विशाखापट्टनम टेस्ट का नतीजा चाहे जो रहे- टेस्ट का पहला दिन ये बताने के लिए बहुत है कि टेस्ट क्रिकेट किस तरह बदल रही है। ये ठीक है कि टीम इंडिया अपने सीनियर विराट कोहली की कमी हर मिनट महसूस कर रही और इंग्लैंड ने भी जेम्स एंडरसन को टेस्ट टीम में वापस बुलाया पर ये पहला दिन यूथ का था। सिर्फ कुछ महीने पहले सरे काउंटी टीम में जिस शोएब बशीर के लिए जगह नहीं थी- उसने डेब्यू किया। उम्र लगभग 20 साल, काउंटी चैम्पियनशिप डेब्यू के 6 महीने बाद टेस्ट टीम में या यूं कहिए जो पिछले साल सितंबर में बर्कशायर अंडर-18 के लिए खेल रहा था- इंग्लैंड के अटैक की सबसे बड़ी उम्मीद है और 28 ओवर फेंकना इसी का सबूत है।
बशीर को पिछले महीने यूएई में इंग्लैंड लायंस के ट्रेनिंग कैंप के लिए चुना था तो वास्तव में वे रडार पर थे। 67 की औसत से सिर्फ 10 फर्स्ट क्लास विकेट और बैट के साथ कोई ख़ास स्किल नहीं। तब भी इंग्लैंड ने लायंस टीम के 7 स्पिनरों में से उसे बुला लिया- भारत में रेहान अहमद और टॉम हार्टले के साथ खेलने। क्या आप विश्वास करेंगे- अपने फर्स्ट क्लास डेब्यू पर पहले ओवर में सर एलिस्टर कुक जैसे सीनियर को दो बार बीट किया और इसी ओवर की वीडियो देखकर तय हो गया कि उसे भारत भेजना है। अब टेस्ट टीम चुनने की आर्ट बदल रही है।
पिछले साल रेहान अहमद ने डेब्यू किया और अब बशीर ने। इंग्लैंड जो कभी युवा क्रिकेटरों को चुनने में बहुत रूढ़िवादी था- अब बशीर और अहमद को अंडर 19 को पार करते ही खेलने का मौका दिया। पिछले सीजन में रेहान ने 66 औसत पर 8, हार्टले ने 44 पर 19 और बशीर ने 67 पर 10 विकेट लिए थे। इन्हें मौका देना बदलते समय का प्रतीक है। उसके बाद टीम के चौथे स्पिनर जैक लीच की फिटनेस ने बशीर को प्लेइंग इलेवन में जगह दिला दी।
टेस्ट में जिमी एंडरसन भी खेल रहे हैं- टेस्ट क्रिकेट में लगातार 22वां साल। 20 साल के बशीर का जन्म 41 साल के एंडरसन के मई 2003 में टेस्ट डेब्यू के 114 दिन बाद हुआ था। वीजा मामले ने उलझाया और कुछ दिन प्रैक्टिस भी नहीं की पर स्टोक्स को इससे कोई परेशानी नहीं थी- ‘ऐसा नहीं है कि इस सब में वह भूल गया है कि कैसे गेंदबाजी करनी है?’ 6 फीट 4 इंच लंबे बशीर- एंडरसन के लॉर्ड्स में डेब्यू के बाद इंग्लैंड के 99वें खिलाड़ी।
एंडरसन की नजर 700 विकेट के रिकॉर्ड पर- सिर्फ शेन वार्न (708) और मुथैया मुरलीधरन (800) यहां पहुंचे। विकेट की भूख अभी भी बरकरार है। स्टोक्स ने उनके भारत में इस टेस्ट से पहले के रिकॉर्ड (29 की औसत से 34 विकेट, 2.65 रन प्रति ओवर इकोनॉमी रेट) को नहीं 183 कैप्स के अनुभव को देखा।
भारत ने अच्छी बल्लेबाजी पिच पर 336-6 बनाए। इसी में एक और युवा स्टार यशस्वी जायसवाल चमका- पारी में पहली गेंद से आखिरी गेंद तक पिच पर और स्कोर 179*। उम्र 22 साल, आईपीएल में नाम बनाया पर अब देश के अगले क्रिकेट आइकन के तौर पर विराट कोहली की विरासत संभालने के लिए तैयार। कभी भी इंग्लैंड के गेंदबाजों को राहत नहीं लेने दी- अपने 100 के लिए 17 चौके और 5 छक्के इसी का सबूत हैं। पिछले साल डोमिनिका में अपने पहले टेस्ट में 100 और अब एक और 100 का स्कोर। दिन यशस्वी और बशीर (2 विकेट और 1 कैच) का हो गया।
कितनी हैरानी की बात है कि अकेले जो रूट ने भारत की पूरी लाइन-अप की तुलना में अपने बैट से ज्यादा टेस्ट रन बनाए हैं- ऐसे में अनुभवी रोहित का विकेट बड़ा ख़ास था और यही बशीर को मिला। उसके बाद मोर्चा यशस्वी ने संभाला- बशीर से भी ज्यादा अजीब स्टोरी वाला क्रिकेटर। उत्तर प्रदेश से मुंबई, आज़ाद मैदान में एक ग्राउंड्समैन के टेंट में भी रहना पर आज ध्यान एक बेहतर क्रिकेटर बनने के लक्ष्य पर है। जैसे ही हार्टले को लॉन्ग-ऑन पर 6 मारकर 100 पूरा किया और हेलमेट पर लगे बैज को चूमा- इरादा साफ़ नजर आ रहा था। श्रेयस अय्यर के साथ तीसरे विकेट के लिए 90 और रजत पाटीदार के सीनियर पार्टनर के रोल में 70 और जोड़े और इसके बाद अक्षर पटेल के साथ 52 रन की पार्टनरशिप।
2021 में पहले टेस्ट के बाद इंग्लैंड के 1-0 से आगे होने के बाद, भारत की पॉलिसी एकदम स्पिन पिच बनाने की थी- ऐसा लग रहा है राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा कुछ अलग सोच रहे हैं। टेस्ट बहरहाल पहले दिन के लिए ही ख़ास बन चुका है।
- चरनपाल सिंह सोबती