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जुलाई 2023 में, श्रीलंका-पाकिस्तान कोलंबो टेस्ट के दौरान एक ऐसी बात हुई जिस पर उस समय ध्यान नहीं दिया। इस घटना के सेंटर में पाकिस्तान के क्रिकेटर मोहम्मद रिजवान हैं। रिजवान, टेस्ट में पाकिस्तान की प्लेइंग इलेवन में नहीं थे। देखिए हुआ क्या-

श्रीलंका ने पहले बैटिंग की और उनकी पारी शुरू होते ही रिजवान सब्स्टीट्यूट के तौर पर ग्राउंड में थे। 7वें ओवर की पहली गेंद पर रिजवान ने कैच भी लपका- शाहीन शाह अफरीदी की गेंद पर कुसल मेंडिस (6) का। ऐसा होना कोई अनोखी बात नहीं था।

जवाब में, पाकिस्तान की पारी में 3 विकेट गिर चुके थे जब विकेटकीपर सरफराज अहमद बैटिंग के लिए  आए। दूसरे बल्लेबाज अब्दुल शफीक थे। खेल के दौरान, असिथ फर्नांडो की एक गेंद सरफराज के हेलमेट के पिछली तरफ लगी। हालांकि उसके बाद भी सरफराज ने बैटिंग करते रहे, बॉउंड्री शॉट लगाए पर पूरी तरह फिट नहीं थे और जब स्कोर 344-4 था तो टीम फिजियो को पिच पर ही बुला लिया। तय हुआ कि बेहतर जांच की जरूरत है और सरफराज पेविलियन लौट गए- 22 गेंद में 14 रन बनाकर रिटायर हर्ट। उस वक्त यही कहा गया कि उन्हें जरूरी टेस्ट/जांच के लिए ले गए हैं। कुछ ओवर बाद ही ये खबर आ गई कि वे टेस्ट में आगे हिस्सा नहीं ले पाएंगे और पाकिस्तान के कनकशन सब्स्टीट्यूट के अनुरोध को मंजूरी मिल गई। सरफराज की जगह लेने, पाकिस्तान के पास रिजवान मौजूद थे और इस तरह अब रिजवान टेस्ट टीम में आ गए।

नोट कीजिए- रिजवान ने पहले तो टेस्ट में सब्स्टीट्यूट के तौर पर एक कैच लपका और फिर उसी टेस्ट में कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर टीम में शामिल। जैसे ही ये खबर आई तो एकदम किसी की समझ में नहीं आया कि ये क्या हो रहा है? क्या सब्स्टीट्यूट के तौर पर लपका कैच अब उनके टेस्ट रिकॉर्ड में जोड़ दिया जाएगा? क्या अब सरफराज की अधूरी पारी का फायदा उठाकर रिजवान बैटिंग करेंगे?

जवाब अपने आप मिला और शफीक के आउट होने पर रिजवान बैटिंग के लिए आ गए- 50* बनाए। बात यहीं खत्म नहीं हुई- दूसरी पारी में रमेश मेंडिस को स्टंप आउट कर दिया। एक खिलाड़ी की, एक ही टेस्ट में, दो अलग-अलग तरह की भूमिका का ये अनोखा नजारा था। विश्वास कीजिए- टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार देखने को मिला है। इसमें कोई शक नहीं कि ऐसा सिर्फ कनकशन सब्स्टीट्यूट का नया लॉ बनने की बदौलत ही संभव हो सका पर अनोखी बात ये रही कि टेस्ट में इस भूमिका में शामिल होने से पहले, वे एक साधारण सब्स्टीट्यूट के तौर पर एक कैच लपक चुके थे।

टेस्ट इतिहास में, इससे पहले ऐसा तो हो चुका था कि टेस्ट खेल रहे किसी खिलाड़ी ने, उसी टेस्ट में सब्स्टीट्यूट के तौर किसी को आउट किया पर ये अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि ऐसा तभी संभव हो सका जब मैच में खेल रहे उस खिलाड़ी ने, दूसरी टीम के लिए सब्स्टीट्यूट की भूमिका निभा दी हो। जिन दिनों, टीम टेस्ट में बहुत कम खिलाड़ियों के साथ खेलती थीं तो जरूरत पड़ने पर वे दूसरी टीम के किसी भी खिलाड़ी को अपना सब्स्टीट्यूट बनाकर फील्डिंग के लिए कह देते थे।

इस सिस्टम में भी सिर्फ तीन बार ऐसा हुआ जब एक खिलाड़ी ने अपनी ही टीम के विरुद्ध, सब्स्टीट्यूट के तौर पर कैच लिया- ऑस्ट्रेलिया के बिली मर्डोक (1884), एफ़ी जार्विस (1884-85) और चार्ल्स टर्नर (1886-87) के नाम है ये रिकॉर्ड। और भी मजेदार बात ये है कि इन तीन में से किसी ने भी, उस टेस्ट में, अपनी टीम की तरफ से कोई कैच नहीं लिया। इसलिए रिज़वान का रिकॉर्ड, इस संबंध में, अद्भुत है।

रिजवान को कनकशन सब्स्टीट्यूट बनाना गलत नहीं था- विकेटकीपर-बल्लेबाज की वह ड्यूटी की जो सरफराज कर रहे थे।  कुछ साल पहले तक तो रिजवान ही पाकिस्तान की टेस्ट विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद थे- तब सरफराज टीम से बाहर थे। बैट के साथ रिजवान की खराब फॉर्म की वजह से, सरफराज ने इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के विरुद्ध घरेलू सीरीज में वापसी की और दो टेस्ट में 86, 53, 78 और 118 के स्कोर के साथ अपनी जगह पक्की कर ली

कोलंबो में पाकिस्तान ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार कनकशन सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल किया। वैसे पाकिस्तान ने पहली बार कनकशन सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल तब किया था जब कामरान गुलाम ने हारिस सोहेल की जगह ली थी- इस साल जनवरी में न्यूजीलैंड के विरुद्ध तीसरे वनडे में। सोहेल को खेल के दौरान लॉकी फर्ग्यूसन की 150 किमी प्रति घंटे की बाउंसर से चोट लग गई थी।

अभी मोहम्मद रिजवान का किस्सा खत्म कहां हुआ? स्कोर कार्ड के अनुसार रिजवान ने मौके का फायदा उठाया और 67 गेंद में 50* रन बनाए पर इसमें भी तमाशा हुआ। टेस्ट में तीसरे दिन खेल खत्म होने पर पाकिस्तान का स्कोर 563-5 था और आगा सलमान 132* और रिजवान 37* पर थे। पाकिस्तान की टीम 397 रन से आगे थी। आम सोच ये थी कि पाकिस्तान को यहीं पारी समाप्त घोषित कर देनी चाहिए।

तब भी बाबर ने पारी समाप्त घोषित नहीं की। अगले दिन आगे खेले- 2 ओवर में ही रिजवान ने अपने 50 पूरे किए और उनके 50 बनाते ही बाबर ने पारी समाप्त घोषित कर दी। ये मानने वालों की कमी नहीं कि बाबर ने रिजवान को 50 पूरे करने का मौका देने के लिए ही पारी को समाप्त घोषित नहीं किया था।

टेस्ट के चौथे दिन ही नोमान अली और नसीम शाह ने श्रीलंका को 188 रन पर ढेर कर दिया और उसी दिन टेस्ट खत्म हो गया। रिजवान वहां से कहां गए? वे बाकी खिलाड़ियों से अलग हो गए और सीधे ग्लोबल टी20 कनाडा लीग में वैंकूवर नाइट्स के लिए खेलने के लिए फ्लाइट पकड़ ली टोरंटो की। टोरंटो के रास्ते पहुंचे ब्रैम्पटन यानि कि कुल 14,000 किलोमीटर दूर

इतनी लंबी फ्लाइट के बावजूद, उतर कर सीधे मैच खेले। समय में फर्क (9 घंटे 30 मिनट) ने रिजवान को फायदा दिया और तारीख के हिसाब से वे कोलंबो टेस्ट के अगले ही दिन वैंकूवर नाइट्स के लिए खेले- मैक्स ओ’डॉड को स्टंप किया, पूरी पारी (20 ओवर) में विकेटकीपिंग और फिर ओपनर के तौर पर 42 गेंद में 52* बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। ये हैं आज के क्रिकेटर! इसीलिए उनके कप्तान रासी वैन डेर डुसेन ने उन्हें इस तरह की आश्चर्यजनक कोशिश के लिए ‘सुपरमैन’ कहा- 36 घंटों में दो अलग -अलग महाद्वीप में बैक-टू-बैक 50 के स्कोर।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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