
एक और नाम सैडली क्लाउड वैन शाल्विक का है- खब्बू तेज गेंदबाज़, उसी मशहूर वाइनबर्ग बॉयज़ हाई स्कूल में पढ़े जहां जैक्स कैलिस और एलन लैम्ब ने पढ़ाई की, साउथ अफ्रीका एकेडमी के खिलाड़ी, वेस्टर्न प्रोविंस के लिए भी खेले पर 97 फर्स्ट क्लास मैच के बाद, पिछले साल अमेरिका आ गए और अब नाइट राइडर्स लॉस एंजिल्स एमएलसी फ्रेंचाइजी के लिए भी खेलते हैं। 30 साल के ओपनर स्टीवन टेलर- टीम में सबसे बेहतर ‘होम प्रोडक्ट’ में से एक, हैं फ्लोरिडा के पर माता-पिता जमैका के और इसी नाते क्रिकेट के शौकीन थे और बच्चे को क्रिकेट के लिए ट्रेन किया, 9 साल की उम्र में सीनियर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और 16 साल की उम्र में यूएसए के लिए।
टीम के कोच- स्टुअर्ट लॉ जो ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्लेबाज के तौर पर 1 टेस्ट और 54 वनडे खेले हैं, श्रीलंका, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और मिडिलसेक्स के चीफ कोच रह चुके हैं और बांग्लादेश मीडिया में ये जिक्र खूब रहा कि चूंकि उनकी चाह के बावजूद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने उनका कोच का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया- इसी का सीरीज में जीत के साथ जवाब दिया है।
कोई भी ये नहीं कहेगा कि वे वर्ल्ड कप जीत लेंगे या सेमीफाइनल में भी पहुंच जाएंगे लेकिन ग्रुप स्टेज में भी कोई चौंकाने वाली जीत हासिल की तो बस यही बहुत बड़ी बात होगी। बांग्लादेश के विरुद्ध जीत के बाद वे टूर्नामेंट को नए आत्मविश्वास से खेलने के लिए तैयार हैं।
- चरनपाल सिंह सोबती