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 बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट सीजन 2024-25 के लिए कैलेंडर की घोषणा के साथ ही ऐसा लगता है कि एक और सीजन सामने है। इतनी जल्दी कैलेंडर बनाने के लिए (और वह भी पिछले सीजन के दौरान आई दिक्कतों को दूर करने की कोशिश के साथ) बीसीसीआई मशहूर नहीं है। इंटरनेशनल क्रिकेट के मैचों की भीड़ के सामने घरेलू क्रिकेट का पिछड़ना हर सीजन की कहानी है भारत में।

दलीप ट्रॉफी : सीजन की शुरुआत होगी रेड बॉल क्रिकेट से और सबसे पहले दलीप ट्रॉफी खेलेंगे- 5 सितंबर से अनंतपुर में। इस इंटर जोन टूर्नामेंट को 2022 से पहले, तीन साल तक नहीं खेले थे और जबरदस्त आलोचना के बाद इस की वापसी हुई। पिछले दोनों फाइनल वेस्ट जोन और साउथ जोन के बीच हुए हैं- स्कोर 1-1 है। इस टूर्नामेंट के स्वरूप और घरेलू क्रिकेट में महत्व पर लंबी बहस के बाद इस सीजन में दलीप टॉफी का स्वरूप बदलेगा- अब यह इंटर जोन टूर्नामेंट न हो कर, 4 ऐसी टीम के बीच खेलेंगे जिन्हें बीसीसीआई की सेलेक्शन कमेटी चुनेगी। स्पष्ट है कि इरादा खिलाड़ियों के उस बड़े पूल को मौका देने का है जो भारत के टेस्ट सीज़न में खेलने के दावेदार हों। 

इंटरनेशनल कैलेंडर में इस बार भी मैचों की कमी नहीं। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश , दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के विरुद्ध सीरीज हैं।

ईरानी कप : वापस घरेलू क्रिकेट पर लौटते हैं। रणजी ट्रॉफी के लिए पारंपरिक कर्टन-रेजर ईरानी कप 1 अक्टूबर से शुरू होगा। 

रणजी ट्रॉफी : 11 अक्टूबर, 2024 से रणजी ट्रॉफी (प्लेट और एलीट) शुरू होगी। इस बार रणजी ट्रॉफी का स्वरूप बदल रहे हैं। नोट कीजिए-

  • अब रणजी ट्रॉफी दो हिस्सों में खेलेंगे- इन दो हिस्सों के बीच की विंडो वाइट बॉल क्रिकेट के लिए है। 
  • पहले हिस्से में रणजी ट्रॉफी मैचों के पहले 5 राउंड। बचे दो राउंड और सभी 3 नॉकआउट मैच (क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल) दूसरे हिस्से में।  
  • पिछले सीजन में, रणजी ट्रॉफी के ज्यादातर मैच जनवरी और मार्च के बीच खेले थे- विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी 20) खत्म होने के बाद। 
  • इस बार, रणजी ट्रॉफी अक्टूबर में शुरू होगी। वाइट बॉल क्रिकेट के दो टूर्नामेंट इन दो हिस्सों के बीच फिट हो जाएंगे- पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और उसके बाद विजय हजारे ट्रॉफी होगी। 
  • रणजी ट्रॉफी लीग राउंड 11 अक्टूबर से 2 फरवरी तक चलेगा। 
  • नॉकआउट 8 फरवरी से 2 मार्च तक खेलेंगे।

अब आते हैं इसके स्वरूप में बदलाव के मुद्दे पर। पिछले सीजन के कैलेंडर में आई दिक्कतों को (ख़ास तौर पर मैचों के बीच कम ब्रेक और कड़ाके की ठंड और बरसात में नार्थ इंडिया में मैचों को खेलने में दिक्कत और रूकावट) कोच और सीनियर खिलाड़ियों से सलाह के बाद, बीसीसीआई ने 4 मेंबर वाले वर्क ग्रुप (सदस्य : चीफ कोच राहुल द्रविड़, एनसीए चीफ वीवीएस लक्ष्मण, सीनियर सेलेक्शन कमेटी चीफ अजीत अगरकर और बीसीसीआई जनरल मैनेजर घरेलू क्रिकेट- अबे कुरुविला) के सामने पेश किया और इस ग्रुप की सिफारिश के बाद इन बदलाव को मंजूरी दे दी। सीजन को दो हिस्सों में बांटने और मैचों के बीच ब्रेक बढ़ाने से कई शिकायत दूर होंगी जैसे कि- 

  • लगातार एक ही फॉर्मेट वाली क्रिकेट से होने वाली बोरियत से बचेंगे खिलाड़ी।
  • शार्दुल ठाकुर सहित कई खिलाड़ियों ने पिछले लंबे रणजी ट्रॉफी सीजन के बाद खिलाड़ियों के लिए ब्रेक की बात की थी- ताकि बेहतर रिकवरी और तैयारी के लिए कुछ और दिन मिल जाएं। मैचों के बीच सिर्फ 3 दिन के ब्रेक में ये सब मुश्किल हो रहा था। सिर्फ 3 दिन के ब्रेक वाले लगातार 10 मैच खेलना आसान नहीं- खासकर तब जब टीम फाइनल में पहुंच जाए। इस तरह का शेड्यूल लगातार बड़ा मुश्किल होता जा रहा था। टीम इंडिया के चीफ कोच राहुल द्रविड़ ने भी इस मुद्दे पर खिलाड़ियों को सपोर्ट किया और उनकी भी राय थी कि घरेलू प्रोग्राम बनाने में खिलाड़ियों की बात सुनें और उनकी वेलफेयर के लिए मैचों के बीच ब्रेक बढ़ाएं। अब मैचों के बीच ब्रेक 4 दिन का होगा।
  • इससे मैचों पर मौसम के असर के फैक्टर का भी हल मिल गया। जिन दिनों में नार्थ जोन में ठंड और ख़राब मौसम की शिकायत थी- उन दिनों में अब देश के दूसरे हिस्सों में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (नवंबर और दिसंबर के बीच) और उसके बाद विजय हजारे ट्रॉफी (दिसंबर में शुरू) खेल लेंगे।

सीके नायडू ट्रॉफी (अंडर-23 क्रिकेट) : इस ट्रॉफी से जुड़ी नई चर्चा है इसमें शुरू हो रहा नया पॉइंट सिस्टम। पहली पारी में बल्लेबाजी और गेंदबाजी, पहली पारी में लीड या स्पष्ट जीत के लिए पॉइंट दिए जाएंगे। अगर ये पॉइंट सिस्टम कामयाब रहा तो बीसीसीआई इसे बाद में रणजी ट्रॉफी में (2025-26 सीजन से) भी ला सकते हैं। एक और बदलाव- मैचों में टॉस खत्म और मेहमान टीम को अधिकार होगा बल्लेबाजी/गेंदबाजी चुनने का। नए पॉइंट सिस्टम को शुरू करने की वजह- अंडर-23 स्तर पर बेहतर मुकाबले वाले प्रदर्शन को बढ़ावा क्योंकि पिछले सीजन में अंडर-23 के कई मैच तो 4 सेशन में ही खत्म हो गए थे जो खिलाड़ी के लंबे समय तक पिच पर टिकने की आर्ट भूलने का संकेत बन रहा था।

हालांकि ऑफिशियल तौर पर बीसीसीआई ने अभी तक नया पॉइंट सिस्टम घोषित नहीं किया है पर संकेत हैं कि ये कुछ ऐसा होगा : 150 रन पर- 1 पॉइंट, 225 रन- 2 पॉइंट, 300 रन- 3 पॉइंट, 350 रन- 4 पॉइंट और 400 रन- 5 पॉइंट। ये रन 100 ओवर के अंदर बनने हैं। इसी तरह गेंदबाजी करने वाली टीम को 100 ओवर में लिए विकेट की गिनती पर पॉइंट मिलेंगे। 
देवधर ट्रॉफी : रणजी ट्रॉफी मैचों के बीच ब्रेक बढ़ाने और अन्य बदलाव की कीमत एक ट्रॉफी चुका रही है और बिना कोई वजह बताए बीसीसीआई ने क्रिकेट कैलेंडर से देवधर ट्रॉफी को गायब कर दिया है। पिछले सीजन में ही तो इसे फिर से शुरू किया था और अब फिर गायब। ये तो तय है कि घरेलू क्रिकेट के तंग शेड्यूल का नतीजा है ये।

देवधर ट्रॉफी लिमिटेड ओवर क्रिकेट टूर्नामेंट है- प्रोफेसर डीबी देवधर के नाम पर। इस ट्रॉफी को खेलना 1973-74 में शुरू हुआ उस समय विश्व में शुरू हो रही नई लिमिटेड ओवर क्रिकेट के लिए भारतीय क्रिकेटरों को तैयार करने में मदद के लिए। 
महिला क्रिकेट : चैलेंजर ट्रॉफी की वापसी हो रही है- टीमें नेशनल सेलेक्टर चुनेंगे। चैलेंजर ट्रॉफी आखिरी बार 2021-22 में वनडे और 2022-23 में टी20 फॉर्मेट में खेले थे। 2023-24 में जोनल स्वरूप में फिर से शुरू किया टूर्नामेंट अब चैलेंजर ट्रॉफी के तौर पर खेलेंगे। बीसीसीआई की स्टेटमेंट है- वन-डे, टी20 और मल्टी-डे फॉर्मेट में जो महिला चैलेंजर टूर्नामेंट खेलेंगे उस सभी में, नेशनल सेलेक्टर द्वारा चुनी टीम हिस्सा लेंगी। पुरुष क्रिकेट की तरह यहां भी टेलेंट पूल को बड़ा बनाने और सही खिलाड़ियों को मौका देने के इरादे से ऐसा किया जा रहा है। देश की टीम के लिए एक बेहतर फीडर सिस्टम की जरूरत है।

टीम सेलेक्शन, नेशनल कमेटी को देने की एक वजह सेलेक्शन में गलतियां और उनका विरोध भी है- उदाहरण : पिछले सीजन में जो श्रेयंका पाटिल और कनिका आहूजा नेशनल सेलेक्टर्स की नजर में थीं उन्हें अपनी जोनल टीम में जगह नहीं मिली। सीजन की शुरुआत में उनके भारत के लिए खेलने के बावजूद ऐसा हुआ। इसी तरह सतीश शुभा को इंटर-जोन रेड-बॉल टूर्नामेंट की टीम से बाहर कर दिया हालांकि सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू किया था।  इसी की एक और कड़ी, मजबूत अंडर-19 संरचना बनाना है- इस टीम को अगले वर्ल्ड कप में टाइटल का बचाव करना होगा। इनके सभी टूर्नामेंट जनवरी तक खत्म हो जाएंगे- मल्टी डे चैलेंजर ट्रॉफी को छोड़कर जो 18 मार्च से 1 अप्रैल तक खेलेंगे। 

– चरनपाल सिंह सोबती

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