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ये ठीक है कि भारत में क्रिकेट को चाहने वालों का इस समय पूरा ध्यान इंग्लैंड टीम के टूर और दुनिया के अलग-अलग देशों में खेली जा रही टी20 लीग पर है- तब भी भारत की फर्स्ट क्लास क्रिकेट चैंपियनशिप रणजी ट्रॉफी को चर्चा मिल रही है। कई उम्मीदवार कड़ी मेहनत कर रहे हैं- शायद सेलेक्टर्स रणजी प्रदर्शन को भाव दे दें। अचानक ही एक नाम अग्नि चोपड़ा का सामने आया है- ये रिपोर्ट लिखने के समय इस सीजन में टॉप स्कोरर। स्पष्ट है- कुछ खास तो किया होगा।

अग्नि चोपड़ा ने न सिर्फ रणजी डेब्यू पर 100 बनाया- करियर के पहले 4 फर्स्ट क्लास मैच में से हर एक में 100 बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। इस सीजन में अब तक 4 राउंड हो चुके हैं- हर राउंड के मैच में 100 और वास्तव में 4 मैच में 5 स्कोर 100 के। ये कोई साधारण रिकॉर्ड नहीं है क्योंकि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में और किसी ने ऐसा नहीं किया। भले ही ये रिकॉर्ड प्लेट केटेगरी में बनाया यानि कि टीम टॉप केटेगरी में नहीं- पर रिकॉर्ड तो है। वह मिजोरम के लिए खेलते हैं और अब तक के स्कोर- 166, 92 विरुद्ध सिक्किम, 166, 15 विरुद्ध नागालैंड, 114, 10 विरुद्ध अरुणाचल और 105, 101 विरुद्ध मेघालय। अपने चौथे मैच की दोनों पारियों में 100 बनाया।

वैसे तो अग्नि की बात करते हुए- ये रिकॉर्ड ही उनका परिचय होना चाहिए पर दूसरे परिचय का जिक्र भी जरूरी है। वे मशहूर फिल्म डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा (इन दिनों जिनकी फिल्म ’12वीं फेल’ को बड़ी तारीफ़ मिल रही है और इससे पहले पीके, मुन्ना भाई एम बी बी एस, मिशन कश्मीर और संजू जैसी मशहूर फिल्म डायरेक्ट/प्रोड्यूस कर चुके हैं) और मशहूर फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा के बेटे हैं।

ऐसे प्रदर्शन/रिकॉर्ड को चर्चा तो मिलनी ही है पर इस जबरदस्त फॉर्म से रिकॉर्ड का सिलसिला कहां तक चलेगा- वही देखना है। लगभग 25 साल के हैं अग्नि। खब्बू बल्लेबाज और 4 मैच के बाद कुल रिकॉर्ड रहा- 95.87 औसत से 767 रन, वह भी 110+ स्ट्राइक रेट से और इसमें 19 छक्के और 101 चौके हैं।

उनके इस रिकॉर्ड के जिक्र में एलीट के बजाए प्लेट डिवीजन में ये रन बनाने की बात खूब की जा रही है- ठीक है कि अपेक्षाकृत कमजोर गेंदबाजी की बात कर सकते हैं पर रन बनाना इतना ही आसान होता तो ढेरों अन्य बल्लेबाज भी कुछ ऐसा ही कर रहे होते। रन बनाने की भूख और हर मैच में रन बनाने का पूरा श्रेय बल्लेबाज को जाता है- अगर इसी फॉर्म को जारी रखते हैं तो एक सीज़न में 1000 रन का रिकॉर्ड ज्यादा दूर नहीं है।

नोट कीजिए- दिसंबर 2023 की शुरुआत से मिजोरम के लिए खेलना शुरू किया था- लिस्ट-ए फॉर्मेट में दो 50+ स्कोर बनाए। टी20 फॉर्मेट में जम्मू-कश्मीर के विरुद्ध 76 रन बनाए। इसके बाद ही रणजी ट्रॉफी में खेलने का सिलसिला शुरू हुआ। जब गोकुलभाई सोमाभाई पटेल स्टेडियम में, डेब्यू मैच की पहली पारी में, 179 गेंद पर 19 चौकों और 7 छक्कों के साथ 166 रन बनाकर मिजोरम का स्कोर 214 रन तक पहुंचाया तो वास्तव में रन तो सिर्फ उनके नाम थे। 7 बल्लेबाज 0 पर आउट हुए थे। सिक्किम के पहली पारी में 442/9 थे और मिजोरम ने फॉलोऑन किया। तब 74 गेंद में 92 रन बनाए और टीम का स्कोर 397 रन रहा।

जन्म डेट्रॉइट- मिशिगन (अमेरिका) में। इस जिक्र के बाद ये सवाल उठना जरूरी है कि जब परिवार का फिल्म से नाता है तो संबंध सीधे मुंबई से होगा- ऐसे में मिजोरम के लिए क्यों खेल रहे हैं? सच भी यही है कि अपना क्रिकेट करियर मुंबई में शुरू किया- 2017 में मुंबई अंडर 19 टीम के कप्तान थे। टेलेंट नजर आ रही थी। आगे बढ़ने के संकेत साफ़ थे। तभी गड़बड़ हुई। टीम के साथी क्रिकेटरों के साथ व्हाट्सअप पर चैटिंग में अंडर 19 टीम के कोच सतीश सामंत और सेलेक्टर का मजाक उड़ाया।

किसी ने ये चैट मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के ऑफिस पहुंचा दी। नतीजा- डिसिप्लिनरी एक्शन हुआ। अमोल मजूमदार की रिपोर्ट पर कप्तानी गई और कई दिन के तनाव के बाद उस सीज़न की कूच बेहार ट्रॉफी के 3 मैचों में न खेलने का प्रतिबंध लगा दिया गया। इसी किस्से ने सब बदल दिया। अग्नि ने मुंबई के लिए खेलने का इरादा छोड़ दिया और करियर को फिर से जोड़ा। 2023 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से पहले मिजोरम क्रिकेट एसोसिएशन के साथ रजिट्रेशन कराया।

अग्नि चोपड़ा को मालूम है कि जो हो चुका है, वह ही सब कुछ नहीं- चुनौती का अहसास है। बोले- ‘शायद मैं उतना अच्छा नहीं हूं इसलिए किसी ने आईपीएल में नहीं चुना। मैं चाहता हूं मुझे परिवार की पहचान पर नहीं, मेरी टेलेंट पर चुनें। एक स्टार किड होना हमेशा मुश्किल होता है।’ सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के बेटे से लेकर अग्नि चोपड़ा तक कहानी नहीं बदलती। अर्जुन तेंदुलकर भी इसकी एक मिसाल हैं। अग्नि ने इसीलिए सिनेमा की जगह क्रिकेट को चुना, चुनौतियों का सामना किया और मिजोरम तक का रास्ता बना लिया।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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