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बीसीसीआई ने पिछले दिनों अपनी क्रिकेट के टाइटल अधिकार बिना ख़ास चर्चा और शोर के बेच दिए। इसकी एक सबसे बड़ी वजह है वैल्युएशन में सुधार यानि कि बीसीसीआई ने खुद मान लिया है कि जिस कीमत पर वे क्रिकेट बेच रहे थे- वह सिलसिला अब रुक रहा है। सबूत अभी कुछ दिन पहले बेचे जर्सी स्पांसर अधिकार के कॉन्ट्रैक्ट में ही मिल चुका है- ड्रीम11 ने 150 मैचों के लिए 358 करोड़ रुपये में ये अधिकार खरीद लिए। टीम इंडिया के क्रिकेटरों को जितना लोकप्रिय माना जाता है- उसे देखते हुए ये रकम कोई ख़ास नहीं। सच ये है कि बीसीसीआई को तो लंबी खोज के बाद भी कोई स्पांसर नहीं मिल रहा था। इसलिए ड्रीम11 (गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म) का बीसीसीआई बैंडवैगन में शामिल होना ही बोनस है।

अगला नंबर टाइटल स्पांसर का है। ज्यादा पीछे नहीं जाते और 2015 से देखते हैं। पेटीएम (PayTm) उस साल टाइटल स्पांसर बने 2.4 करोड़ रुपये प्रति मैच की कीमत पर और जब 2019 में नया कॉन्ट्रैक्ट किया तो कीमत हो गयी 3.8 करोड़ रुपये प्रति मैच। ये बढ़ी कीमत, उन्हें बहुत भारी पड़ी और वे किसी भी तरह से ये स्पांसरशिप जुलाई 2022 में मास्टरकार्ड को, उसी कीमत पर ट्रांसफर कर, खुद निकल गए। मास्टरकार्ड का कॉन्ट्रैक्ट मार्च 2023 में ही खत्म हो गया था पर बीसीसीआई तब से इन्हें नए सिरे से बेचने से पहले, बाजार ठीक होने का इंतजार कर रहे थे। अब जबकि क्रिकेट सीरीज सामने है तो और इंतजार नहीं कर सकते थे- ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सीरीज है।

बीसीसीआई ने टाइटल अधिकार टेंडर में प्रति मैच बेस कीमत रखी 2.4 करोड़ रुपये यानि कि जो प्रति मैच 3.8 करोड़ रुपये मिल रहे थे उससे कम और 2015 वाली कीमत के बराबर। मालूम था कि इन अधिकार को खरीदने के ज्यादा दावेदार नहीं हैं बाजार में- इसलिए बीसीसीआई ने ऑक्शन की तो बात ही नहीं की। 

किस्मत देखिए कि इस रिकॉर्ड के बावजूद बीसीसीआई को घरेलू स्तर पर तीनों फॉर्मेट में, 2023-26 (3 साल) के लिए, दो टीम वाली सीरीज का टाइटल स्पांसर मिल गया और सबसे ख़ास बात ये कि एक बैंक है उनका नया स्पांसर पार्टनर। प्राइवेट सेक्टर के बैंक- आईडीएफसी फर्स्ट ने 56 मैच के लिए 369.6 करोड़ रूपये में अधिकार खरीद लिए यानि कि प्रति मैच कीमत 6.6 करोड़ रुपये जो बेस प्राइस से लगभग 2.7 गुना और मौजूदा वेल्युएशन का 1.7 गुना है। कुछ रिपोर्ट में प्रति मैच कीमत फर्क लिखी है- जो मैच की गिनती में फर्क की वजह से है पर कॉन्ट्रैक्ट इसी रकम का है।

तो कहां तो दो टीम वाली सीरीज की घटती लोकप्रियता का अंदाजा लगाकर बीसीसीआई ने मास्टरकार्ड से  मिल रहे 3.8 करोड़ रुपये से भी घटाकर बेस कीमत  2.4 करोड़ रूपये कर दी- तब भी उन्हें ज्यादा कीमत मिल गई। न सिर्फ क्रिकेट पंडित इस पर हैरान हैं- बैंकिंग में भी जानकार आश्चर्यचकित हैं। बीसीसीआई ने तो खुश होना ही है और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सभी इंटरनेशनल मैच (महिला और पुरुष दोनों), घरेलू क्रिकेट मैचों जैसे ईरानी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी और बीसीसीआई द्वारा आयोजित जूनियर क्रिकेट के स्पांसर होंगे- भारत में आयोजित मैचों के। उनके अतिरिक्त सिर्फ सोनी नेटवर्क इन अधिकार के दावेदार थे पर वे इनसे बहुत कम पैसा दे रहे थे।

सबसे बड़ा सवाल है कि क्या ये बैंक इतनी कमाई कर रहा है कि अगले तीन लगातार साल वे क्रिकेट स्पांसरशिप पर 100+ करोड़ रुपये हर साल खर्च करते रहें। बैंक की वेबसाइट पर दिए ब्योरे के मुताबिक, बैंक का जो प्रॉफिट आफ्टर टैक्स  2022 फाइनेंशियल ईयर में सिर्फ 145 करोड़ रूपये था वह 2023 में 2437 करोड़ रुपये हो गया।

ये पहला मौका नहीं है कि कोई बैंक देश की क्रिकेट में स्पांसर बना। पिछली शताब्दी के 90 के सालों में, न्यूजीलैंड में एएनजेड बैंक (ANZ Bank) स्पांसर रहे क्रिकेट के। इसी तरह दक्षिण अफ्रीका में स्टैंडर्ड बैंक (Standard Bank), ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक (Commonwealth Bank) और इंग्लैंड में 36 साल तक  नेटवेस्ट बैंक (NatWest Bank) बड़े मशहूर क्रिकेट स्पांसर रहे हैं। इस समय भी इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के सबसे बड़े क्रिकेट स्पांसर मेट्रो बैंक (Metro Bank) हैं। अब वे घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ  इंटरनेशनल क्रिकेट भी स्पांसर करेंगे और इस का कॉन्ट्रैक्ट सितंबर 2023 से शुरू हो रहा है- महिला और पुरुष वनडे इंटरनेशनल के लिए वे टाइटल पार्टनर हैं।

ये सोचना भी गलत है कि भारत में कोई बैंक पहली बार क्रिकेट में बड़ा स्पांसर बना है। ज्यादा पीछे नहीं जाते और स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) इक्विटास (Equitas),एयू (AU), उज्जीवन (Ujjivan) और फिनो पेमेंट्स बैंक (Fino Payments Bank) टीम स्पांसर रहे हैं। इनमें से हर बैंक ने कहा कि एक आम आदमी तक अपना नाम पहुंचाने के लिए क्रिकेट से बेहतर जरिया और कोई नहीं हो सकता।

एयू और उज्जीवन 2021-22 की भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट और वनडे सीरीज के प्रमुख स्पांसर में से थे। स्टेडियम में बाउंड्री और कई स्टैंड पर इन बैंकों के होर्डिंग लगे हुए थे। आईपीएल 2023 में इक्विटास और फिनो टीम पार्टनर थे- इक्विटास एसएफबी ने विराट कोहली वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और हार्दिक पांड्या वाली गुजरात टाइटन्स जबकि फिनो ने राजस्थान रॉयल्स के साथ टीम पार्टनरशिप की। इक्विटास ने तो भारत की सबसे लोकप्रिय महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना को अपना ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है। इसी तरह, बंधन बैंक ने जनवरी 2023 में भूतपूर्व कप्तान सौरव गांगुली के साथ एक मार्केटिंग कैंपेन शुरू किया था। आईपीएल टीमों के साथ तो एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और यस बैंक भी पार्टनरशिप कर चुके हैं।

एक समय था जब कुछ बैंक की टीम क्रिकेट खेलने में मशहूर थीं- अब बैंक स्पांसर हैं। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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