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किसी भी तय सीरीज का रद्द/स्थगित होना कोई बहुत बड़ी खबर नहीं। हाल के महीनों में कोविड, राजनीति (भारत-पाकिस्तान) और सुरक्षा (न्यूजीलैंड का पाकिस्तान पहुंच कर भी न खेलना और उसके बाद इंग्लैंड का वहां जाने से इंकार) के नाम पर न खेलने की कुछ बहुत अच्छी मिसाल मौजूद हैं। मेजबान का शोर, पॉइंट हासिल करने का मौका गया और पैसे का नुकसान- किसी भी दलील पर कुछ नहीं हुआ। इसके उलट, अब दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध, ऑस्ट्रेलिया में, जनवरी 2023 में 3 मैचों की वन डे सीरीज खेलने से इंकार किया तो उसे इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए चेतावनी  का नाम दिया जा रहा है- ऐसा क्यों?
दक्षिण अफ्रीका ने वहां न खेलने की एक बिलकुल अलग वजह बताई और मेजबान शोर न करे, इसके लिए बिना बहस ‘जीत’ वाले पूरे 30 पॉइंट ऑस्ट्रेलिया को दे दिए- वे इस सीरीज को जीत कर यही हासिल कर सकते थे। तो इस तरह सीधे आरोप से खुद को बचा गए पर चेतावनी ये है कि अगर आगे भी ऐसा ही होता रहा तब तो दुनिया में क्रिकेट खेलने का अंदाज ही बदल जाएगा- उनके फैसले का इंटरनेशनल क्रिकेट पर असर अब ही सामने आ गया है। 
3 वन डे इंटरनेशनल की ये सीरीज 12-17 जनवरी, 2023 तक होने वाली थी। जैसे ही इस सीरीज में खेलने से इंकार की खबर आई तो लगा दक्षिण अफ्रीका ने अपने 2023 के 50 ओवर वर्ल्ड कप में खेलने को खतरे में डाल दिया है। वर्ल्ड  कप में 12 आईसीसी पूर्ण सदस्य देशों और नीदरलैंड्स में से टॉप 8 ने टूर्नामेंट के लिए सीधे क्वालीफाई करना है। दक्षिण अफ्रीका की मौजूदा  स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं- 11 वें नंबर पर है। नंबर 8 ऑस्ट्रेलिया को 30 पॉइंट और मिल गए जबकि दक्षिण अफ्रीका के पास टॉप 8 में रहने की कोशिश में सिर्फ 8 मैच बचे हैं- भारत में तीन, इंग्लैंड के विरुद्ध और नीदरलैंड के विरुद्ध दो। मान लें वे ये सभी 8 मैच जीत लेंगे तो भी इतने पॉइंट नहीं बनेंगे कि उनका सीधे क्वालीफाई करना पक्का हो जाए। ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया में खेलते तो जरूर क्वालीफाई कर लेते पर उन्हें कम से कम कोशिश का ज्यादा मौका मिलता।  
इसलिए कुछ तो सोचा होगा। 1996 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने श्रीलंका में अपने मैच खेलने से इंकार तो किया पर वे गणना कर चुके थे कि पॉइंट गंवाने के बावजूद अगले राउंड में खेलेंगे और कोई नुकसान नहीं होगा। दक्षिण अफ्रीका ने भी यही सोचा है-  2023 वर्ल्ड कप के लिए सीधे क्वालीफाई न भी किया तो भी क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की बदौलत खेलेंगे। 
ऐसा नहीं कि दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज बचाने की कोशिश नहीं की पर जब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर से तारीखों में किसी भी बदलाव से इंकार किया तो दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया न जाने का फैसला लिया। असल में, इस सीरीज का उनकी नई शुरू होने वाली फ्रेंचाइजी टी 20 लीग की तारीखों से टकराव है।बड़ी मुश्किल से तो इस नई टी 20 लीग का प्रोग्राम बना और अब वे अपने टॉप क्रिकेटरों को कुछ दिन के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजकर लीग का मजा खराब नहीं करना चाहते।  
दक्षिण अफ्रीका का लक्ष्य है- अपनी लीग को आईपीएल के बाद, दुनिया में सबसे बड़ा बनाना। 6 टीमों के टेंडर बंद हो गए हैं और आईपीएल टीमों के मालिक और बड़े कारोबारी इन्हें खरीदने में शामिल हैं। इसी पैसे से आईपीएल की तरह खिलाड़ियों को बड़े चैक देने का इरादा है। उन्हीं दिनों में यूएई टी 20 और बिग बैश लीग भी खेली जाएगी पर दक्षिण अफ्रीका को उम्मीद है वे बेहतर टीमें बना लेंगे और स्पांसर भी आएंगे। 
मसला पैसे का है। नई लीग उन्हें जितना पैसा देगी- दो टीमों के बीच मैचों वाली सीरीज नहीं। जो बजट बनाया है उसके मुताबिक़- लीग में 4 साल में ब्रेक-ईवन और 10 सालों में अनुमानित लागत 56 मिलियन अमरीकी डालर जबकि कमाई 119 मिलियन अमरीकी डालर- मुनाफा 63 मिलियन अमरीकी डालर का। वे गलत नहीं हैं। हाल के सालों में दक्षिण अफ्रीका ने सिर्फ उस सीरीज से पैसा कमाया जब भारत की मेजबानी की। 2019-20 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टॉप टीम दक्षिण अफ्रीका आई थीं पर दोनों में घाटा हुआ। ये भी मान लें कि वे वर्ल्ड कप खेलने से चूक जाते हैं तो क्या दांव पर लगा है? पार्टिसिपेशन फीस के लगभग 2 मिलियन अमरीकी डालर और स्पांसर का पैसा। 
आईपीएल की कमाई देखकर, पूरी दुनिया में पेशेवर लीग की गिनती बढ़ी, दक्षिण अफ्रीका भी इसी रेस में शामिल है और आगे लीग और बढ़ेंगी। आज दक्षिण अफ्रीका ने लीग को वरीयता दी और दो टीम वाली सीरीज को छोड़ दिया। आगे दूसरे देश भी तो ऐसा कर सकते हैं। आईसीसी ने तो टेस्ट और वन डे क्रिकेट पर खतरे की बात कर भी दी है। इन टी 20 लीग का सिलसिला ऐसे ही चला तो इतने दिन भी नहीं बचेंगे कि टी 20 की आपसी सीरीज या आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट खेल लें। देखिए :
जनवरी : दक्षिण अफ्रीकी और यूएई लीग के साथ बिग बैशफरवरी-मार्च : पीएसएलमार्च-मई : आईपीएलजून-जुलाई: हंड्रेड अगस्त : सीपीएल सितंबर से दिसंबर : इंटरनेशनल क्रिकेट- उसमें भी  कितनी क्रिकेट खेल लेंगे? टॉप क्रिकेटर ‘रेस्ट’ भी मांगते रहेंगे। हर देश के पास इतनी टेलेंट नहीं कि भारत और इंग्लैंड की तरह एक साथ दो बेहतर दर्जे की टीम खिला लें और दूसरे देश शिकायत भी न करे।  
इस सवाल का अभी कोई जिक्र नहीं कर रहा कि अगर कल को उनके अपने फाफ डु प्लेसिस जैसे बड़े नाम वाले खिलाड़ी ने पैसे के लालच में अपने देश की लीग के मुकाबले बिग बैश को चुन लिया तो क्या होगा?

  • चरनपाल सिंह सोबती

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