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टीम इंडिया के लिए इन दिनों की सबसे अच्छी खबर ये मानी जा रही है कि श्रेयस अय्यर को एनसीए के रिहैबिलिटेशन सेंटर ने ‘फिट’ घोषित कर, रिलीज कर दिया है। सेलेक्टर्स उन्हें पहले ही एशिया कप की टीम में चुन चुके हैं और इस तरह से एशिया कप के दौरान हर नजर श्रेयस पर रहेगी। शायद खुद श्रेयस को भी ये अंदाजा नहीं होगा कि टीम इंडिया कहां उनकी कमी सबसे ज्यादा महसूस कर रही है और एशिया कप में उनके रन उसी मुश्किल को सुलझाने की कड़ी बन सकते हैं।

भारत को वनडे वर्ल्ड कप 2023 जीतने के सबसे जोरदार दावेदार में से एक तो मान रहे हैं और सट्टा बाजार का सपोर्ट इसमें शामिल है पर टीम एक बहुत बड़ी मुश्किल से जूझ रही है। वह मुश्किल ये सवाल कि ऐसा कौन है जो नंबर 4 पर बैटिंग करते हुए टीम संभाले/रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने कहा- एशिया कप और वर्ल्ड कप से पहले भारत के लिए वनडे में नंबर 4 एक ऐसी प्रॉब्लम है जिसका कोई तय जवाब नहीं है।

इसीलिए एशिया कप की टीम चुनने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उनका बड़ा डिप्लोमेटिक जवाब था- टीम में फ्लेक्सिबिलिटी होनी चाहिए और हर बल्लेबाज अलग-अलग नंबर पर बल्लेबाजी के लिए तैयार रहे। इसका मतलब है हिट एंड ट्रायल जबकि बड़ी टीम ऐसी अस्थिरता से नहीं खेलतीं। इसीलिए आजकल आपने देखा होगा कि क्रिकेट के विद्वान न सिर्फ अपनी पसंद से वर्ल्ड कप की संभावित टीम चुन रहे हैं- ये भी बता रहे हैं कि नंबर 4 पर बैटिंग कौन करे?

रोहित शर्मा ने मान लिया है कि युवराज सिंह के रिटायर होने के बाद से कोई भी बल्लेबाजी के लिए ख़ास होने के बावजूद, नंबर 4 पर अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हुआ है। एशिया कप के बाद उनकी स्टेटमेंट इसी को सपोर्ट करती है। मजे की बात ये है कि 2015 और 2019 यानि कि पिछले दो वर्ल्ड कप में भी, इसी मुश्किल से परेशान थे और अब भी वहीं खड़े हैं। खिलाड़ी, कोच, स्ट्रेटजी और टीम फिलॉसफी बदल गई- सवाल वहीं का वहीं है।

तीन कोच-कप्तान कॉम्बिनेशन इस नंबर के लिए सही बल्लेबाज नहीं ढूंढ पाए। विराट कोहली को तैयार करने की कोशिश की पर अजिंक्य रहाणे ने पूरे वर्ल्ड कप में इस नंबर पर 6 पारियों में बल्लेबाजी की और कोहली ने एक भी नहीं। 2019 में तो और तमाशा हुआ- अंबाती रायडू को तैयार करते रहे, कई मैच में खिलाया- इसके बावजूद विजय शंकर को एक ‘आउट-ऑफ-द-बॉक्स’ विकल्प के तौर पर ले आए और उन्हें ‘3-डी स्किल’ वाला क्रिकेटर घोषित कर दिया। कोई फायदा नहीं हुआ। वर्ल्ड कप 2019 में तो भारत ने 9 मैच में नंबर 4 पर 4 बल्लेबाज आजमाए थे।

इस तरह जो भी कोशिश की- उस से मुश्किल सुलझने की जगह और उलझ गई। पिछले 4-5 साल में इंजरी लिस्ट बढ़ती रही और नतीजा- हर थोड़े मैच के बाद कोई नया खिलाड़ी वहां खेलते देखना यानि कि पूरी अस्थिरता। मिसाल के लिए- कुछ दिन पहले कहा था कि वेस्टइंडीज में तीन वनडे में इस सवाल का जवाब मिलगा पर कुछ नहीं हुआ। अब एशिया कप में, फ्लेक्सिबिलिटी की बात कर रहे हैं।

तो सीधे चलते हैं नंबर 4 से जुड़े कुछ फैक्ट के लिए 2019 वर्ल्ड कप के बाद के दौर पर-

  • श्रेयस अय्यर को सबसे ज्यादा मौका दिया- 22 मैच, इनमें से जिन 20 में बेटिंग की रिकॉर्ड- 47.35 औसत (जो उनके करियर औसत 46.60 से भी बेहतर), 2 शतक (करियर में और किसी नंबर पर 100 नहीं है), 5 अर्धशतक और 805 रन। अच्छा रिकॉर्ड पर उन्हें ख़राब फिटनेस ने धोखा दे दिया।
  • इसके अतिरिक्त, ऋषभ पंत (11 मैच में 360), केएल राहुल (4 मैच में 189), ईशान किशन (6 मैच में 106), मनीष पांडे (3 मैच में 74), संजू सैमसन (1 मैच में 51), सूर्य कुमार यादव (6 मैच में 30), विराट कोहली (1 मैच में 16), वाशिंगटन सुंदर (1 मैच में 11), हार्दिक पांड्या (1 मैच में 5) और अक्षर पटेल (1 मैच में 1) को मौका दिया- यानि कि किसी पर भी पूरा भरोसा नहीं किया।
  • वेस्टइंडीज में 3 मैच, 3 खिलाड़ी (हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और संजू सैमसन) यानि कि प्रयोग ही चल रहा था।

जैसे 2015 वर्ल्ड कप के बाद, नंबर 4 पर सबसे ज्यादा अंबाती रायडू को खिलाया इस बार श्रेयस अय्यर को। पिछले दिसंबर में बांग्लादेश और श्रीलंका के विरुद्ध 6 वनडे में 5 बार नंबर 4 पर बल्लेबाजी की-  इसी दौरान चोटिल हुए और मार्च में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में तकलीफ और बढ़ गई। तब भी आईपीएल खेले और बाक़ी की कसर आईपीएल ने पूरी कर दी।  
उसके बाद म्यूजिकल चेयर खेलना शुरू कर दिया- अगले 9 मैच में, 6 बल्लेबाज नंबर 4 पर खेले हैं। इनमें से एक केएल राहुल चोटिल हो गए और अब उन्हें नंबर 5 मान लिया है जबकि ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और संजू सैमसन में से किसी को पूरा मौका नहीं दिया। सैमसन ने कैरेबियन में आख़िरी वनडे में 50 बनाया पर वे एशिया कप की टीम में नहीं हैं।

इसी सब गफलत को देखकर, नौबत ये है कि पिछले कोच रवि शास्त्री फिर से विराट कोहली को वर्ल्ड कप में नंबर 4 के लिए ले आए हैं। वे तो विराट को 2019 वर्ल्ड कप के दौरान भी नंबर 4 बनाने पर सोच रहे थे। रिकॉर्ड वैसे उनकी बात को सपोर्ट करता है- विराट का इस नंबर पर रिकॉर्ड 42 मैच, 39 में बैटिंग, 55.21 की शानदार औसत से 1,767 रन (7 शतक और 8 अर्धशतक)।

तो अब क्या करेंगे? वर्ल्ड कप से पहले, अब ज्यादा से ज्यादा 9 वनडे और खेलने हैं- उनमें कैसे इस सवाल का जवाब मिलगा, ये टीम के कोच और कप्तान भी नहीं जानते। इसलिए राहुल द्रविड़ एशिया कप में खिलाड़ियों में फेरबदल करते और हिट एंड ट्रायल (दलील होगी- फ्लेक्सिबिलिटी) में उलझे नजर आए तो कोई हैरानी नहीं होगी। इस सब से बच जाएंगे अगर श्रेयस अय्यर ने रन बना दिए। इसलिए हर कोई चाहेगा कि श्रेयस अय्यर न सिर्फ फिट हों, फार्म में भी हों और स्कोर करें। नंबर 4 की मुसीबत खत्म हो। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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