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ध्यान दीजिए – इस समय इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी : पुरुष क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर (34357 रन) और महिला क्रिकेट में मिताली राज (10337 रन)। संयोग देखिए कि सचिन तेंदुलकर और मिताली राज दोनों ने 16 साल और 205 दिन की उम्र में भारत के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया। 22 साल से ज्यादा का इंटरनेशनल करियर है दोनों का और रन की भूख कभी कम नहीं हुई। इस साल जब भारत की टीम अपनी अगली सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया जाएगी तो सब ठीक रहा तो सबसे लंबे वनडे करियर (22 साल, 91 दिन) का सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड टूटेगा। कौन तोड़ेगा – यही मिताली। मिताली तो अगले साल के वर्ल्ड कप तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना चाहती हैं और वह आने वाले क्रिकेटरों के लिए कैसी चुनौती बना जाएँगी – इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

कुछ और ख़ास रिकॉर्ड के लिए भी मिताली राज की बड़ी चर्चा है :

  • महिला इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन (10337) – इंग्लैंड की शार्लोट एडवर्ड्स का 10273 रन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। न्यूजीलैंड की सूजी बेट्स (7849) तीसरे नंबर पर हैं। भारत की क्रिकेटरों में हरमनप्रीत (4792) दूसरे नंबर पर – लेकिन देखिए कितना पीछे।
  • 26 जून 1999 को आयरलैंड के विरुद्ध मिल्टन कीन्स में शुरू करियर में इंटरनेशनल क्रिकेट में चौथे डिकेड में खेल रही हैं।
  • वन डे में उनके 217 मैच, 7304 रन और 50 वाले 58 स्कोर- सभी रिकॉर्ड हैं और भविष्य के लिए मुश्किल चुनौती।

हाल ही में मिताली ने इंग्लैंड के विरुद्ध ब्रिस्टल में 108 गेंद में 72, टांटन में 92 गेंद में 59 और वूर्स्टर में 86 गेंद में 75* बनाए। इसके साथ लखनऊ में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 104 गेंद में 79* भी जोड़ लें तो इसका मतलब है लगातार 4 वन डे में 50 वाला स्कोर। मिताली ने लगातार तीन वन डे में 50+ का स्कोर पांच बार बनाया है और ये कोई मामूली बात नहीं है।

फिर भी ऐसा क्यों कि उनके हिस्से में बराबर आलोचना – कम स्ट्राइक रेट की वजह से। 217 मैच में जो 7304 रन बनाए उनके लिए स्ट्राइक रेट 66.57 है। ठीक है, आज के हिसाब से ये बहुत आकर्षक स्ट्राइक रेट नहीं पर ध्यान रखें कि वे किस टीम के लिए खेलीं और उसमें एक बल्लेबाज़ के तौर पर क्या भूमिका निभाई?

यहां तक कि इंग्लैंड के विरुद्ध हाल ही में ख़त्म वन डे सीरीज में 3 मैच में 206 रन बनाने के बाद (टीम की अगली टॉप स्कोरर स्मृति मंधाना- 81 रन) भी उन्हें सफाई देनी पड़ी- वह अपने स्ट्राइक रेट की आलोचना पर ध्यान नहीं देतीं। वनडे टीम में एंकर की भूमिका में टीम मैनेजमेंट द्वारा दी जिम्मेदारी पर ज्यादा ध्यान देती हैं। जरूरत में स्ट्राइक रेट बढ़ाना उन्हें भी आता है – तभी तो तीसरे वन डे में जब स्कोरिंग तेज करने के लिए जरूरत थी तो टॉप गियर में बैटिंग की। पहले भी तो यही हुआ था और इसी स्ट्राइक रेट की बहस में सितंबर 2019 में टी 20 इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था। तब भी, आज वे इस क्रिकेट टॉप स्कोरर की लिस्ट में नंबर 7 हैं (रिकॉर्ड : 37.52 औसत और 96.33 स्ट्राइक रेट से 2364 रन) तथा वे और हरमनप्रीत, इस लिस्ट में टॉप 10 स्कोरर में दो भारतीय हैं।

इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि ख़ास तौर पर उनके रिकॉर्ड को एक अलग नज़र से देखें :

  • भारत के 280 वन डे इंटरनेशनल में से 217 में मिथाली खेली हैं ।
  • टीम के बल्लेबाज़ों के कुल रन में से 19.46 प्रतिशत रन मिथाली ने बनाए – कम से कम 4000 रन बनाने वाली 10 बल्लेबाज़ में से इससे बेहतर प्रतिशत रिकॉर्ड सिर्फ 4 बल्लेबाज़ का है।
  • करियर के शुरू के सालों में अंजुम चोपड़ा, हेमलता कला या अंजू जैन जैसी क्रिकेटर के साथ खेलीं और इनमें से किसी का भी बल्लेबाज़ी का औसत 31 से ज्यादा नहीं- मिताली का रिकॉर्ड 51.80 है। ऐसी औसत को सिर्फ तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे बल्लेबाज़ों के साथ ही जोड़ने की आदत हो गई है।
  • आज उन जेमिमा रोड्रिग्स और शफाली वर्मा के साथ खेल रही हैं जिनका जन्म भी नहीं हुआ था मिताली के डेब्यू के समय।
  • 124 जीत वाले मैच की 107 पारी में 4499 रन (ये सभी गिनती रिकॉर्ड) 73.75 औसत (कम से कम 50 मैच खेलने वाली क्रिकेटर में रिकॉर्ड) से और अपनी 7 में से 6 सेंचुरी जीत वाले मैचों में बनाईं।
  • 140 वनडे में कप्तान – पहले राउंड में 2008 तक कप्तान और तब टीम की कमियों के लिए हटा दिया था। 2012 में फिर से बागडोर दी गई।
  • वन डे में 7,000 रन बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर।
  • कप्तान के तौर पर वन डे बल्लेबाज़ी का रिकॉर्ड – 140 मैचों में 4818 रन।
  • कप्तान के तौर पर वन डे रिकॉर्ड – 140 मैच, 84 जीत (टॉप पर और बेलिंडा क्लार्क के बराबर) और 53 हार (50 मैच हारने वाली अकेली कप्तान)।
  • वन डे में अकेली क्रिकेटर जिसने बॉउंड्री शॉट से 3000 से ज्यादा रन बनाए – 781 चौके (रिकॉर्ड),16 छक्के और 3220 रन (रिकॉर्ड)।

इतना लंबा और उपलब्धि वाला करियर हो तो कमी ढूंढना मुश्किल नहीं। उन्हें भी देखिए :

  • 217 वन डे की 196 पारी में सिर्फ 7 सेंचुरी। ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग सिर्फ 85 मैचों में 14 सेंचुरी बना चुकी हैं। ये क्यों भूल जाते हैं कि मिताली नर्वस नाइनटीज (90 वाले स्कोर) में 5 बार आउट हुईं (टॉप पर और स्टेफनी टेलर के बराबर) और उनके नाम 58 स्कोर 50 वाले भी तो हैं।
  • स्ट्राइक रेट कम पर अगर 4000 रन बनाने वाली क्रिकेटर का रिकॉर्ड देखें तो सच ये है कि 10 में से बेलिंडा क्लार्क, एडवर्डस और डेवी हॉकले का रिकॉर्ड उनसे भी खराब है। किसी ने इस संदर्भ में उनकी कमी नहीं निकाली।

इसलिए अब ये खुद तय करना है मिताली राज की क्रिकेट को कैसे देखनाहै? क्या वे हर बार सफाई ही देंगी?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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