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कुछ दिन पहले अहमदाबाद में सीरीज का चौथा टेस्ट ड्रा होने के साथ ही भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से जीत ली पर कई जानकारों की राय थी कि काश सीरीज में एक टेस्ट और होता! तीन टेस्ट करामाती पिचों, कम स्कोर वाली बल्लेबाजी और रहस्यमयी स्पिन के साथ और अहमदाबाद टेस्ट ऐसी पिच पर जिसमें 5 दिनों में सिर्फ 22 विकेट गिरे।

कैलेंडर के हिसाब से इन दोनों टीम के बीच अगली टेस्ट सीरीज 2024-25 में है पर तब तक अगले मुकाबले के इंतजार की जरूरत नहीं। नरेंद्र मोदी स्टेडियम टेस्ट के बीच ही, आख़िरी दिन लंच के बाद, न्यूजीलैंड ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत के खेलने पर मोहर लगा दी- वे हेगले ओवल में रोमांचक अंदाज में श्रीलंका से टेस्ट जीते आख़िरी गेंद पर और फायदा हुआ भारत का।

डब्ल्यूटीसी के पिछले राउंड में न्यूजीलैंड ने भारत को टाइटल नहीं जीतने दिया था (2021 में, साउथेम्प्टन में एजेस बाउल में न्यूजीलैंड से हारे थे) पर इस बार टाइटल जीतने की दावेदारी तक पहुंचने में मदद की। श्रीलंका की क्राइस्टचर्च टेस्ट में दो विकेट से हार से, भारत ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया अन्यथा, फाइनल खेलने के बहुत करीब था श्रीलंका।ऑस्ट्रेलिया ने, उससे पहले इंदौर में जीत के साथ, फाइनल में, अपनी जगह पक्की कर ली थी।

तो इस तरह लंदन के द ओवल में डब्ल्यूटीसी के निर्णायक फाइनल में, पहली बार किसी न्यूट्रल ग्राउंड पर टेस्ट में भारत-ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने। अब इसे 2023 सीरीज का ही ‘एक और टेस्ट’ कहें या नया मुकाबला- उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि दोनों टीम को बहुत कुछ हासिल करना है। ये सम्मान का मुकाबला है।

अभी आईपीएल की गहमागहमी की चर्चा खत्म भी नहीं हुई होगी कि 7 जून से ये फाइनल- और वह भी क्रिकेट का बिलकुल नया अंदाज। आईपीएल 2023 फाइनल के 9 दिन बाद 7-11 जून तक और ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला लंदन के द ओवल में। इंग्लैंड में खेलना किस के लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा- इस बहस का कोई अंत नहीं पर ये तय है कि कोई पिच का तमाशा नहीं, किसी की ‘अपनी’ गेंद नहीं और मौसम क्रिकेट के लिए बिल्कुल सही- बस बरसात मेहरबानी करे। 

ऑस्ट्रेलिया पर भारत की हाल की टेस्ट सीरीज की जीत की चर्चा तो खूब होती है पर इस बात को भुला दिया जाता है कि भारत को हाल के सालों में, भारत में भी, सबसे मुश्किल चुनौती ऑस्ट्रेलिया से मिली है। जिन पिचों पर, भारत ने एक दशक से ज्यादा में 3 हार की तुलना में 36 टेस्ट जीते- उन पर ऑस्ट्रेलिया ने 2017 और 2023  में 2 टेस्ट जीते और ये मामूली उपलब्धि नहीं। डब्ल्यूटीसी के संदर्भ में अब ऑस्ट्रेलिया और भारत तीन महीने से भी कम समय में फिर से मुकाबले पर हैं।

2024 में जब ये दोनों टीम, अगली सीरीज खेलेंगी तो वह 5 टेस्ट की होगी और यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया वाले, ओवल टेस्ट को पिछली सीरीज के ‘पांचवें टेस्ट’ का नाम दे रहे हैं। वे जीते तो चांदी से बना नया कप उनका और उनका मीडिया सीरीज के 2-2 स्कोर का शोर करेगा। भारत ने टाइटल जीता तो वे ऑस्ट्रेलिया, भारत और इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिया को हरा देंगे- ये कोई मामूली रिकॉर्ड नहीं होगा। साथ में, आईसीसी ट्रॉफी न जीतने का सूखा खत्म होगा।

एक टीम भारत और दूसरी ऑस्ट्रेलिया तो ये सवाल उठना ही है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल इंग्लैंड में क्यों खेलें? न्यूट्रल ग्राउंड और सबसे ख़ास बात ये कि गैर-एशियाई। इसका जवाब ये है कि जब डब्ल्यूटीसी के बारे में सोचा था तब ही जून विंडो के कारण ही इंग्लैंड को न्यूट्रल ग्राउंड के तौर पर चुना था। दुनिया में कहीं और जून में क्रिकेट नहीं खेलते- विंडीज में खेल सकते हैं पर  बारिश होती है। ये समीकरण शायद उस दिन बदलेगा जब बीसीसीआई, नरेंद्र मोदी स्टेडियम को जून में टेस्ट के लिए सही बताने का दावा ठोकेगा।

ऐसा ही सवाल ये है कि इतने बड़े टाइटल का फैसला सिर्फ एक टेस्ट के दम पर क्यों? फैसला करने के लिए टेस्ट सीरीज क्यों नहीं- मसलन एक होम टेस्ट, एक टेस्ट दूसरी टीम की पिच पर और एक न्यूट्रल ग्राउंड पर। इसके लिए दिन किसके पास हैं? टूर्नामेंट, जो विजेता खोजने के लिए दो साल तक चलता है उसमें ‘फाइनल एक नॉकआउट गेम’ क्या सही है? इसलिए फाइनल के नाम पर 3 टेस्ट की सीरीज की बात उठती है? दो सर्वश्रेष्ठ टीम का मुकाबला है- उसे सही अंदाज तो दो। खैर- ये सब चर्चा तो चलती रहेगी पर आईपीएल के बीच भी क्या डब्ल्यूटीसी  को कोई याद कर रहा है? डब्ल्यूटीसी के और कई फेक्टर हैं जिनकी आगे भी चर्चा करते रहेंगे।

चरनपाल सिंह सोबती

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