उम्मीद है सौरव गांगुली का इरादा ये नहीं था जो समझा जा रहा है। धोनी की नियुक्ति पर ये स्पष्टीकरण कि उन्हें टी 20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का मेंटोर इसलिए बनाया कि 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीत के बाद से भारत आईसीसी के पांच वाइट बॉल टूर्नामेंट में नॉकआउट राउंड में चुका है- असल में कोहली के लिए चुनौती की तरह है।
टेस्ट क्रिकेट की फाइल बंद और जैसे ही टी 20 वर्ल्ड कप के दिन नज़दीक आ रहे हैं- स्प्लिट कप्तानी की चर्चा फिर शुरू हो गई। इस बार मीडिया में सिर्फ अटकलों की बात नहीं हो रही- एक बड़े अखबार ने तो छाप दिया कि अगर भारत टी 20 वर्ल्ड कप न जीता तो वाइट बॉल क्रिकेट में कप्तानी का बदलाव पक्का। फर्क ये कि इस बार ये नहीं कहा जा रहा कि विराट कोहली को वाइट बॉल इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए कप्तानी से हटाया जाएगा- खबर को सम्मानजनक बनाने के लिए कहा कि अगर टी 20 वर्ल्ड कप न जीत पाए तो विराट कोहली खुद कप्तानी छोड़ेंगे ताकि पूरा ध्यान बैटिंग पर लगा सकें।
ऐसा नहीं है कि स्प्लिट कप्तानी भारतीय क्रिकेट में कोई नई चर्चा है पर हाल के सालों में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इसमें कोई रूचि नहीं ली। जहां तक कप्तानी का सवाल है- ऑफिशियल तौर पर विराट कोहली की मौजूदगी में उनके अलावा और किसी नाम की चर्चा तक नहीं की। 2007 में, जब अनिल कुंबले टेस्ट टीम के कप्तान थे तो एम.एस.धोनी को वन डे और टी 20 टीम का कप्तान चुना था। धोनी ने भी सबसे पहले टेस्ट क्रिकेट में बागडोर विराट कोहली को दी पर वाइट बॉल क्रिकेट में कप्तान बने रहे।
विराट कोहली को मिलने वाली मौजूदा चुनौती का किस्सा असल में तब शुरू होता है जब आईपीएल या कोइ बड़ा वाइट बॉल इंटरनेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट खेलते हैं। उनकी कप्तानी में न तो आरसीबी ने आईपीएल को जीता और न ही भारत ने कोई बड़ा आईसीसी वाइट बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट। कोहली ने 45 टी 20 इंटरनेशनल और 95 वन डे मैचों में भारत की कप्तानी की है- टी 20 में 27 और वन डे में 65 मैच जीते। विराट कोहली ने हर देश में अपनी कप्तानी का दबदबा बनाया पर ज्यादातर आरसीबी के लगातार न जीत पाने के कारण ट्रोल हुए- टीम ने पिछले 8 सालों में उनकी कप्तानी में कोई चैंपियनशिप नहीं जीती और दूसरी ओर रोहित की कप्तानी में मुंबई ने 4 ट्रॉफी जीती।
कोहली की कप्तानी में, भारत 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल और 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचा- जो क्रिकेट इन टूर्नामेंट में पहले खेली वह नॉकऑउट मैच में नज़र नहीं आई ।इसमें कोई शक नहीं कि अगर बारिश नहीं होती तो 2019 वर्ल्ड कप और 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का नतीजा शायद कुछ और होता लेकिन यह कप्तान के हाथ में नहीं। कप्तान ऐसी टीम बना सकता है जो दुनिया की किसी भी टीम को हरा सके और विराट कोहली ने ऐसा किया है।
दूसरी तरफ रोहित शर्मा न सिर्फ आईपीएल के सबसे कामयाब कप्तान में से एक हैं- कोहली की गैरमौजूदगी में जब भी वाइट बॉल इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत की कप्तानी की- आम तौर पर सभी को प्रभावित किया है। 2013, 2015, 2017, 2019 और 2020 में मुंबई इंडियंस को पांच आईपीएल खिताब दिलाए- इनमें से चार बार वे कप्तान थे। विराट कोहली के इलेवन में हुए बिना, टीम इंडिया के लिए रोहित ने 10 वन डे में से 8 जीते- इसमें 2018 एशिया कप शामिल है। टी 20 इंटरनेशनल में रोहित ने 19 मैच में से 15 में जीत हासिल की- इसमें 2018 में निदहास ट्रॉफी जीत शामिल है।
जब भारत 2019 वर्ल्ड कप के सेमी फाइनल में हार के साथ बाहर हुआ तब तो न सिर्फ कप्तान बदलने का मामला चर्चा में आया था- विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच आपसी तकरार भी खूब चर्चा में रही थी।इस किस्से को तब और हवा मिली जब :
- रोहित शर्मा ने विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया।
- रोहित शर्मा ने उस मैनेजमेंट कंपनी से अपना अकाउंट हटा लिया जिसमें वे और विराट कोहली दोनों थे ।
- यहां तक कि वर्ल्ड कप के बाद ड्रेसिंग रूम में भी इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों के बीच अनबन की ख़बरें आईं।
इसलिए विराट कोहली को ऐसी तकरार और ख़बरें सुनने की आदत हो गई होगी और यह मान भी लें कि ये सब ख़बरें गलत हैं- तब भी अगर वास्तव में वे कोई बड़ा टूर्नामें नहीं जीत पाए तो इन ख़बरों को सच्चाई में बदलने में देर नहीं लगेगी। देश भर के क्रिकेट प्रेमी इस गर्मा गर्म बहस में शामिल हैं और सोशल मीडिया भरा पड़ा है ‘वकालत’ से।
कई इस नई सोच के साथ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे कोहली बिना दबाव पूरा ध्यान अपनी बल्लेबाजी पर लगा सकेंगे। दूसरी तरफ वे जो कोहली की कप्तानी के साथ हैं- उन्हें डर है कि उनके हटते ही टीम का वह अटैकिंग रवैया ख़त्म हो जाएगा जो विराट कोहली की पहचान रहा है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन सहित विदेशी खिलाड़ियों ने भी कोहली की साहसिक और तेजतर्रार ब्रैंड क्रिकेट की तारीफ़ की है- इस रणनीति ने कई बार दूसरी टीम को मैदान पर झुकने पर मजबूर किया। लॉर्ड्स और ओवल में थ्री लायंस पर भारत की हालिया जीत इसी बहुचर्चित रवैये का सबूत हैं।
उस पर अब बोर्ड कोहली की मदद के लिए धोनी को मेंटोर बनाकर ले आए हैं – ये कहीं न कहीं कोहली के लिए नेगेटिव हो जाता है। इसीलिए एक बार फिर कप्तान बदलो की मुहिम चर्चा में आ गई। क्या वास्तव में वाइट बॉल क्रिकेट के लिए विराट कोहली की कप्तानी को ख़तरा है? इस सवाल का जवाब न सिर्फ आईसीसी टी 20 वर्ल्ड कप के नतीजे, आईपीएल के नतीजे से भी मिलेगा। अगर विराट कोहली 17 अक्टूबर से 14 नवंबर तक के टूर्नामेंट में नाकामयाब रहे और दूसरी तरफ मुंबई ने आईपीएल को जीत लिया तो सेलेक्टर्स कुछ अलग सोचने पर मज़बूर हो जाएंगे। भले ही बीसीसीआई ने हाल -फिलहाल इन रिपोर्ट को “बकवास” बताकर खारिज कर दिया है पर एक पुरानी कहावत है कि धुंआ तभी दिखाई देता है जब आग लगती है।
टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रदर्शन शायद भारत के कप्तान के रूप में उनके भाग्य का फैसला करेगा। वर्ल्ड कप किसी भी क्रिकेटर, ख़ास तौर पर कप्तान के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है।टीम इंडिया को 2022 और 2023 के बीच दो वर्ल्ड कप- टी 20 और वन डे खेलने हैं। गलत समय पर कप्तानी से जुड़ा कोई भी फैसला टीम की लय बिगाड़ देगा।
- चरनपाल सिंह सोबती