fbpx

टोक्यो 2020: टेनिस में सनसनीखेज खबर ये आई कि इस साल की विंबलडन चैंपियन एशले बार्टी सिंगल्स के पहले ही राउंड में 48वीं रैंकिंग की स्पेनिश सारा सोरिब्स टॉर्मो से 6-4, 6-3 से हार गई। बार्टी को इस हार की वजह से नहीं, उनके टेनिस के साथ साथ क्रिकेट कनेक्शन के लिए याद किया जा रहा है। जी हाँ, बार्टी टेनिस के साथ साथ क्रिकेट भी खेल चुकी हैं।

वर्ल्ड नंबर 1 एश बार्टी ने इस साल ऑल इंग्लैंड क्लब में 9 साल के इंतजार के बाद, फाइनल में कैरोलिना प्लिस्कोवा को 6-3 6-7 (4) 6-3 से हराकर अपना पहला विंबलडन सिंगल्स टाइटल जीता – 1971 में चैंपियन इवोन गुलागोंग के बाद महिला सिंगल्स टाइटल जीतने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई।वे टोक्यो तो आई थीं विंबलडन और ओलंपिक गोल्ड का डबल बनाने – सिर्फ स्टेफी ग्राफ (1988), तथा वीनस (2000) और सेरेना (2012) विलियम्स ने ही एक ही साल में विंबलडन और ओलंपिक दोनों टाइटल जीते हैं। ये तो हो गई उनकी टेनिस की बात।

अब जिक्र करते हैं क्रिकेट के टेनिस से कनेक्शन का। देखिए :

  • पहले दो विंबलडन सिंगल्स चैंपियन स्पेंसर गोर (1877) और फ्रैंक हैडो (1878) फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेले ।
  • एंथनी वाइल्डिंग (विंबलडन सिंगल्स चैंपियन 1910-1913) कैंटरबरी (1901-02) के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले।
  • इनके बाद से एश बार्टी क्रिकेट खेलने वाली सबसे मशहूर विंबलडन सिंगल्स चैंपियन है।
  • एरिक स्टर्गेस ने 1949 में (शीला पिएर्सी-समर के साथ) और 1950 में (लुईस ब्रॉ के साथ) मिक्स्ड डबल्स जीता और दक्षिण अफ्रीका (1942-43) में दो फर्स्ट क्लास मैच खेले।
  • हालांकि भारत के कोटा रामास्वामी ने कोई विंबलडन टाइटल नहीं जीता पर 1936 में इंग्लैंड में दो टेस्ट खेले – 40 साल की उम्र में। वे 1922 में विंबलडन सिंगल्स में खेले – पहला मैच जीता लेकिन दूसरा हार गए। बाद में डेविस कप में भी खेले। अपने पहले टेस्ट में 40 और 60 रन बनाए थे।
  • क्लाउड बटलिन ने मेक्सिको में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला और 1908 में मेक्सिको के पहले नेशनल टेनिस चैंपियन भी थे।
  • एशले बार्टी दो ग्रैंड स्लैम टाइटल (2019 :फ्रेंच ओपन और 2021: विंबलडन) और साथ में क्रिकेट भी खेलीं।

ऐसे खिलाड़ियों के बारे में सुनना बड़ा दिलचस्प होता है जो एक से ज्यादा खेल में माहिर रहे – खासकर आज के अल्ट्रा स्पेशलिस्ट के जमाने में। क्या बार्टी ने क्रिकेट और टेनिस साथ साथ खेली? नहीं – 2014 में, टेनिस से ब्रेक लिया और किसी ऑफिशियल कोचिंग के बिना क्रिकेट खेली। वे तो थोड़े दिनों के लिए ऑस्ट्रेलियाई अंडर -15 महिला क्रिकेट टीम की कोच भी रहीं। 2016 में, टेनिस में वापसी की। बार्टी ने टेनिस करियर से ब्रेक के बाद ऑस्ट्रेलिया की एलीट टी 20 चैंपियनशिप वूमंस बिग बैश लीग में खेलने के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। कुल 10 मैच खेले ब्रिसबेन हीट्स के लिए और उनका टॉप स्कोर 39 था। जल्दी ही महसूस हो गया कि उनका करियर क्रिकेट नहीं, टेनिस है और टेनिस में वापस आ गई। उनके बारे में कुछ और :

  • 14 साल की उम्र में जूनियर विंबलडन चैंपियन।
  • अब 12 करियर सिंगल्स टाइटल। जून 2019 में डब्ल्यूटीए रेंकिंग में नंबर 1 बनने के बाद से टॉप खिलाड़ियों में से एक।
  • क्रिकेट के अलावा गोल्फ भी खेली – 2020 सितंबर में स्थानीय क्लब चैंपियनशिप जीती।
  • उन्हें अक्सर अमेरिकी फुटबॉल या ऑस्ट्रेलियाई रूल्स फ़ुटबाल के साथ प्रोफेशनल टेनिस मैचों के लिए वार्मअप करते देखा जा सकता है।

भारत के सी रामास्वामी के विस्तार से जिक्र के बिना ये संदर्भ अधूरा रह जाएगा। कोटा रामास्वामी (जन्म 16 जून 1895) बुची बाबू नायडू के सबसे छोटे बेटे थे – अच्छे बाएं हाथ के बल्लेबाज जिनका 27 साल का फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर था। 53 फर्स्ट क्लास मैचों में 28.91 की औसत से 2400 रन बनाए थे, जो उस जमाने को देखते हुए बड़ी अच्छी गिनती है – 2 सेंचुरी और साथ में 33. 06 औसत से 30 विकेट। टेनिस में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया – किसी दूसरे खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सिर्फ दो टेस्ट क्रिकेटरों में से एक (दूसरे : हॉकी में एमजे गोपालन)।

रामास्वामी 1923 तक कैम्ब्रिज में पढ़े। वहीं डबल्स में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए खेले और नीदरलैंड दौरे पर मैच जीतने के बाद उन्हें डेविस कप टीम के लिए चुना गया। भारत ने बेकेनहैम में खेले पहले मुकाबले में रोमानिया को 5-0 से हराया। रामास्वामी सिर्फ डबल्स में खेले (डॉ हसन-अली फ़ेज़ी के साथ) और निकोले मिसू और मिसू स्टर्न के विरुद्ध मैच 6-2, 6-4, 6-0 से जीता। वह उस साल विंबलडन में भी खेले – शानदार वापसी करते हुए ब्रिटेन के यूलिसिस विलियम्स को पहले राउंड में 5-7, 8-10, 6-0, 14-12, 6-3 से हराया। निकोले मिसू ने बदला लिया और 6-1, 6-4, 6-3 से हराया। रामास्वामी स्पेन के विरुद्ध भारत के अगले डेविस कप मुकाबले में डबल्स में खेले। हालांकि भारत टाई 1-4 से हार गया पर रामास्वामी और डॉ फीज़ी ने एडुआर्डो फ्लेकर और मैनुअल डी गोमर की टॉप जोड़ी को 3-6, 7-5, 11-9, 8-10, 6-4 से हराया। ये मैराथन मुकाबला था। टेस्ट क्रिकेट में 56.67 की औसत से 170 रन बनाए और उनका औसत भारतीय बल्लेबाजों में चौथा सबसे ज्यादा है।

  • चरनपाल सिंह सोबती
One thought on “विंबलडन चैंपियन एशले बार्टी क्रिकेट भी खेली हैं और ऐसा करने वाली वे अकेली नहीं हैं”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *