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विराट कोहली अब तक 8 सीजन में आरसीबी कप्तान- पिछले 7 में कोई ट्राफी नहीं। तो क्या ये सीजन इस सूखे को खत्म करेगा- ठीक वैसे ही जैसे टी 20 इंटरनेशनल की कप्तानी छोड़ने से पहले उनके पहले ICC टाइटल का इंतज़ार किया जा रहा है?

जैसे भारत के टी20 कप्तान के रोल में क्या हासिल किया और क्या नहीं- ठीक वैसे ही आईपीएल में कप्तान के तौर पर उनके रिकॉर्ड की जांच में कोई कंजूसी नहीं होती। एक बल्लेबाज के तौर पर तो फिर भी कामयाब लेकिन कभी भी आईपीएल में कप्तानी की आर्ट में महारत का दावा नहीं कर सकते। अब ये आने वाले दिन बताएंगे कि क्या वे उस आरसीबी के लिए पहला टाइटल जीत सकेंगे, जिसके लिए रिकॉर्ड 200 मैच खेले हैं और इनमें से 133 में कप्तान। ये रिकॉर्ड 22 सितंबर 2021 के मैच तक है।

ये मानने वालों की कमी नहीं कि विराट कोहली ने हालात को सही समय पर भांप लिया- टाइटल जीत गए तो वाह वाह और चूक गए तो टीम मैनेजमेंट को ये मौका नहीं देंगे कि उन्हें कप्तानी से हटाया जाए। दूसरे राउंड के पहले ही मैच में,आरसीबी को कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध 9 विकेट से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा और कोहली ने पारी की शुरुआत करते हुए सिर्फ 5 रन बनाए। पूरी टीम महज 92 रन पर सिमट गई और केकेआर ने 10 ओवर में मैच जीत लिया। तो क्या, इस मैच से पहले के कोहली के कप्तानी छोड़ने के फैसले ने टीम की क्रिकेट पर असर डाला? कई जानकारों ने कहा कि कोहली किसी अनाड़ी कप्तान से बेहतर नहीं दिखाए दे रहे थे। आज हालत ये है कि यहां तक सोचा जा रहा है कि कोहली को सीजन के बीच में भी कप्तानी से हटाया जा सकता है।

सही स्थिति को कोई भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता- 2013 में आरसीबी की नियमित कप्तानी संभालने के बाद वह टीम को एक भी टाइटल नहीं दे पाए हैं और सिर्फ एक फाइनल खेले। इसके उलट जिन रोहित शर्मा से उनकी इस मामले में तुलना होती है वे मुंबई इंडियंस के साथ 8 सीज़न में 5 टाइटल जीत चुके हैं।आरसीबी ने विराट के साथ क्या हासिल किया, इसका अंदाजा लगाइए :

  • पिछले सीज़न में,आरसीबी ने 2016 के बाद पहली बार प्ले-ऑफ़ के लिए क्वालीफाई किया।
  • तब भी सीजन में एलिमिनेटर सहित सीधे पांच हार का सामना करना पड़ा था।
  • 2019 और 2017 में,टीम पॉइंट्स तालिका में सबसे नीचे थी- 2018 में नंबर 6 पर थे।
  • 2013 में आरसीबी नंबर 5 रही। हाँ ,कोहली ने 45.28 औसत से 634 रन बनाए- सीजन के तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी।
  • आरसीबी 2015 में तीसरे और 2016 में दूसरे नंबर पर- 2020 के अलावा एकमात्र सीज़न जब कोहली ने अपनी टीम को प्लेऑफ़ में पहुंचाया।
  • 2017 से 2019: भारतीय टीम के ऑल-फॉर्मेट कप्तान बनने के बाद आरसीबी की किस्मत में भारी गिरावट आई। 2017 से 2019 तक 8वें, 6वें और 8वें नंबर पर, जो किसी फ्रैंचाइज़ी के लिए अब तक का सबसे खराब दौर है।
  • 2017 में तो, आरसीबी को 9.4 ओवर में सिर्फ 49 रन पर आउट होने के बाद सबसे कम आईपीएल स्कोर की बदनामी का सामना करना पड़ा। कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध 132 रन का पीछा करते हुए मैच 82 रन से हार गए।

आईपीएल का रिकॉर्ड देखें तो ये समझने में देर नहीं लगेगी कि यहां सिर्फ कामयाबी को सलाम है- कामयाबी नहीं तो कप्तान की प्रतिष्ठा या मशहूरी किसी काम की नहीं। तब भी आरसीबी ने कभी विराट कोहली पर दबाव नहीं बनाया- इसीलिए ही तो इतने सालों से वे कप्तान हैं। सवाल ये है कि कब तक? क्रिकेट में ऐसी ढेरों मिसाल हैं जबकि कप्तान बदलते ही, टीम की किस्मत भी बदल गई। क्या मालूम विराट सिर्फ बल्लेबाज़ के तौर पर टीम को उसका पहला टाइटल दिलाने वाले साबित हों?

आरसीबी ने अगर अब तक उन्हें झेला तो इसकी वजह साफ़ है- उनकी मौजूदगी से मिलने वाली ब्रैंड वैल्यू। क्रिकेट के स्टार में से एक हैं कोहली और बैंगलोर टीम के लिए ऐसी मार्किट वैल्यू कि कभी-कभी लगता है कि टाइटल न जीत पाने को इतना भाव क्यों दिया जा रहा है? लेकिन कब तक?

तब भी ,कई मुद्दे ध्यान देने वाले हैं :

  • ऐसा क्यों है कि खिलाड़ी जो आरसीबी में नहीं चमके, आरसीबी छोड़ने के बाद एक्दम चमके। सबसे नई मिसाल- मोईन अली। इस सीजन में सीएसके के लिए 7 मैच में बैट के साथ 206 रन 153+ स्ट्राइक रेट से और गेंदबाजी में 5 विकेट, इकोनॉमी रेट: 6।
  • विराट कोहली की बल्लेबाजी की फॉर्म भी टीम के ज्यादा काम नहीं आई- 2016 में रिकॉर्ड 973 रन के बाद, सिर्फ 2018 में 500+ रन बनाए। मौजूदा सीजन में भी 8 मैचों के बाद एक 50 के साथ औसत 29 और रन 203 हैं।
  • 2016 में, जब आरसीबी फाइनल में हारी तो कोहली ने एक आईपीएल सीज़न (733 रन) में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड तोड़ दिया- 16 मैच में 81.08 औसत से 973 रन और ऑरेंज कैप भी मिली। उस साल चार शतक बनाए जबकि सीजन की शुरुआत से पहले टी20 में एक भी शतक नहीं बनाया था ।
  • कोहली मैच जीत के मामले में भी कोई टॉप नहीं- सिर्फ 46.62 प्रतिशत मैच जीते हैं (62 जीत, कुल 133 मैच में 67 हार,टाई 3 और कोई नतीजा नहीं 1)। इसकी तुलना में रोहित शर्मा ने 123 मैच में से 72 जीते और 47 हारे और रिकॉर्ड बना 60.16 जीत प्रतिशत। यही वजह है कि रोहित शर्मा का नाम उन्हें चुभता है।

कोहली अगर आरसीबी को इस सीजन में टाइटल दिलाने में कामयाब रहते हैं तो ये टीम इंडिया के लिए भी बोनस होगा क्योंकि वे नए जोश से भारत को टी 20 वर्ल्ड कप में जीत दिलाने में जुट जाएंगे।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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