क्या ये टी20 क्रिकेट है? विश्वास नहीं होता। पंजाब किंग्स ने केकेआर के विरुद्ध 262 रन का लक्ष्य हासिल किया जब 8 गेंद और 8 विकेट बचे हुए थे और ये भी तब जबकि पारी की आख़िरी 3 गेंद पर 3 सिंगल लिए। ऐसे तो वे 287 रन को भी पार कर लेते। अभी हैदराबाद-आरसीबी मैच की चर्चा ख़त्म भी नहीं हुई थी कि ईडन गार्डन्स में नया कमाल देखने को मिला। ऐसा लगता है आईपीएल क्रिकेट बैट और गेंद के बीच मुकाबला नहीं- एक वर्चुअल वीडियो गेम बन गया है। 27 अप्रैल का दिल्ली- एमआई मैच भी इस सबके ही बहुत करीब था।
अब तक आईपीएल ने क्रिकेट को एंटरटेनमेंट में बदला तो इसे झेल लिया पर अब तो हद ही हो गई है। 27 अप्रैल तक 1377 चौके और 814 छक्के लग चुके हैं 44 मैच में और ये गिनती अपने आप बता देती है कि कैसी तबाही हो रही है इस सीजन में। तुलना में, आईपीएल 2023 में 2174 चौके और 1124 छक्के दर्ज किए गए थे हालांकि इम्पैक्ट प्लेयर का लॉ पिछले सीजन में भी था। अभी तो ढेरों मैच बचे हैं।
बैट और गेंद के बीच फर्क शुरू से था पर अब ये बहुत बढ़ गया है- इस हद तक कि इसे क्रिकेट के लिए ख़तरा मान रहे हैं। अगर गेंदबाज यूं ही एकतरफा क्रिकेट में ‘शिकार’ होते रहेंगे तो फिर कौन गेंदबाज बनना चाहेगा? आईपीएल में गेंद और बैट के बीच की खाई या यूं कहिए कि असंतुलन दर्शकों के लिए ठीक है क्योंकि मजा आ रहा है लेकिन इससे फर्स्ट क्लास क्रिकेट ख़राब हो रहा है।
अब ये लगभग तय है कि फर्स्ट क्लास और टी20 क्रिकेट, दो पूरी तरह से अलग-अलग खेल हैं- जैसे रात और दिन। ऐसे खिलाड़ी हैं जो एक तरह की क्रिकेट में एक्सपर्ट होंगे और कुछ तो दोनों में पर आने वाले सालों में दोनों में एक ही खिलाड़ी के लिए एक्सपर्ट कहलाना आसान नहीं रह जाएगा। 15 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद ने 287-3 बनाए और जवाब में बैंगलोर ने 262-7, जिससे टी20 मैच में सबसे ज्यादा टोटल का नया रिकॉर्ड बना। स्कोरिंग रेट 14 रन प्रति ओवर से कुछ कम था। ट्रैविस हेड का 39 गेंद पर 100, दिनेश कार्तिक 35 गेंद में 83 और इन दोनों ने मिलकर 15 छक्के लगाए।
ईडन गार्डन्स में सुनील नरेन ने 32 गेंद में 71, फ़िल साल्ट ने 37 गेंद में 75 बनाए तो प्रभसिमरन ने 20 गेंद में 54, बेयरस्टो ने 48 गेंद में 108* और शशांक ने 28 गेंद में 68* और इन तीनों ने मिलकर 22 छक्के लगाए। कई नए करियर बनते जा रहे हैं इससे- फिनिशर वाला रोल 10 साल पहले मौजूद नहीं था और अब फिर से खत्म हो रहा है क्योंकि हर बल्लेबाज हर समय इसी रोल में खेल रहा है।
पिछले साल 50 ओवर वर्ल्ड कप फाइनल में मैन ऑफ द मैच ट्रेविस हेड ने आरसीबी के विरुद्ध अपनी तूफानी पारी के बाद दिल्ली कैपिटल्स के विरुद्ध 32 गेंद में 89 रन बनाए। उनके देशवासी जेक फ्रेजर-मैकगर्क ने भी अपनी हिटिंग टेलेंट का नोटिस दे दिया है। उनके रिकॉर्ड में 20 से कम औसत है फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पर टी20 में एक टॉप टेलेंट और आईपीएल 2024 में 35 गेंद में 84 और 28 गेंद में 65 जैसी दो इनिंग खेल चुके हैं और इस आईपीएल में 300+ स्ट्राइक रेट से 50+ के दो स्कोर बनाने वाले अकेले बल्लेबाज।
ये किसी से छिपा नहीं कि 2008 में टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद से स्कोरिंग रेट लगातार बढ़ा है पर इस सीज़न में तो और भी तेज़ी से। पहले 44 मैच में 220+ के 14 स्कोर और 240+ के 10 स्कोर और 60+ मौकों पर, गेंदबाजों ने एक ओवर में 20+ रन दिए जबकि एनरिक नॉर्टजे जैसे की दुर्दशा तो हैरान करने वाली है।
ऐसा क्यों हो रहा है? कुछ नया नहीं- सब मालूम है। आधुनिक बल्लेबाज पावफुल हैं, बैटिंग स्टाइल में नयापन ला रहे हैं, टेलेंट है और इस सब में मदद मिल रही है छोटी बाउंड्री और बेहतर बैट से और नतीजा ये कि टीम स्कोरिंग रेट एकदम बढ़ रहा है। 2023 के बाद से, इम्पैक्ट प्लेयर लॉ ने भी मदद की पर ये अकेला इस सब के लिए जिम्मेदार नहीं। हां ये फर्क जरूर आया कि एक हिटर सब्स्टीट्यूट मिलने से बल्लेबाजी लंबी हो गई और टॉप आर्डर के बल्लेबाज भी अटैकिंग क्रिकेट के लाइसेंस के साथ खेलने लग गए। पहले पावरप्ले के बाद, 1-2 ओवर शांति नजर आती थी- अब नहीं।
4 घंटे तक चलने वाले 20 ओवर के मैच में यह सब ठीक है लेकिन इस असंतुलन को 4 दिन के खेल तक बढ़ा दें तो नतीजा देखने लायक नहीं रहेगा। क्रिकेट का इतिहास एक युग में बल्लेबाज तो दूसरे में गेंदबाज को फायदा देता रहा है पर ये नौबत नहीं आई थी। वीरेंद्र सहवाग और एडम गिलक्रिस्ट जैसे बल्लेबाजों की बदौलत टेस्ट में भी स्कोरिंग रेट बढ़ा पर आईपीएल ने तो नई बॉउंड्री बना दी है।
ये तो तय है कि पिछले साल के 4 और 6 के रिकॉर्ड इस बार आसानी से पार हो जाएंगे। कभी आईपीएल में भी 150-160 का स्कोर मुकाबले वाला माना जाता था लेकिन आज इस स्कोर के साथ 10 में से 8 मैच तो हारेंगे ही। जब 2007 में पहले टी20 वर्ल्ड कप में स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में युवराज सिंह ने 6 छक्के लगाए तब भी भारत ने कुल 218 रन बनाए और उस समय ये एक बड़ी उपलब्धि थी। 16 साल बाद, 200 का टीम स्कोर आम हो गया है। इस सीज़न में औसत रन रेट 10 प्रति ओवर के आसपास है। सनराइजर्स हैदराबाद ने दिल्ली कैपिटल्स के विरुद्ध पहले पावरप्ले में 125 रन बनाए- 20.83 रन प्रति ओवर।
सनराइजर्स ने इस सीज़न में 3 बार 250+ बनाए हैं जिसमें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के विरुद्ध 287 शामिल हैं। अब तो 300 रन का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनने का इंतजार है- शायद इसी सीज़न में ये बन जाए।
- चरनपाल सिंह सोबती