fbpx

भारत की मेलबर्न में ऐसी जीत जिसके बारे में सोचना शायद टीम ने भी बंद कर दिया था और वह भी पाकिस्तान के विरुद्ध ! इसके लिए कई फैक्टर जिम्मेदार रहे पर सबसे ज्यादा कोहली मास्टर क्लास। ये ऐसी जीत थी जो आसानी से नहीं मिली- भारत ने विश्व कप क्लासिक में से एक मैच खेला और सिर्फ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में मौजूद 90,293 प्रशंसकों ने नहीं, पूरी दुनिया ने इसे देखा/इसका मजा लिया। इससे बेहतर दीवाली तोहफा और कोई नहीं हो सकता।

विराट कोहली के 82* रन की बदौलत भारत ने टी20 इतिहास में सबसे रोमांचक चेज में से एक दर्ज की। जीत के लिए 160 रन की जरूरत और कोहली ने 113 रन की साझेदारी की  हार्दिक पांड्या (37 गेंद पर 40) के साथ, जिसने भारत को चार विकेट से जीत तक पहुंचा दिया। ध्यान दीजिए जब इस जोड़ी ने मुकाबला शुरू किया स्कोर 4-31 था और पाकिस्तान के पेस अटैक ने भारतीय के टॉप बल्लेबाजों को झटका दे दिया था। अब देखिए :

  • आख़िरी 10 ओवरों के लिए 12 रन प्रति ओवर की जरूरत।
  • आख़िरी 3 ओवरों के लिए 16 रन प्रति ओवर की जरूरत।
  • आख़िरी 8 गेंद में 28 रन की जरूरत।
  • आख़िरी ओवर में 16 रन की जरूरत।

ऐसे में स्टार बने विराट कोहली और सही समय पर बाउंड्री (6 चौके, 4 छक्के) लगाकर उस जीत को हासिल किया जो लगभग असंभव के मुकाम पर थी। हारिस रउफ की दो गेंद और खब्बू स्पिनर मोहम्मद नवाज का आख़िरी ओवर- बाबर आजम से हमेशा ये सवाल पूछा जाएगा कि जो गेंदबाज अपने तीसरे ओवर (पारी के 12 वें) में 20 रन देने के बाद फिर से गेंदबाजी से कतरा रहा था- उसे आख़िरी ओवर फेंकने क्यों बुलाया? यही है रोमांच क्रिकेट का- अगर सही रहता तो इसी को बाबर का मास्टर स्ट्रोक कह देते।

ये इनिंग ख़ास है तभी तो विराट कोहली ने इसे 2016 टी20 विश्व कप में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध मैच जीतने वाली इनिंग से भी बेहतर माना और अपनी सर्वश्रेष्ठ टी20 इनिंग गिना इसे- ‘आज तक मैंने हमेशा कहा कि मोहाली मेरी सर्वश्रेष्ठ इनिंग थी।’ तब (ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध) 52 गेंद में 82 रन बनाए थे और मेलबर्न में 53 गेंद में 82 रन। इसे बेहतर मानने की सबसे बड़ी वजह शायद यही कि इसे उस मुकाम पर खेला जहां से जीत लगभग असंभव लग रही थी।

ये वो विराट कोहली नहीं थे जिसके बारे में 2019 से चर्चा कर रहे हैं- एक बदले विराट कोहली। करीब तीन साल तक 100 नहीं बना सके। फिर भी, पाकिस्तान उनसे ‘डरता’ है- उनकी बल्लेबाजी का सम्मान करता है। इससे बड़ा सबूत और क्या होगा कि मोहम्मद नवाज ने कोहली के 6 लगाने के बाद वाइड फेंक दी। सब जानते हैं कि भारत-पाकिस्तान मैच 90 प्रतिशत नर्वस और 10 प्रतिशत स्किल है और इतवार को एमसीजी में कोहली ने दिखाया कि उनके पास ये दोनों हैं। देश में दीवाली की तैयारी को भी ब्रेक लग गई थी। 31/4 से एक सनसनीखेज जीत के साथ विराट कोहली ने एक बार फिर से उस महानता को दिखाया जो उनके करियर की कई बार पहचान बना है।

क्या नहीं लिखा गया कोहली की फार्म की आलोचना में। तब भी उन्हें अपने पर पूरा भरोसा रहा। सिर्फ कोहली ही जानते थे कि इस मैच को कैसे खत्म करना है। यह एक चेज़र, एक फाइटर, किसी ऐसे क्रिकेटर की पहचान है जो मुकाबले के लिए तैयार है। शायद कोहली वह बल्लेबाजी करते हैं जो सिर्फ जीतने के लिए है। यह एक बड़ा मैच था तभी तो बिक्री शुरू होने के पांच मिनट के भीतर इसके सभी टिकट बिक गए थे। और जब 90,293 लोग- जिनमें से 20 प्रतिशत से कम विदेशी थे, न्यूट्रल ग्राउंड में बड़े मैच के लिए निकले तो उन्हें कोई ख़ास इनिंग ही चाहिए थी।
चरनपाल सिंह सोबती 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *