सबसे पहले उपलब्धि की बात करते है।
इंग्लैंड के सीमर जेम्स एंडरसन ने केंट के विरुद्ध काउंटी चैंपियनशिप मैच में लेंकशायर के लिए खेलते हुए अपना 1000 वां फर्स्ट क्लास विकेट लिया – उनके बेमिसाल करियर में एक और बड़ा रिकॉर्ड। आजकल फर्स्ट वलास क्रिकेट की चर्चा ही कहाँ होती है – इसलिए कोई बड़ा रिकॉर्ड बने तो अच्छा लगता है। एंडरसन, जो 39 साल के होने वाले हैं, ने 1000 वां विकेट हीनो कुह्न का लिया, ओल्ड ट्रैफर्ड में, अपने ही नाम वाले सिरे से गेंदबाज़ी करते हुए। आज भी वे कैसी गेंदबाज़ी करते हैं इसका सबूत ये कि अपने पहले 7 ओवर में 3-5 की गेंदबाज़ी और कुल मिलाकर 7-19 तथा केंट को सिर्फ 74 रन पर आउट कर दिया।
एंडरसन के इस रिकॉर्ड पर विराट कोहली की टीम के क्रिकेटरों की खूब नज़र रही होगी क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में वे पहले से ही 162 मैच में 26.67 औसत से 617 विकेट ले चुके हैं और अभी भी ऐसे फिट कि न सिर्फ भारत के विरुद्ध 4 अगस्त से शुरू होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज की तैयारी कर रहे हैं, दिसंबर में एशेज को फिर से जीतने ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगे।
2002 में लेंकशायर के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू किया और इस तरह यह रिकॉर्ड हासिल करने वाले ऐसे पहले खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत इस शताब्दी में की – कुल मिलाकर ऐसे 216 वें गेंदबाज़।अभी भी उनके 385 फर्स्ट क्लास विकेट के मुकाबले इंटरनेशनल क्रिकेट के विकेट ज्यादा हैं – 3 और टेस्ट विकेट उन्हें अनिल कुंबले से आगे ले जाएंगे और तब सिर्फ मुथैया मुरलीधरन (800) और शेन वॉर्न (708) उनसे ऊपर रह जाएंगे।13 और विकेट उन्हें वसीम अकरम से आगे ले जाएंगे – इंटरनेशनल क्रिकेट विकेट लिस्ट में।
ऐसे में अगर एंडरसन को इंग्लैंड के सबसे महान गेंदबाज में से एक और स्विंग किंग के नाम से जाना जाता है, तो गलत नहीं। उनसे पहले, ये रिकॉर्ड बनाने वाले आखिरी तेज गेंदबाज 2005 में एंडी कैडिक थे और आख़िरी इंग्लिश टेस्ट क्रिकेटर 2007 में रॉबर्ट क्रॉफ्ट थे। इस उपलब्धि से जुड़े उनके कुछ रिकॉर्ड :
- 1000 फर्स्ट क्लास विकेट लेने वाले- 216वें गेंदबाज ।
- इस शताब्दी ये रिकॉर्ड बनाने वाले- 14 वें खिलाड़ी और एंडी कैडिक (2005), मार्टिन बिकनेल (2004), डेवोन मैल्कम (2002) और वसीम अकरम (2001) के बाद सिर्फ पांचवें तेज गेंदबाज।
- 21वीं शताब्दी में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में आने के बाद ये रिकॉर्ड बनाने वाले पहले खिलाड़ी।
- रिकॉर्ड बनाने वाली पारी में फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर की सबसे बेहतर गेंदबाजी की – 7/19 विरुद्ध केंट।
- संयोग से टेस्ट क्रिकेट में अपनी सबसे बेहतर गेंदबाज़ी (7/42 विरुद्ध वेस्ट इंडीज, 2017) – अपने 500 टेस्ट विकेट पूरे करते हुए की थी।
- 51 बार 5 विकेट का रिकॉर्ड।
जब ऐसी बड़ी उपलब्धि तो निराशा किस बात की? निराशा है – एंडरसन के कारण नहीं, जो इस रिकॉर्ड के बाद का नज़ारा होगा उस वजह से। विश्वास कीजिए, बहुत संभव है कि 1000 विकेट का ये रिकॉर्ड फिर कभी न बने। ऐसा मानने की कई वजह हैं। इस शताब्दी में सिर्फ 5 तेज गेंदबाज ने ये रिकॉर्ड बनाया है और आज के युवा गेंदबाजों का ध्यान ट्वेंटी-20 की कमाई पर ज्यादा है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना तो कम ही होता जा रहा है।
एंडरसन से पहले जिन 215 गेंदबाज ने ये रिकॉर्ड बनाया उनमें से ज्यादातर ने इंग्लैंड में बिना कवर वाली पिचों पर ढेरों विकेट लिए। सबसे ज्यादा फर्स्ट क्लास विकेट की लिस्ट में जो टॉप 5 हैं – 1952 के बाद उनमें से कोई नहीं खेला है। नंबर 1 विल्फ्रेड रोड्स के 4,204 विकेट हैं। टॉप 10 में से सिर्फ फ्रेड टिटमस ऐसे अकेले हैं जो एंडरसन के सामने खेले – वह भी तब जब 1982 में मिडलसेक्स – सरे मैच देखने दर्शक के तौर पर आए और 49 साल की उम्र के बावजूद माइक ब्रेयरली ने उन्हें टर्निंग पिच पर खिला लिया। तब एंडरसन एक महीने के थे।
आज कौन से गेंदबाज़ इस रिकॉर्ड को बनाने के दावेदार कहे जा सकते हैं – टिम मुरटेग (867) सबसे आगे हैं लेकिन 40 साल के होने वाले हैं, स्टुअर्ट ब्रॉड (836) अब ज्यादातर टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं और उन्हें कम से कम तीन साल और खेलना होगा, श्रीलंकाई स्पिनर दिलरुवान परेरा (808) और मलिंडा पुष्पकमारा (793) मदद देने वाली पिचों पर खेलते हैं और उन्हें दावेदार कह सकते हैं जबकि नील वैगनर (762) कितना खेलेंगे – कोई नहीं जानता। अगर न भटके तो साइमन हार्मर (684) दावेदार हैं क्योंकि वे दक्षिण अफ्रीका और काउंटी क्रिकेट में फर्स्ट क्लास मैच खेलते हैं और अभी सिर्फ 32 साल के हैं।
बढ़ती वाइट बॉल क्रिकेट, इंटरनेशनल टूर में कम फर्स्ट क्लास मैच और इंग्लैंड में भी लगातार छोटा होता जा रहा काउंटी चैंपियनशिप सीजन फर्स्ट क्लास क्रिकेट की कमी के लिए बहुत कुछ जिम्मेदार हैं। केंट के अनुभवी ऑलराउंडर डैरेन स्टीवंस, जो इस समय 45 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट के अपने 24 वें सीजन में खेल रहे हैं – सिर्फ 315 ऐसे मैच खेले हैं।1960 सीजन में हर टीम 32 मैच खेली थी – 2019 में (कोविड से पहले) सिर्फ 14 फर्स्ट क्लास मैच खेले। अन्य दूसरे देशों की बात छोड़ दीजिए। भारत में ढेरों मैच हैं- पर ज्यादा टीम की वजह से और जो हैं भी, स्टार गेंदबाज़ों के पास इनमें खेलने की फुर्सत कहाँ है?
- चरनपाल सिंह सोबती