एडिलेड में बांग्लादेश से हारने के लगभग 8 साल बाद इंग्लैंड वहीं जीत के साथ, वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा। इंग्लैंड में ये मानने वालों की कमी नहीं कि 2015 की उस हार ने इंग्लैंड को वाइट बॉल क्रिकेट में अपनी स्ट्रेटजी बदलने पर मजबूर किया। उसका फायदा अब सामने है।
लगभग 8 साल पहले,तब कप्तान थे इयोन मोर्गन और उस हार ने इंग्लैंड को आईसीसी 2015 वनडे वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया था। उस हार वाली टीम से, जोस बटलर और एलेक्स हेल्स अभी भी टीम में हैं और संयोग देखिए इन्हीं दोनों ने क्रिकेट हैवीवेट भारत को टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हराने (चार ओवर बाकी और 10 विकेट से जीत) में ख़ास भूमिका निभाई। अब आ गया सुपर संडे- पाकिस्तान के विरुद्ध, जो ये फैसला करेगा कि ट्रॉफी पर किसका अधिकार?
बांग्लादेश से उस अपमानजनक हार की सबसे बड़ी कीमत कोच पीटर मूर्स ने चुकाई थी- उनकी छुट्टी हो गई। सबसे बड़ा फायदा इंग्लैंड टीम को मिला- उनके वाइट बॉल क्रिकेट खेलने के तरीके को बदल दिया। नए कोच- ऑस्ट्रेलिया के ट्रेवर बेलिस और चार साल बाद इंग्लैंड ने लॉर्ड्स में अपना पहला 50-ओवर वर्ल्ड कप टाइटल जीता। अब एक और ऑस्ट्रेलियाई (उनके पिछले महिला टीम कोच) मैथ्यू मॉट टीम के साथ हैं और नजर एक और टाइटल पर। इंग्लैंड ने जो क्रिकेट एडिलेड में खेली उसी को एक गाइड मान लें तो?
इंग्लैंड इस टूर्नामेंट में कहीं भी फेवरिट नहीं थे पर सब ये भूल गए कि वे एक खतरनाक टीम हैं और एक बदली स्टाइल वाली क्रिकेट खेल रहे हैं। ये ठीक है कि टूर्नामेंट का सबसे बड़ा मैच तो अभी खेला जाना है पर इंग्लैंड का विश्वास उनके लिए सबसे बड़ा टॉनिक है। जब हार्दिक पांड्या ने आख़िरी ओवरों के दौरान अपनी टीम की धीमी शुरुआत को सुपर-चार्ज किया और स्टैंड्स में भारत को सपोर्ट कर रही भीड़ नाच रही थी, तो ये सवाल पूछा जा रहा था- क्या बटलर ने पहले फील्डिंग चुनकर गलती की? मार्च 2015 की उस निराशाजनक हार के बाद से इंग्लैंड जिस पॉलिसी से वाइट बॉल क्रिकेट खेल रहा है- उसमें, उन्हें विश्वास था कि वे किसी भी स्कोर का पीछा कर सकते हैं।
संयोग देखिए कि एमसीजी में इतवार को स्टेडियम में पाकिस्तान को सपोर्ट करने वालों की भीड़ ज्यादा होगी। तब भी बटलर का मानना है कि उनका और टीम के बाकी कई खिलाड़ियों का आईपीएल अनुभव काम आएगा जहां ऐसा नजारा तो एक आम बात है। एक और ख़ास बात- हाल के सालों में इंग्लैंड के कई क्रिकेटर केएफसी बीबीएल में भी खेले हैं और ऑस्ट्रेलिया के ग्राउंड उनके लिए पहले जैसे ‘नए’ नहीं।
हर कोई 1992 वर्ल्ड कप के साथ समानता की बात कर रहा है। तब भी सामने पाकिस्तान टीम थी। तब भी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया ने की थी (न्यूजीलैंड के साथ)। 1992 की तरह ही, पाकिस्तान टीम एमसीजी में अपना पहला मैच हारी- ग्रुप राउंड में भारत से ; तब भी आख़िरी दिन तक ये तय नहीं था कि पाकिस्तान ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है ; ऑस्ट्रेलिया तब भी आख़िरी 4 टीम में नहीं था और जैसे इस वर्ल्ड कप से पहले- पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया ने पिछले उसी स्टाइल की क्रिकेट के वर्ल्ड कप (2021) के सेमीफाइनल में हराया था, वैसे ही 1987 वनडे वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को हराया था। क्या ट्रॉफी जीतने में भी समानता होगी?
इतवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में पाकिस्तान और इंग्लैंड में से कौन उस क्रिकेट को खेलेगा जिसकी बदौलत फाइनल में पहुंचे- ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब शायद मैच के दिन या 239वीं गेंद फेंके जाने तक भी नहीं दिया जा सकेगा।
सोमवार इस फाइनल के लिए रिज़र्व डे है पर हर कोई इस चिंता में है- क्या इतवार शाम 7 बजे (ऑस्ट्रेलियाई समय) मैच शुरू होगा? ऑस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो ने दोनों दिनों में बारिश की 95 प्रतिशत संभावना की रिपोर्ट दे दी है- दोनों दिनों में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है हालांकि, सोमवार के मुकाबले इतवार का पूर्वानुमान थोड़ा बेहतर है। टूर्नामेंट के सुपर 12 राउंड की शुरुआत में भी मैचों पर ला नीना ने असर डाला था- लगातार तीसरे साल ऑस्ट्रेलिया के ईस्ट कोस्ट पर तूफ़ान आया है। उसी दौर में इंग्लैंड, एमसीजी में बारिश की वजह से कम ओवर वाले मैच में आयरलैंड से हार गया था और वहीं ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध उनका मैच पूरी तरह वाश-आउट हो गया था।
सट्टा बाजार इंग्लैंड को 8/13 और पाकिस्तान को 5/4 का भाव दे रहा है। तो किसका होगा सुपर संडे?
- चरनपाल सिंह सोबती