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टोक्यो 2020 में हिस्सा लेने वाले तीन एथलीट:

राय बेंजामिन (अमेरिका) : इवेंट – पुरुष 400 मीटर हर्डल्स : सिल्वर जीता 46.17 सेकंड के समय के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए।
ब्रैंडन स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया) : इवेंट – पुरुष हाई जंप : मैडल नहीं जीत सके और फाइनल में नंबर 6 थे।
सानिया मिर्जा (भारत) : इवेंट – महिला टेनिस डबल्स : सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की जोड़ी पहले राउंड में यूक्रेन की ल्यूडमिला विक्टोरिवना किचेनोक और नादिया विक्टोरिवना किचेनोक से 6-0, 7-6, 10-8 से हारी।

क्या समानता है इन तीनों में? एक बात ऐसी है जिसने इन तीनों की साथ चर्चा जरूरी कर दी। ये ख़ास बात है इन तीनों का क्रिकेट कनेक्शन। देखिए :

राय बेंजामिन : इन तीनों में से सबसे कामयाब राय बेंजामिन रहे – हालाँकि 46.17 सेकंड का वर्ल्ड रिकॉर्ड समय निकाला – फिर भी सिल्वर मैडल ही मिला। इसकी वजह ये है कि नॉर्वे के कार्स्टन वारहोम ने अपना ही पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया और 45.94 सेकंड के नए रिकॉर्ड ने उन्हें गोल्ड दिलाया। ये कमाल की रेस थी क्योंकि ब्रॉन्ज़ जीतने वाले एलिसन डॉस सैंटोस ने 46.72 सेकंड का जो समय निकाला वह सिर्फ पांच हफ्ते पहले वर्ल्ड रिकॉर्ड होता।

राय बेंजामिन का क्रिकेट कनेक्शन : वे वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज विंस्टन बेंजामिन के बेटे हैं। विंस्टन ने 1986 और 1995 के बीच 21 टेस्ट खेले – 61 विकेट तथा 85 वन डे खेले। टेस्ट खेलना शुरू किया सिर्फ 23 साल की उम्र में (दिल्ली नवंबर 1987), फिर भी उसके बाद सिर्फ 20 टेस्ट और खेले। गज़ब के तेज गेंदबाज थे – बल्लेबाज भी खराब नहीं थे, जिसका सबूत फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दो सेंचुरी और 50 वाले 21 स्कोर हैं। एक समय था जब कहते थे कि वे मैल्कम मार्शल के उत्तराधिकारी हैं पर करियर बड़ा छोटा रह गया। विंस्टन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 30 साल की उम्र में खेला। क्रिकेट से बहुत कम पैसा कमाया और बाद में हालत ये हो गई थी कि एंटीगा रिक्रिएशन ग्राउंड में बाउंड्री फिक्सर जैसा काम करने लगे। बेटे ने अपने पिता की नाकामयाबी से सबक लिया। बेटे ने उनसे सिर्फ तेजी/ रफ़्तार ली। विंस्टन अब एंटीगा में कोचिंग देते हैं।

पूरी दुनिया में राय का नाम कुछ ही दिन पहले तब चर्चा में आया था जब अमेरिकी ओलंपिक ट्रायल में राय ने 46.83 का समय निकाला और टोक्यो में मैडल जीतने की दावेदारी पेश की। ऐसा नहीं कि वे क्रिकेट नहीं खेले – पिता के उलट एक बल्लेबाज बनना चाहते थे। अमेरिकी फुटबॉल भी खेले पर कॉलेज के कोच ने ट्रैक पर खींच लिया। जन्म अमेरिका में हुआ और अब मां के साथ वहीं रहते है। तब भी विंस्टन ने कहा था – अगर वह मैडल जीतता है, तो एंटीगा भी उतना जश्न मनाएगा, जितना अमेरिका। राय ने पिता को टोक्यो में निराश नहीं होने दिया, एक मैडल जीता और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।

ब्रैंडन स्टार्क : टोक्यो 2020 में हाई जंप के फाइनल में पहुंचे। हालांकि वह मैडल नहीं जीत सके, लेकिन उनकी मास्टर क्लास जंप की तारीफ़ की गई।

वे भाई हैं मिशेल स्टार्क – ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के। खब्बू तेज गेंदबाज 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी – 49 वर्ल्ड कप विकेट हैं उनके नाम। टेस्ट : 61 में 255 विकेट, वन डे : 99 में 195 विकेट और टी 20 : 41 में 51 विकेट।

सानिया मिर्जा : सानिया (4 ग्रैंड स्लैम इवेंट में 6 डबल्स टाइटल – महिला और मिक्स्ड 3- 3) का संबंध तो वास्तव में कई टेस्ट खिलाड़ियों से है और इसमें भी ख़ास तौर पर कप्तानों से। भारतीय ऑफ स्पिनर गुलाम अहमद (22 टेस्ट, ज्यादातर 1950 के दशक में, तीन टेस्ट में कप्तान) के बेटे निसार अहमद रिश्ते में सानिया के भाई लगते हैं। इस रिश्ते के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है और ये बड़ा पेचीदा रिश्ता है। खुद निसार अहमद ने बताया – ‘हमारी दादी बहनें हैं – सानिया के पिता की मां और मेरी मां की मां।’ गुलाम अहमद पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान आसिफ इकबाल के चाचा थे – इस तरह आसिफ से भी रिश्ता बन गया। इस रिश्ते में तीसरे टेस्ट कप्तान हैं शोएब मलिक – अप्रैल 2010 में सानिया ने शोएब मलिक से शादी की (35 टेस्ट में से 3 में, 287 वन डे में से 41 में और 116 टी 20 में से 20 में पाकिस्तान के कप्तान)। सबसे नया रिश्ता – भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के बेटे मोहम्मद असदुद्दीन ने सानिया मिर्जा की बहन अनम मिर्जा के साथ शादी की।

ये चर्चा एक और क्रिकेट कनेक्शन के जिक्र के बिना अधूरी रह जाएगी – टीनू योहन्नान इंटरनेशनल क्रिकेट खेले और उनके पिता टीसी योहन्नान ने भारत का प्रतिनिधित्व किया ओलंपिक में। टीनू इस समय केरल टीम के तेज गेंदबाजी कोच और ट्रेनर हैं। टीनू केरल के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले और भारत के लिए टेस्ट और वन डे खेलने वाले केरल के पहले रणजी खिलाड़ी थे। दिसंबर 2001 में इंग्लैंड के विरुद्ध घरेलू सीरीज से टेस्ट खेलना शुरू किया। पहला टेस्ट मोहाली में – दोनों इंग्लिश ओपनर्स को आउट किया और अपना पहला टेस्ट विकेट अपने पहले ही ओवर की चौथी गेंद पर हासिल किया। 3 टेस्ट और इतने ही वन डे खेले।

वे लांग जम्पर टीसी योहन्नान के बेटे हैं जिनका नेशनल रिकॉर्ड लगभग 3 दशक तक कायम रहा। मॉन्ट्रियल, कनाडा में 1976 के ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था (फाइनल में नहीं थे)।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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